Friday, 20 February 2009

जी हां, अवैध खनन से ही गिरा गौला पुल

19 feb- , हल्द्वानी: गौला पुल गिरने की जांच कर रही आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की बहुचर्चित रिपोर्ट भी आ गयी है। इसमें भी पुल गिरने का मूल कारण अवैध खनन ही बताया है। इसके अलावा पानी के बहाव को भी पुल गिरने की वजह बतायी गयी है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट शासन को मिल गयी है। वर्तमान में इसका अध्ययन किया जा रहा है। शहर के बाइपास का गौला पुल 21 जुलाई 2008 की रात अचानक ध्वस्त हो गया था। इसकी जांच के लिए शासन स्तर से सेवानिवृत्त अभियंता के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित की गयी। नेतृत्वकर्ता के विदेश जाने के कारण आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने पुल गिरने की जांच की। उन्होंने लोनिवि, वनविभाग के अधिकारियों के अलावा पुल के आसपास के लोगों से भी जानकारी हासिल की। जांच टीम ने अब रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इसमें साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि पुल की नींव के आपपास खनन किया गया। इससे पिलर कमजोर हो गये। उसमें यह भी है कि लगातार जेसीबी से खनन होने से पानी की धारा सीमित हो गयी थी। इससे पुल ध्वस्त हो गया। रिपोर्ट के आधार पर बहुत जल्द ही शासन स्तर पर बैठक होनी है। जिसमें यह तय किया जाएगा कि पुल गिरने के पीछे दोषी लोगों को विरुद्ध क्या कार्रवाई की जाये। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट पर कार्रवाई होने से वनविभाग के भी कई अफसरों के फंसने के आसार है। इसके अलावा अवैध खनन से जुड़े लोगों पर भी तलवार लटक रही है। लोक निर्माण विभाग के सचिव उत्पल कुमार सिंह ने रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए बताया कि पुल के पास से अधिक खनन निकासी से पुल ध्वस्त हुआ है। उन्होंने बताया कि जल्द ही शासन स्तर पर बैठक होने के बाद ही दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाही होगी।

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