Saturday, 7 March 2009

क्रिस्टल कं. की वसूली से बकायेदारों में हड़कंप

, नैनीताल: दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा क्रिस्टल क्रेडिट कारपोरेशन लि. के बाइंड अप के लिए नियुक्त परिसमापक दिनेश चंद ने कंपनी से लिए गए ऋणों की वसूली कार्यवाही शुरू कर दी है। परिसमापक द्वारा कंपनी से लिये गए ऋणों की वसूली की कार्रवाई प्रारंभ करते हुए तमाम बकायेदारों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इस कार्रवाई से बकायेदारों में हड़कंप मचा है। दिल्ली हाईकोर्ट में कंपनी द्वारा बाइंड अप की सूचना देने के बाद अदालत ने अधिवक्ता दिनेश चंद को परिसमापक नियुक्त कर दिया। परिसमापक द्वारा कंपनी के बकायेदारों से ऋण वसूली की कार्यवाही करते हुए अब उन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं। बकायेदारों को नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के भीतर ब्याज समेत ऋण जमा करने को कहा गया है। बताया जाता है कि वसूली कार्यवाही पूरी होने के बाद जमाकर्ताओं का धन लौटाने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। जमाकर्ताओं को कंपनी की पास बुक की मूल प्रति, एफडी की प्रमाणित प्रतिलिपि के साथ शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस बीच विधि विशेषज्ञों के अनुसार वसूली की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस धनराशि तथा कंपनी की संपत्ति की नीलामी से प्राप्त धनराशि जमाकर्ताओं को लौटाई जाएगी। हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त परिसमापक (लिक्विडेटर) द्वारा कुमाऊं के सभी जिलों के बकायेदारों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। नैनीताल व भवाली क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक बकायेदारों को नोटिस मिल चुके हैं। इस कारण उनमें हड़कंप मचा है। कोर्ट के निर्देशानुसार हो रही वसूली से उस दौर में बैंकिंग क्षेत्र में उतरी अपेस, इंपीरियल फारेस्ट्री समेत अन्य चिट फंड कंपनियों के जमाकर्ताओं में भी उम्मीद की नई किरण जगने लगी है। यहां बता दें रिजर्व बैंक के कड़े मानकों के कारण उस दौर में बैंकिंग क्षेत्र में उतरी कई कंपनियां अचानक भाग खड़ी हुई। जिस कारण जमाकर्ताओं की एफडी लैप्स हो गई, वहीं ऋण लेने वालों ने खूब चांदी काटी।

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