Wednesday, 18 March 2009
प्रवेश बच्चे का, पढ़ाई कर रहे हैं अभिभावक
Mar 18, हरिद्वार। पब्लिक स्कूलों में एडमिशन का दौर शुरू हो गया है। हर मां-बाप की कोशिश है कि उनके बच्चे का प्रवेश अच्छे पब्लिक स्कूल में हो जाए। इसलिए वे पढ़ाई कर रहे हैं।
अब आप सोचेंगे कि बच्चों का प्रवेश पब्लिक स्कूल में ही क्यों? बच्चे का प्रवेश ही तो कराना है। स्कूल सरकारी हो या पब्लिक, लेकिन ऐसा नहीं है। कंपटीशन के दौर में हर कोई अपने बच्चों को प्रतिष्ठित पब्लिक स्कूल में पढ़ाना चाहता है। इन स्कूलों में बच्चों के एडमिशन के लिए अभिभावकों को दिमागी कसरत भी जमकर करनी होती है। स्कूलों में मोटी फीस देनी हो। हर हाल में एडमिशन तो पब्लिक स्कूल में ही कराना है। अब जब बात स्टेटस सिंबल की हो तो कोई समझौता भी नहीं किया जा सकता। इसके लिए एडमिशन के समय होने वाले साक्षात्कार से लेकर सभी प्रकार की तैयारियों में अभिभावक जुट गए हैं। सभी अभिभावक अपना आईक्यू लेवल बढ़ाया जाने के फेर में पड़ें हैं। प्रवेश के समय पर होने वाले साक्षात्कार के लिए मां-बाप जोर शोर से जुट गए हैं। यानि बच्चे को पढ़ाना है तो अभिभावकों को भी अपडेट होना पढ़ता है। आवास विकास निवासी चित्रा गौतम अपने चार वर्षीय पुत्र के एडमिशन के लिए विशेष तैयारी कर रहीं हैं। वह कहती हैं कि इस समय तो बस अच्छे पब्लिक स्कूल में बेटे का एडमिशन कराना ही प्राथमिकता है। अनविका शर्मा के पिता की यही कोशिश हैं की उनकी बेटी का एडमिशन हो जाए। अभिषेक वर्मा के पिता रमेश वर्मा भी कुछ ऐसा ही कहते हैं। वह कहते हैं कि बच्चे के भविष्य का सवाल है। तैयारी तो करनी ही पड़ेगी। अंबिका के अभिभावक अनू-मयंक साहू भी अपना ज्ञान बढ़ाने में लगे हैं। वे कहते हैं एडमिशन तो बच्चे का है, लेकिन पढ़ना तो हमें ही है। मयंक कहते हैं आज के कंपटीशन के दौर में अभिभावक को जागरूक होना जरूरी है।
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