Thursday, 26 February 2009

जौलीग्रांट हवाई अड्डे की सूरत बदल रही है।

जमीन मिले तो होगा हवाई अड्डे का विस्तारभारतीय विमानन प्राधिकरण ने मांगी ३३ एकड़ भूमि,

सीएम ने दिलाया सहयोग का भरोसा

जौलीग्रांट/देहरादून। जौलीग्रांट हवाई अड्डे की सूरत बदल रही है। छोटी नहीं, बल्कि अब यहां पर साढ़े सात हजार फीट की लंबी-चौड़ी हवाई पट्टी तैयार हो चुकी है। जौलीग्रांट में टर्मिनल निर्माण कर यात्रियों को भारतीय विमानन प्राधिकरण ने एक बड़ी सहूलियत उपल4ध करा दी है। हवाई अड्डे का विस्तार और किया जाना है। जमीन मिले, तो यह काम बहुत जल्द शुरू हो जाएगा। भारतीय विमानन प्राधिकरण ने सीएम से ३३ एकड़ जमीन की मांग की है। मु2यमंत्री ने हवाई अड्डे के विस्तार के लिए पूरा सहयोग करने का भरोसा दिलाया है।जौलीग्रांट हवाई अड्डे की सूरत में कितनी तेजी से बदलाव आ रहा है, केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल भी इसका जिक्र करने से नहीं चूके। बकौल, पटेल-कुछ साल पहले जब वे दून आए थे, तब छोटी हवाई पट्टी का निर्माण ही चल रहा था। मगर आज तसवीर बदल गई है। इस अड्डे के विस्तार के लिए कोई कसर छोड़ी नहीं जाएगी। मु2यमंत्री बीसी खंडूरी ने भी राज्य सरकार के प्रयास गिनाए। उन्होंने बताया कि एक रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से ९९ साल की लीज पर जमीन मुहैया कराकर सरकार ने बता दिया है कि जन सुविधाओं के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है। हवाई अड्डे की राह में कोई बाधा ना हो, इसलिए सरकार ने ४१ करोड़ रुपये खर्च कर नेशनल हाईवे का रूट ही बदल दिया है। अब जमीन के लिए हर पक्ष से बात कर हल निकाला जाएगा। इनसेट--समारोह से विपक्षियों का 'बायकॉट'देहरादून। आज के कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद विजय बहुगुणा नहीं आए। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हरीश रावत भी नहीं आए, हालांकि प्राधिकरण के अफसरों का कहना था कि हर जगह गलती से उनका नाम छप गया। उनके आने का कोई कार्यक्रम नहीं था। यूपीए सरकार में एनसीपी कोटे के मंत्री प्रफुल्ल पटेल की वजह से एनसीपी के प्रदेश प्रभारी को जरूर मंच पर जगह मिल गई। दिग्गजों ने थपथपाई एक-दूजे की पीठदेहरादून। दोनों परस्पर विरोधी सरकार के दिग्गज थे, मगर आज मौका आने पर एक-दूजे की मु1त कंठ से प्रशंसा में पीछे नहीं रहे। बात हो रही है सीएम खंडूरी और केद्रीय मंत्री पटेल की। खंडूरी ने कहा-पटेल युवा और बेहद ऊर्जावान मंत्री है। जवाब में पटेल बोले-खंडूरी की कार्यशैली उनके केंद्रीय मंत्री रहते हुए पूरे देश ने देखी है। बिखरेगा पहाड़ी व्यंजनों का भी जादूजौलीग्रांट/देहरादून। आपने पहाड़ी व्यंजनों को कभी ना कभी चखा जरूर होगा। एक ही घूंट में ताजगी से भर देने वाले बुरांस के जूस की तो याद होगी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर देशी-विदेशी मेहमानों को दुनिया भर के व्यंजनों, खाद्य और पेय पदार्थों के बीच उ8ाराखंड के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका भी मिलेगा। एयरपोर्ट अथारिटी की योजना यात्रियों को उ8ाराखंड के पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद चखाने की भी है। इसलिए बहुत जल्द वह नवनिर्मित टर्मिनल में एक स्टाल पहाड़ी व्यंजनों का भी लगवाएगा। गढ़वाल मंडल विकास निगम अपने गेस्ट हाउसों में इस तरह की व्यवस्था को लागू कर चुका है। पर्यटन सीजन में यहां आने वाले लोगों को कोदे की रोटी, कोदे की खीर समेत अन्य पहाड़ी व्यंजन गेस्ट हाउसों में चखने को जरूर मिल जाते हैं। एयरपोर्ट अथारिटी इस प्रयोग को यहां पर शुरू करने के प्रति गंभीर है। एयर ट्रेफिक कंट्रोलर रमेश कुमार के अनुसार, इस बात पर सहमति बन गई है कि टर्मिनल में एक स्टाल पहाड़ी व्यंजनों का होगा। जल्द ही यह सबके सामने आ जाएगा।

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