Tuesday, 17 February 2009

आओ बसाएं छोटी सी दुनिया

हरिद्वार: कुदरत की मार से कद में छोटे रह गए रमेश चंद्र व पूनम ने कभी परिवार बसाने की कल्पना भी नहीं की थी। किस्मत को खुद से रूठा हुआ मानकर दोनों अपनी जिंदगी बिता रहे थे। उनकी किस्मत ने ऐसा मोड़ लिया कि दोनों पूरे धूमधाम से सात जन्मों के बंधन में बंध गए। तीर्थनगरी में रविवार की रात हुई दोनों की शादी काफी चर्चित रही। जैन धर्मशाला में रविवार को शादी के लिये सजा शामियाना अपने आप में खास था। हालांकि यहां पर खाने पीने के इंतजाम सहित घरातियों की मेहमान नवाजी से लेकर बारातियों के हुल्लड़ तक सब कुछ सामान्य था। कुछ खास यह था कि साढ़े तीन फुट के देहरादून निवासी दूल्हे रमेश (26 वर्ष) और इतने ही छोटे कद की ज्वालापुर मोहल्ला कड़च्छ निवासी 21 वर्षीय दुल्हन पूनम। इनकी वजह से यह शादी यादगार बन गई। शादी की आस छोड़ चुके दोनों के चेहरों के भाव बता रहे थे कि उनके मन की मुराद पूरी हो गई है। दुल्हन के पिता प्रेम सिंह राठौर और मां बाला रह रहकर बेटी और दामाद की बलाएं ले रहे थे। देहरादून के सुभाषनगर की आदर्श कॉलोनी से पहुंची इस बारात के स्वागत से विदाई तक की हर रस्म दूल्हा-दुल्हन के छोटे कद के कारण कई रोचक प्रसंगों के साथ पूरी हुई। देहरादून में टाइटन कंपनी में काम करने वाले रमेश ने बताया कि पूनम जैसी दुल्हन पाने की उसने कल्पना भी नहीं की थी, लेकिन उसके दिल में जो चाह थी, वह आज पूरी हो गई। पूनम ने बताया कि मनपसंद और उसके कंधे से कंधा मिलाकर चल सकने वाला जीवन साथी पाने के लिये उसने तीन साल पहले नीलकंठ मंदिर जाकर मन्नत मांगी और अनेक व्रत किये।

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