Tuesday, 17 February 2009

पुन: जांच से आंदोलनकारियों में पुन: जांच से आंदोलनकारियों में आक्रोश

१७ feb---डीएम के आदेश के खिलाफ उक्रांद के नेतृत्व में संगठनों ने किया धरना-प्रदर्शनवर्ष-२००५ के बाद के चिक्षित आंदोलनकारियों की दुबारा जांच का विरोध देहरादून, जिला प्रशासन ने वर्ष-२००५ से अब तक चिक्षित उ8ाराखंड आंदोलनकारियों की सूची पुन: जांच के लिए एलआईयू को भेज दी है। इससे आंदोलनकारियों में आक्रोश है। उ8ाराखंड क्रांति दल की अगुवाई में आंदोलनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ मोरचा खोलते हुए धरना दिया और प्रदर्शन किया। उक्रांद की पहल पर दल के कार्यकर्ताओं के साथ ही राज्य आंदोलनकारी मंच, कौशल्या डबराल संघर्ष वाहिनी और उ8ाराखंड संघर्ष मोर्चा से जुड़े आंदोलनकारी पूर्वाक्ष कल1ट्रेट स्थित शहीद स्मारक परिसर में एकत्र हुए और वहां धरना दिया। दुपहर तक आयोजित धरने के दौरान हुई सभा में व1ताओं ने कहा कि सरकार ने पांच मानकों के आधार पर आंदोलनकारियों की चिक्षीकरण प्रक्रिया पूरी करने का शासनादेश जारी किया है। इस शासनादेश को आधार बनाते हुए जिलाधिकारी ने २० जुलाई २००५ से अब तक चिक्षित तमाम आंदोलनकारियों की सूची जांच के लिए एलआईयू को भेज दी, जबकि इन आंदोलनकारियों की सूचियां या तो सार्वजनिक हो चुकी थीं, या लंबित थीं। उन्होंने चेतावनी दी कि दोबारा जांच को भेजी गईं पत्रावलियां जल्द ही वापस न मंगाई गईं, तो आंदोलन छेड़ा जाएगा। सभा के पश्चात आंदोलनकारी जुलूस की श1ल में जिलाधिकारी कार्यालय तक गए और अपर जिलाधिकारी के माध्यम से मु2यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि इस तरह के कृत्यों से प्रशासन आंदोलनकारियों को अपमानित कर रहा है। ज्ञापन में १९७९ के बाद के सभी आंदोलनकारियों को शामिल करते हुए चिक्षीकरण होना चाहिए। आंदोलनकारियों को स6मान पत्र, पेंशन आदि की प्रक्रिया भी तत्काल पूरी करने की मांग ज्ञापन में उठाई गई है। उक्रांद नेता लताफत हुसैन के नेतृत्व में किए गए धरना-प्रदर्शन में जयप्रकाश उपाध्याय, सतीश थपलियाल, नारायण सिंह रावत, वाहिद खान, वेदानंद कोठारी, आंदोलनकारी मंच के प्रदीप कुकरेती, प्रभात डंडरियाल, अभय कुकरेती, वाहिनी की सुशीला ध्यानी, सतेश्वरी अमोली, गीता नेगी, सरोज रावत, संघर्ष मोर्चा के राजीव कोठारी, अमर सिंह रटोलिया, जनता दल-एस के नवनीत गुसाईं आदि ने शिरकत की।

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