Monday, 9 March 2009
Mar 9, 01:47 am
उत्तरकाशी। वरुणावत उपचार के तहत वर्ष 2007 से निर्माणाधीन सुरंग का निर्माण पूरा हो चुका है। 15 मार्च तक कार्यदायी संस्था सुरंग प्रशासन को सौंप देगी।
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तरकाशी जनपद वरुणावत भूस्खलन के बाद और अधिक संवेदनशील हुआ है। यहां ताम्बाखाणी से ज्ञानसू तक गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बरसात में वरुणावत से पत्थर व मलबा गिरने के कारण लगातार बंद रहता था। कई बार मलबे में वाहन फंसने से यात्रियों की जिंदगी पर भी मुसीबत का पहाड़ टूटा, और अब यह खतरा टल गया है। वरुणावत ट्रीटमेंट के तहत ताम्बाखाणी से ज्ञानसू तक 359 मीटर सुरंग का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। कार्यदायी संस्था श्रींग का दावा है कि सुरंग के ग्राउंड पर कंकरीट का कार्य 15 मार्च तक पूरा हो जाएगा। वर्तमान में करीब 215 मीटर पर कंकरीट बिछ चुका है और अब मात्र 114 मीटर पर ही कंकरीट बिछाने का कार्य शेष है। विश्व प्रसिद्ध धाम गंगोत्री के कपाट 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुलेंगे और इस बार उत्तरकाशी में यात्रियों का प्रवेश सुरंग के रास्ते होगा। इसके अलावा उत्तरकाशी राज्य का पहला ऐसा जिला होगा जहां सुरंग में प्रवेश कर यात्री शिवनगरी में प्रवेश करेंगे। केसीसी के संरक्षक केसी कुडियाल का कहना है कि सुरंग निर्माण के दौरान कई चुनौतियों से जूझना पड़ा। 330 मीटर सुरंग स्वीकृत थी ,लेकिन इसकी लम्बाई 19 मीटर और बढ़ी है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment