Monday, 16 February 2009

बुजुर्ग आंदोलनकारियों को मिलेगी पेंशन

चुनाव से पहले होगा ऐलानमु2यमंत्री दरबार में पहुंची फाइल देहरादून,

उ8ाराखंड राज्य के गठन की खातिर खुद को दांव पर लगाते हुए जेल और लाठी से घबराए बगैर संघर्ष करने वाले अश1त या बुजुर्ग हो चुके आंदोलनकारियों को सरकार नवाजने वाली है। उन्हें पेंशन दी जाएगी। संभवत: इसका ऐलान लोकसभा चुनाव से पहले हो जाएगा। प्रदेश सरकार आंदोलनकारियों को पहले ही सरकारी नौकरी दे चुकी है। जो लोग खुद नौकरी कर सकते थे वे नौकरी में चले गए और जिनके लिए उम्र अधिक हो जाने के कारण यह मुमकिन नहीं था, उनके आश्रित नौकरी कर रहे हैं। इसके बावजूद ऐसे लोगों की तादाद भी काफी है, जो न तो नौकरी कर सकते हैं न ही उनके आश्रित ही हैं। हालांकि, इनकी ठीक-ठीक तादाद के बारे में जानकारी नहीं है। सरकार ने जिलाधिकारियों को उनकी पहचान कर रिपोर्ट देने की हिदायत दी हुई है। ऐसे लोगों पर सरकार की जल्द ही नजरें इनायत होने वाली है। शासन सूत्रों के अनुसार सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर फैसला कर लिया है कि ऐसे आंदोलनकारियों को उनके संघर्ष का स6मान करते हुए ताउम्र पेंशन दी जाएगी। पेंशन की राशि कितनी होगी, यह तय होना है लेकिन एक आला अफसर के अनुसार यह फैसला पूरी तरह मु2यमंत्री के हाथ में है। लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही सरकार इसे लागू करने की कोशिश में है। सूत्रों के अनुसार पेंशन देने संबंधी प्रस्ताव मु2यमंत्री सचिवालय में पहुंच चुकी है। आंदोलनकारियों का चयन करने के लिए सरकार ने पहले ही मानक बना लिए हैं। आंदोलनकारी खुद के जेल जाने, आंदोलन में घायल होने के कारण अस्पताल में भरती होने या इलाज कराने, पुलिस की दैनिक डायरी में नाम शामिल होने या एलआईयू रिपोर्ट में खुद के आंदोलनकारी होने और कचहरी में अभिलेखों में खुद का नाम बतौर आंदोलनकारी शुमार होने का सुबूत दे देते हैं, तो सरकार के ऐलानों का फायदा ले सकेंगे। राज्य आंदोलनकारी स6मान परिषद की अध्यक्ष सुशीला बलूनी के मुताबिक परिषद के पास अभी आंदोलनकारियों की पूरी सूची नहीं पहुंची है। इसके पहुंचने के बाद ही मालूम चल सकेगा कि नौकरी न कर पाने वाले आंदोलनकारियों की तादाद कितनी है।

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