Friday, 27 March 2009

बुर्जुगों ने चमकाया राज्य का नाम

बाजवा, रावत और सचदेवा ने फिर राष्ट्रीय स्तर पर किया कमाल दून के बुर्जुग एथलीटों ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर कमाल किया है। उन्होंने हिसार में हुई ३०वीं मास्टर्स एथलेटि1स चैंपियनशिप में दो स्वर्ण समेत आठ पदक जीते। जबकि इसका दूसरा पहलू यह है कि प्रदेश सरकार इन चैंपियनों को उनके कमाल का इनाम नहीं दे सकी है।डीएस बाजवा, बीएस रावत, जेएस सचदेवा ऐथलेटि1स में ऐसे नाम हैं जिन्होंने राज्य को लगातार सफलताएं दिलाई हैं। तीनों ने समय-समय पर जता दिया कि उम्र उन पर भारी नहीं पड़ सकती। ट्रैक एंड फील्ड में उपल4िधयां हासिल करने के लिए उनके अंदर अभी जज्बा कायम है। यही कारण है कि डीएस बाजवा अभी तक तीन एशियन मास्टर्स एथलेटि1स चैंपियनशिप में नौ मैडल जीत चुके हैं। जबकि बीएस रावत ने दो एशियन चैंपियनशिप में तीन और सचदेवा ने एक मैडल प्राप्त किया है। अब हिसार में १९ से २२ मार्च तक हुई ३०वीं राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटि1स चैंपियनशिप में भी तीनों ने एक बार फिर कमाल का प्रदर्शन कर जुलाई में फिनलैंड में होने वाली वल्र्ड मास्टर्स एथलेटि1स चैंपियनशिप के लिए अपनी दावेदारी को मजबूत किया है। डीएस बाजवा ने भाला फेंक में स्वर्ण, च1का फेंक में रजत और गोला फेंक में कांस्य पदक जीता। बीएस रावत ने लंबी कूद में स्वर्ण और त्रिकूद एवं ४०० मी. दौड़ में कांस्य पदक जीता। इसी तरह जेएस सचदेवा ने १५०० मी. और ५००० मी. दौड़ में रजत पदक जीते। लेकिन लगातार सफलताएं हासिल कर रहे इन धावकों का दर्द है कि अभी तक राज्य सरकार उनकी उपल4िधयों को महत्व नहीं दे रही है। उनका कहना है कि चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए उनको अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं। सरकार अन्य खिलाडिय़ों पर पैसे बहा रही है, परंतु वेटरन खिलाडिय़ों की किसी भी स्तर पर नहीं सुनी जा रही है।

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