Monday, 30 March 2009

पंतनगर विवि देश के सर्वश्रेष्ठ तीन संस्थानों में शामिल

देहरादून, : तकनीकी शिक्षा का स्तर सुधारने को विश्र्व बैंक की मदद दूसरे फेज में जारी रहे, इसके लिए राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों को एकेडमिक आटोनामी देनी होगी। इस संबंध में महकमे के प्रस्ताव का परीक्षण सरकार कर रही है। परफारमेंस में पंतनगर विवि देश के सर्वश्रेष्ठ तीन संस्थानों में शामिल है। राज्य को विश्र्व बैंक की प्रस्तावित दूसरे चरण की इस योजना में आर्थिक मदद पाने को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का बेसब्री से इंतजार तो किया जा रहा है, लेकिन मदद पाने के लिए उक्त सरकारी संस्थानों को एकेडमिक आटोनामी की दरकार है। महकमे के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया है। इस प्रस्ताव का परीक्षण कराया जा रहा है। प्रोजेक्ट का दूसरा चरण शुरू होने की स्थिति में परफारमेंस के आधार पर पंतनगर विवि का दावा ज्यादा पुख्ता माना जा रहा है। तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टीईक्यूआईपी) के तहत पहले चरण में राज्य के पांच शिक्षण संस्थानों को विश्र्व बैंक ने करोड़ों रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई। संस्थानों को यह राशि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, फैकल्टी ट्रेनिंग, नेटवर्किंग व कम्युनिटी सर्विस में सदुपयोग करनी थी। सबसे ज्यादा राशि करीब 18 करोड़ गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्र्वविद्यालय पंतनगर को मिली। राज्य के लिए राहत की बात यह है कि उक्त योजना के तहत राज्य की परफारमेंस राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रही है। इसमें पंतनगर विवि का योगदान ज्यादा है। तीन बार हुए आडिट में विवि ने दस में से औसतन 7.4 स्कोर किया। प्रोजेक्ट में चुने गए देशभर के 127 संस्थानों में भी बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले तीन संस्थानों में पंतनगर भी शामिल है। निजी संस्थान डीआईटी देहरादून को 5.5 करोड़, जीबी पंत इंजीनियरिंग कालेज घुड़दौड़ी पौड़ी को 5.3 करोड़ व राजकीय पालीटेक्निक देहरादून को 2.5 करोड़ की राशि मुहैया कराई गई। उक्त संस्थानों ने आडिट में औसत क्रमश: 5.9, 5.7 व 5.7 स्कोर किया। कुमाऊं इंजीनियरिंग कालेज द्वाराहाट को भी पहले चरण में तकरीबन 2.5 करोड़ की सहायता मिली, लेकिन बाद में प्रदर्शन दुरुस्त नहीं रहने पर उक्त कालेज लंबे समय तक प्रोजेक्ट से नहीं जुड़ सका। अब पहले चरण का प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है। इसकी रिपोर्ट 31 मार्च तक केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी।

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