Tuesday, 10 March 2009

पर्यटन नगरी में बिखरी पहाड़ की संस्कृति

मसूरी: होली की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में गढ़वाली, कुमाऊंनी, पंजाबी व हिंदी गीतों पर श्रोता खूब झूमे। मनु वंदना, जितेंद्र पंवार व किशन महीपाल के गीतों ने धूम मचाई। सोमवार को एक वेडिंग प्वाइंट में पर्वतीय बिगुल सांस्कृतिक संस्था के तत्त्‍‌वावधान में सांस्कृतिक संध्या व होली मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक जोत सिंह गुनसोला व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने किया। किशन महीपाल ने भगवान बदरीनाथ के जागर से सांस्कृतिक संध्या का आगाज किया। मनु वंदना ने गढ़वाल गीत रौंत्याली मेरी जन्मभूमि, जौनसारी गीत हौ बाबा जांदी ना साउरे, कुमाऊंनी गीत हाय काखड़ी, हिंदी गीत अंखिया न मार व होली गीत होलिया में उड़े रे गुलाल व पंजाबी में मुंडा तू पंजाबी सोणा, सुनाकर खूब तालियां बटोरीं। किशन महीपाल ने गढ़वाली गीत ओ रे सांगली आदि सुनाए। जितेंद्र पंवार ने घाम अछेगी आदि प्रस्तुतियां दीं, जबकि रेशमा शाह ने जौनसारी गीत जबी-जबी तेरी याद आदि सुनाए। गीतों पर प्रेरणा भंडारी व मनीषा पंवार ने नृत्य पेश किया। हास्य कलाकार त्रिलोक चौहान ने की प्रस्तुतियों ने लोट-पोट कर दिया। हिंदी डांस ग्रुप बीट ब्रेकर्स व पंजाबी डांस ग्रुप गबरू शौकीन ने भी समा बांधा।

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