Monday, 16 February 2009

जलविद्युत परियोजनाओं को बाहरी कंपनियों की भरमार

, देहरादून: उत्तराखंड की नई ऊर्जा नीति के तहत स्वचिह्नित बिजली परियोजनाओं के लिए 274 कंपनियों ने आवेदन किया है। इनमें 189 कंपनियां राज्य के बाहर की और 85 कंपनियां ऐसी हैं जिनके पते उत्तराखंड के हैं। 25 मेगावाट तक की बिजली परियोजनाओं के लिए दिसंबर तक आवेदन मांगे गए थे। देश भर की 274 कंपनियां इसके लिए आगे आई। इनमें अधिकांश कंपनियों ने एक से तीन परियोजनाओं के लिए आवेदन किया है। जल विद्युत निगम द्वारा जारी की गई सूची से पता चलता है कि देश भर से बड़ी-बड़ी कंपनियों ने उत्तराखंड में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए रुचि दिखाई है। चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़ समेत कई शहरों से लोग बिजली परियोजनाओं के लिए आगे आए हैं। यहां तक कि पड़ोसी हिमाचल प्रदेश के भी बड़ी संख्या में आवेदक उत्तराखंड में रुचि दिखा रहे हैं। फिलहाल जल विद्युत निगम यूडेक के सहयोग से नदी-घाटी के स्तर पर आवेदकों की सूची बनाने में लगे हुए हैं। परियोजनाओं का आवंटन कब तक होगा, इस संबंध में ऊर्जा सचिव पीके सारंगी कहते हैं कि अभी आवंटन में कुछ महीनों का समय लग जाएगा। इस संबंध में जल विद्युत निगम के चेयरमैन योगेंद्र प्रसाद का कहना है कि नदी घाटी के स्तर पर सूची बन जाने के बाद प्रत्येक परियोजना का स्थलीय निरीक्षण करना आवश्यक होगा, क्योंकि एक ही चिह्नित परियोजना के लिए कई आवेदन आए हैं। मौके पर निरीक्षण किए बिना आवेदकों के दावों का परीक्षण नहीं किया जा सकता है। 850 से अधिक परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर निपटारा करना आसान काम नहीं होगा। हालांकि अधिकारी कुछ महीनों में आवंटन होने का दावा कर रहे हों, लेकिन परिस्थितियां बता रही हैं, कि आवंटन में एक साल भी लग सकता है।

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