22 jan-: मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिये गए। इनसे राज्य को इस वित्तीय वर्ष में नौ सौ करोड़ का अतिरिक्त व्ययभार उठाना पड़ेगा। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने दी। उन्होंने बताया कि वेतन समिति के दूसरे प्रतिवेदन की सिफारिशों के अनुरूप अब सहायता प्राप्त गैर सरकारी विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों को भी राजकीय शिक्षकों की भांति ही वेतन-भत्ते दिए जाएंगे। इस फैसले से करीब 11 हजार कर्मियों को फायदा होगा। समिति की सिफारिशों के अनुसार ऐसी संस्थाओं का मूल्यांकन भी कराया जाएगा। मानक ठीक न होने पर इन्हें नोटिस दिया जाएगा। फिर भी गुणवत्ता न सुधरी तो इन्हें अनुदान सूची से बाहर कर दिया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आने वाले समय में शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मियों के बीच दस-एक का अनुपात रहे। श्री पांडे ने बताया कि बी-टू श्रेणी में आने वाले शहरों में मकान भत्ता ग्रेड-पे का 75 फीसदी, जिला मुख्यालयों पर 50 और अन्य शहरों में 40 फीसदी दिया जाएगा। तय किया गया है कि एक हजार फीट की ऊंचाई के बाद दिया जाने वाला पर्वतीय भत्ता अब घाटी में बसे शहरों में भी दिया जाएगा। यह ग्रेड-पे का दस फीसदी होगा। इसकी सीमा न्यूनतम 150 और अधिकतम 540 रखी गई है। समिति की सिफारिश के अनुसार दुर्गम और अति दुर्गम स्थानों का नए सिरे से चिन्हीकरण होने तक सीमांत क्षेत्र भत्ता दिया जाता रहेगा। 31 अक्टूबर, 08 के बाद परिवार नियोजन भत्ता ग्रेड-पे का दस फीसदी दिया जाएगा। मूल स्थान पर ही तैनाती की दशा में प्रतिनियुक्ति भत्ता ग्रेड-पे का दस और अन्य स्थान की तैनाती पर बीस फीसदी देय होगा। कुल देय 39,200 से किसी भी दशा में अधिक नहीं होगा। सीएस ने बताया कि कैबिनेट ने एसीपी (एश्योर कैरियर प्रमोशन) को भी मंजूर कर दिया है। अब तय समय पर पदोन्नति न होने पर भी टाइम स्केल के आधार पर ग्रेड-पे वेतनमान दिया जाएगा। अफसरों को एसीपी का लाभ एक जनवरी, 06 से दिया जाएगा।
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