Wednesday, 18 February 2009
देहरादून, : दून विश्वविद्यालय को संस्कार व मूल्यपरक शिक्षा का माडल बनने का प्रयास करना चाहिए। मंगलवार को दून विवि के पुस्तकालय भवन का शिलान्यास करते हुए मुख्य मंत्री रिटायर्ड मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी ने ये विचार रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून स्कूली शिक्षा के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। उन्हें आशा है कि दून विवि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देहरादून को यही मुकाम दिलाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दून विवि के कुलपति व सभी शिक्षक विवि को देवभूमि के संस्कारों के अनुरूप संस्कारित शिक्षा का केंद्र तो बनाएंगे ही, यहां के विद्यार्थी भी महज डिग्रियां पाने वाले न होकर बाजार और नए जमाने की जरूरतों को पूरा करने में भी सक्षम होंगे। कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दून विश्वविद्यालय को दूसरे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों की नकल न कर अपनी विशिष्ट पहचान तो बनानी ही होगी। आधुनिक व प्राचीन शिक्षा के सामंजस्य के ज्ञान का केंद्र भी बनना होगा। दून विवि के कुलपति प्रोफेसर गिरजेश पंत ने कहा कि 1533 लाख रुपये की लागत से बन रहे छह मंजिला पुस्तकालय में पांच लाख पुस्तकें व 1000 शोध पत्रिकाएं रखी जाएंगी। उन्होंने प्रदेश के बुद्धिजीवियों से पुस्तकालय के लिए पुस्तकें, पांडुलिपियां आदि दान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सहसपुर परिसर में जैव विविधता पर और अन्य वैज्ञानिक शोध के लिए लैबोरेटरियों की स्थापना की जाएगी। इसके पहले मुख्य मंत्री ने केदारपुरम में 788.38 वर्ग मीटर में 97.48 लाख रुपये की लागत से बने 30 शिशु क्षमता वाले राजकीय शिशु गृह और 850.90 लाख रुपये की लागत से बने 9504 वर्गमीटर के टाइप-4 के 72 शासकीय आवासों का लोकार्पण भी किया। इस मौके पर राजपुर विधायक गणेश जोशी, युवा कल्याणपरिषद के उपाध्यक्ष रवींद्र जुगराण, विवि के कार्यवाहक रजिस्ट्रार रमेश चंद्र अग्रवाल, स्कूल ऑफ कम्यूनिकेशन के प्रो. प्रदीप चक्रवर्ती, नयनदीप समेत अनेक अधिकारी, कर्मचारी स्थानीय भाजपा नेता और स्थानीय जनता मौजूद रही।
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