Monday, 23 March 2009
अब आपको दून का केसर मिलेगा.
चौंक गए न, कहां तो केसर का नाम लेते ही कश्मीर का नाम अपने आप ही जुड़ जाता है और यहां हम बात कह रहे हैं दून के केसर की. यह संभव हुआ है यहां के साइंटिस्ट्स व फार्मर्स की मेहनत व हौसले की बदौलत. इन फ्यूचर नहीं, इस साल भी उन्होंने दून में केसर उपजाया है. इस मेडिसीनल प्लांट्स की खेती को लेकर एफआरआई के वैज्ञानिकों में भी खुशी व्याप्त है. कीमती केसर Crotus Sativus बॉटनिकल नाम है केसर का. केसर को बलवर्द्धक मेडिसीन के रूप में जाना जाता है, जिसकी कीमत इस समय इंटरनेशनल मार्केट में करीब तीन लाख रुपए प्रति केजी है. केसर के प्रॉडक्शन में बागवान ग्रामोद्योग संस्थान ने खासी सफलता हासिल की है. हालांकि बागवान ग्रामोद्योग संस्थान ऐसे ही मेडिसीन प्लांट्स को पिछले कई वर्षो से उत्पादन करते आया है. लेकिन केसर का उत्पादन किसी संस्थान द्वारा अपने गार्डन में पहली बार किया गया है. ग्रामोद्योग संस्थान की प्रमुख श्रीमती कला बिष्ट ने बताया कि इस सक्सेस के लिए एफआरआई ने भी संस्थान के प्रयासों की सराहना की है. एफआरआई के डायरेक्टर डॉ. एसएस नेगी ने भी केसर की प्रोडक्शन का विजिट किया
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