बीएड : !हालातनिजी कालेजों में एडमिशन की स्थिति अब तक साफ नहींशिक्षा सत्र के एक साल देर से शुरू होने की देहरादून। विवि एक होने के बावजूद अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित करने की मजबूरी। गढ़वाल विश्वविद्यालय से संचालित बीएड का कोर्स भी कई पेचों में फंसा हुआ है। कहीं एडमिशन पूरे हो चुके तो कहीं काउंसलिंग निपटी है जबकि कुछ कालेजों में एडमिशन को लेकर संशय बरकरार है। इसे लेकर बीएड छात्रों की भी सांसें अटकी हुई हैं 1योंकि अभी तक करीब ४५०० सीटों पर एडमिशन होना है।शिक्षा सत्र शुरू होने के आठ महीने बाद भी बीएड कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। सरकारी बीएड कालेजों में जहां एडमिशन की प्रक्रिया पूरी हो गई वहीं सेल्फ फाइनांस कालेजों के लिए तो काउंसिलिंग ही हुई है। जबकि प्राइवेट बीएड कालेजों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है 1योंकि कुछ बीएड कालेजों में मानक से कम अंक पर एडमिशन दिए जाने के कारण एडमिशन पर रोक लगी हुई है। शासन और विवि को इस मसले पर जवाब देना है। अगर प्राइवेट कालेजों में अप्रैल माह में एडमिशन की अनुमति मिल भी जाती है तो न सिर्फ सेशन लेट होगा बल्कि विवि को दो या तीन बार परीक्षाएं आयोजित करनी पड़ सकती हैं। सेल्फ फाइनांस बीएड कालेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने कहा कि इस देरी की वजह से करीब ४५०० छात्र-छात्राओं में संशय की स्थिति बनी हुई है। विवि के वार्षिक शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार बीएड का शैक्षिक सत्र जुलाई से शुरू हो जाना चाहिए, लेकिन अभी तक एडमिशन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। अगर मार्च महीने में एडमिशन प्रक्रिया पूरी कर ली जाए तो भी शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार समय से परीक्षा आयोजित कर लिया जाना संभव नहीं है। एसोसिएशन की ओर से विवि को प्रपोजल भेजा गया है कि सरकारी और प्राइवेट बीएड संस्थानों के लिए एक व्यवस्था की जाए। मई में एंट्रेंस, जून में रिजल्ट, जुलाई-अगस्त में एडमिशन, सितंबर से कक्षाएं और फिर अप्रैल मई में परीक्षा संपन्न कराई जाए। अब विवि पर निर्भर है कि बीएड के सत्र को पटरी पर लाने के लिए कौन सा कदम उठाया जाता है। गढ़वाल विवि के कुलपति प्रो. एचके सिंह का कहना है कि इस बार तो शिक्षा सत्र में सुधार संभव नहीं है, लेकिन अगले वर्ष से बीएड कोर्स को पटरी पर लाया जाएगा।
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