Friday, 20 February 2009
सरकार ने डाक्टर से लेकर सोल्जर तक, हर तबके को सौगात
19feb-
डाक्टर से सोल्जर तक सौगात
देहरादून, : सरकार ने डाक्टर से लेकर सोल्जर तक, हर तबके को सौगात दी है। डाक्टरों के एनपीए का मसला हल हो गया है तो द्वितीय विश्व युद्ध के जवानों को घर पर ही जीवन प्रमाण पत्र मिलेगा। शहीद आंदोलकारियों के नाम से स्कूलों, सड़कों व अस्पतालों का नामकरण होगा, जबकि कम आय वाले एससी-एसटी के लिए दस हजार आवास बनेंगे। टिहरी झील विकास प्राधिकरण के गठन करने का निर्णय लिया गया है तो शिल्पकारों को पारंपरिक वाद्य यंत्रों का प्रशिक्षण आईटीआई में मिलेगा। अति विकलांगों के लिए सहायता राशि बढ़ी है और 22 हजार प्रतिवर्ष की आय वालों के लिए पचास वर्ग मीटर नजूल के पट्टे फ्री-होल्ड होंगे। सचिवालय के सभाकक्ष में आयोजित ब्रीफिंग में कैबिनेट में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने बताया कि टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनाया जाएगा। इसके लिए टिहरी झील विकास प्राधिकरण के गठन का निर्णय किया गया है। भगीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण लागू रहेगा। कैबिनेट में नजूल नीति पर भी चर्चा हुई। अब पचास वर्ग मीटर के उन पट्टों को फ्री-होल्ड किया जा सकेगा, जो शर्तो के अनुरूप होंगे। इसमें आय सीमा का भी आंकलन किया जाएगा। एससी व एसटी के लिए अटल बिहारी वाजपेयी आवास योजना के तहत दस हजार आवास बनाए जाएंगे। इसके लिए 36 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। शिल्पकारों को परंपरागत वाद्य यंत्रों का प्रशिक्षण देने की नई व्यवस्था की गई है। छह आईटीआई में वाद्य यंत्रों का प्रशिक्षण पांच सौ प्रशिणार्थियों को दिया जाएगा। इससे जहां एससी-एसटी को रोजगार मिलेगा, वहीं संस्कृति, परंपरा व कला को भी पोषित किया जा सकेगा। देहरादून की शिमला रोड अब शहीद गजेंद्र सिंह के नाम से जानी जाएगी, जबकि उत्तराखंड आंदोलन में शहीद लोगों के नाम से मसूरी व खटीमा में सड़कों, विद्यालयों व अस्पतालों का नामकरण होगा। खटीमा की पुरानी तहसील परिसर में शहीद स्मारक बनाया जाएगा। कैबिनेट ने फोटोग्राफिक पेपर, पैक्ड नमकीन तथा निर्माण में प्रयोग होने वाली मशीनरी पर वैट 12.5 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत कर दिया है। अति विकलांगों(70 प्रतिशत से अधिक) की सहायता राशि को चार सौ रुपये से बढ़ाकर छह सौ रुपये कर दिया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल सैनिकों को अब जीवन प्रमाण पत्र के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। नई व्यवस्था में अधिकारी इन लोगों के निवास पर जाकर ही आवश्यक कार्यवाही पूरी करेंगे। छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप कैबिनेट ने चिकित्सकों को ग्रेड-पे के आधार पर एनपीए देने का निर्णय किया गया
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