Friday, 27 February 2009
चुनाव के बाद ही पास हो पाएंगे नए प्रस्ताव
देहरादून: अगर लोकसभा चुनाव से पहले नगर निगम बोर्ड बैठक नहीं हो पाई तो शहर के नए विकास कार्य करीब तीन महीने तक प्रभावित रहेंगे, क्योंकि कभी भी आचार संहिता लग सकती है। बोर्ड की पिछली बैठक नवंबर में हुई थी। नगर निगम में विकास कार्यो से संबंधित नए प्रस्तावों पर बोर्ड बैठक में चर्चा होती है। इसके बाद ही उन्हें स्वीकृति मिल पाती है। आचार संहिता लगने की स्थिति में अगले कई माह तक निगम के विकास कार्यो पर विराम लग जाएगा। आचार संहिता के चलते फिलहाल मई-जून से पहले बैठक होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। आचार संहिता के दौरान विकास कार्यो की घोषणा मतदाता को प्रभावित कर सकती है, जिस कारण बोर्ड बैठक में विकास कार्यो से संबंधित किसी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकती। ऐसे में बोर्ड की बैठक बुलाने का औचित्य नहीं रह जाता। इससे साफ है कि लोकसभा चुनावों के बाद ही निगम की बोर्ड बैठक हो पाएगी। कुछ पार्षदों का कहना है कि कई बार मेयर से बोर्ड की बैठक बुलाने के लिए अनुरोध किया गया, लेकिन उन्होंने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए। अगर आचार संहिता लगने से पहले बोर्ड बैठक नहीं होती है तो लंबे समय तक बैठक नहीं हो पाएगी। उधर, मेयर विनोद चमोली ने भी माना कि अगर आचार संहिता लगने से पहले बैठक नहीं हुई तो कार्य प्रभावित होंगे। आचार संहिता लगने से पहले बोर्ड की बैठक कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत 24 फरवरी को कार्यकारिणी की बैठक रखी गई थी, जो कर्मचारियों की हड़ताल के कारण स्थगित करनी पड़ी। फिलहाल प्रयास यही है कि आचार संहिता लगने से पहले बोर्ड की बैठक करा ली जाए।
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