आजादी के छह दशक बाद भी कृषि प्रधान देश में किसानों से जुड़े मुद्दे हाशिये पर हैं। लोकशाही के नुमाइंदे हों या व्यवस्था तंत्र, उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। राजधानी देहरादून से करीब 15 किमी दूर निर्माणाधीन सहस्त्रधारा-चामासारी मोटर मार्ग से पटेरू पटाली गांव के साथ ही ग्रामीणों के खेत भी खतरे की जद में आ चुके हैं।
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