Monday, 16 February 2009

गोमूत्र व गोबर से धनवान बनेगा उत्तराखंड

नैनीताल: पशु कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष शांति मेहरा के अनुसार राज्य में गौमूत्र व गोबर को आय का जरिया बनाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुमाऊं में शीघ्र ही गौ अनुसंधान केंद्र अस्तित्व में आ जाएगा। पशु कल्याण बोर्ड के माध्यम से गौशालाओं का निर्माण कराया जाएगा। रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्रीमती मेहरा ने बताया कि राज्य सरकार गौमूत्र को रोजगार का माध्यम बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। गैर सरकारी संगठनों को शासन के तय नियमानुसार गौशालाओं के निर्माण के लिए बजट उपलब्ध कराया जा रहा है। बाजपुर में राधे-कृष्ण गौसेवा सदन को 5 लाख रुपए प्रदान किये गए हैं। हर जिले में गौमूत्र एकत्रीकरण के लिए सेंटर बनाए जाने की कार्ययोजना बन चुकी है। उन्होंने कहा कि देहरादून के अलावा कुमाऊं में भी हाइटेक गौमूत्र अनुसंधान केंद्र खोला जाएगा। इसके लिए चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि गौवंश वध कानून को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से गौमूत्र, गोबर आदि को आजीविका से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने माना कि निकायों के अधीन होने के कारण कई खोड़ों में क्षमता से अधिक आवारा गायें रखी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों को भी गौ संरक्षण के सरकारी प्रयासों में शामिल किया गया है। उन्होंने दावा किया कि नागपुर की तर्ज पर शीघ्र राज्य में भी गौमूत्र व गोबर से दवाइयों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

No comments:

Post a Comment