Saturday, 14 February 2009

वेतन व भत्तों का शासनादेश जारी

14 feb- देहरादून, : सरकार ने चुनावी बेला में कर्मियों की मुराद पूरी कर ही दी। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रम में कैबिनेट की मंजूरी के बाद कर्मियों के वेतन और भत्तों आदि के बारे में आज एक साथ दस शासनादेश जारी किए गए हैं। प्रमुख सचिव (वित्त) आलोक कुमार जैन की ओर से जारी एक शासनादेश में कहा गया है कि सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों तथा कर्मियों को राजकीय के समान वेतन तथा अन्य भत्ते देय होंगे। साथ ही यह भी कहा गया है कि सहायताप्राप्त स्कूलों को शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों का प्रतिशत तय मानक के अनुसार 10:1 करना होगा। इन स्कूलों की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। मानकों पर खरा न उतरने वाले स्कूलों को अनुदान सूची से बाहर किया जाएगा। मकान भत्ते विषयक शासनादेश में कहा गया है कि शहरों की श्रेंणी के आधार पर ग्रेड-पे का 75 से 40 फीसदी तक भत्ता देय होगा। इसके तहत राज्य के मैदानी क्षेत्रों में अब तक दिया जा रहा पर्वतीय तथा सीमांत भत्ता अब नहीं दिया जाएगा। एक हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही पर्वतीय भत्ता दिया जाएगा। एक जनवरी 06 के बाद नियुक्त कर्मियों को एक ही पे बैंड में रखने के बारे में भी जीओ जारी किया गया है।सचिवालय के अधिकारियों तथा कर्मियों के भत्ते का जीओ किए गए हैं। इसके अलावा प्रतिनियुक्ति भत्ता, परिवार कल्याण भत्ता के साथ ही बीमा योजना राशि में बढ़ोतरी का शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। एक अन्य जीओ में समयमान वेतनमान के साथ ग्रेड पे भी देने के निर्देश हुए हैं। एक जीओ में एक जनवरी-06 से 31 अगस्त 08 तक विकल्प चुनने की छूट दी गई है। इसके लिए तीन महीने का समय और बढ़ाया गया है। शासन ने एरियर भुगतान को अब नई व्यवस्था बनाई है। चालू वित्तीय वर्ष में 40 प्रतिशत, वर्ष 09-10 में 30 और वर्ष 10-11 में शेष 30 प्रतिशत का भुगतान किया जाएगा। कर्मचारी संगठन के प्रदेश प्रवक्ता डीसी नौटियाल और अरुण पांडे ने सरकार के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद जीओ जारी होने में देरी से कर्मियों में असंतोष था। उन्होंने इस फैसले के लिए मुख्य मंत्री का आभार भी व्यक्त किया है।

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