Saturday, 10 January 2009
अब मरीजों के द्वार पहुंचेगी मोबाइल चिकित्सा
10 jan 09-भीमताल: जिले के दूरदराज पर्वतीय ग्रामीण अंचलों के निर्धन ग्रामीणों को छोटी-छोटी बीमारियों के उपचार के लिए अब बड़े शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जिले के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य को लेकर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग व बिड़ला इंस्टीटयूट आफ साइंटफिक रिसर्च सेंटर भीमताल के संयुक्त प्रयासों से शीघ्र ही उत्तराखंड मोबाइल हास्पिटल चिकित्सा सेवा शुरू होने जा रही है। बिड़ला संस्थान की ओर से योजना क्रियान्वयन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सहमति जताते हुए गेंद सरकार के पाले में डाल दी है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो शासन से हरी झंडी मिलते ही फरवरी माह में इसका शुभारम्भ कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पर्वतीय क्षेत्रों के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य को लेकर प्रदेश के 6 पर्वतीय जिलों में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उपक्रम सूचना पूर्वानुमान एवं मूल्यांकन परिषद (टाइफैक) व बिड़ला इंस्टीटयूट आफ साइंटफिक रिसर्च सेंटर के संयुक्त प्रयास से अक्टूबर 2002 से अक्टूबर 07 तक उत्तराखंड मोबाइल हास्पिटल चिकित्सा सेवा चलाई गई। योजना की सफलता को देखते हुए इसकी समयावधि बढ़ाकर पहले मार्च 08 व उसके बाद में मई तक कर दी गई। तब से आज तक योजना दोबारा शुरू नहीं हो पाई है। बिड़ला इंस्टीटयूट के प्रशासनिक अधिकारी व मोबाइल हास्पिटल के संयोजक जीडी पलडि़या ने बताया कि योजना संचालन को लेकर संस्थान व स्वास्थ्य विभाग सहमत हो चुके हैं। शीघ्र ही सरकार से हरी झंडी मिलने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि पूर्व में 5-6 साल तक लगातार चल चुके वाहन को दोबारा आधुनिक रूप में तैयार किया जा रहा है। इस वैन में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, इसीजी, पैथोलाजी लैब आदि सभी जरूरी सुविधाएं रहेंगी। विशेषकर महिला टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की जांच, कापर-टी आदि महिलाओं से सम्बंधित सभी बीमारियों की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्थलों का चयन कर माह में दो बार शिविर लगाया जाएगा। भाजपा जिला मंत्री प्रदीप पाठक व ग्रामीण मंडल महामंत्री दिनेश सांगुड़ी ने बताया कि योजना को शीघ्र शुरू कराने के लिए वह मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी को भी इस योजना से अवगत कराएंगे।
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