Friday, 27 February 2009
भूस्खलन से खतरे की जद में है सेम नागराजा मंदिर
Feb 26
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के पांचवें धाम सेम नागराजा मंदिर की पहाड़ी पर भूस्खलन सक्रिय होने से मंदिर को खतरा उत्पन्न हो गया है। मंदिर की सुरक्षा के लिए 350 फुट लम्बी व 50 फुट ऊंची दीवार निर्माण जरूरी है जिसके लिए रामायण प्रसार समिति ने आम जनता से सहयोग की अपील की है।
उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ स्थल सेम नागराजा को पांचवें धाम का दर्जा प्राप्त है। यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु और भक्त दर्शनों के लिए आते हैं। रामायण प्रचार समिति ने वर्ष 2006 में नागद्वार व मंदिर के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया। वर्तमान में सेम नागराजा मंदिर का निर्माण हो चुका है किन्तु अब मंदिर के नीचे पहाड़ी पर भूस्खलन से मंदिर पर खतरा मंडरा रहा है। वास्तुविद केसी कुडियाल ने बताया कि मंदिर को संकट से बचाने का एकमेव तरीका पहाड़ी पर सुरक्षा दीवार का निर्माण है। उन्होंने बताया कि करीब 350 फुट लम्बी व 50 फुट ऊंची दीवार के निर्माण से मंदिर सुरक्षित हो सकता है और दीवार के निर्माण पर करीब 18 लाख रुपए खर्च होंगे। रामायण प्रचार समिति ने सुरक्षा दीवार निर्माण का संकल्प लेते हुए भक्तों से दान देकर मंदिर को सुरक्षित करने की अपील की है। दूसरी ओर संवेदना समूह ने प्रकटा सेम के अतिरिक्त अन्य सात सेमों पर छोटे-छोटे मंदिर स्थापित करने का निर्णय लिया है। समूह के जय प्रकाश राणा, सुरेन्द्र पुरी, संतोष, कपिल पंकज समेत अन्य ने बताया कि यह कार्य श्रमदान से होगा।
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