Thursday, 29 January 2009
उत्तराखंड का 42 हजार करोड़ का दावा
29 jan-
देहरादून: उत्तराखंड ने केंद्र से अनुदान पाने को 13वें केंद्रीय वित्त आयोग के समक्ष करीब 42 हजार करोड़ का दावा पेश किया है। पांच वर्ष में राज्य को वेतन, परियोजनाओं के मेंटनेंस जैसे नान प्लान खर्च को 39,397.41 करोड़ की जरूरत है। इसी अवधि में सबको शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पेयजल, सड़क जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भी दो हजार करोड़ से अधिक की दरकार है। उत्तराखंड की जरूरतों का जायजा लेने पहुंचे 13वें वित्त आयोग को आज शासन की ओर से तर्क सम्मत तरीके से बताया गया कि विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले इस नए पर्वतीय राज्य को अपेक्षाकृत अधिक इमदाद की दरकार है। आयोग को बताया गया कि छठे वेतन आयोग की अनुशंसा के सापेक्ष नए वेतनमान लागू करने से 08-09 तक करीब 4000 करोड़ का बोझ बढ़ चुका है। इसकी वजह से आने वालों वर्षों में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना स्थायी भार भी बढ़ा है, जबकि राज्य के पास अपने राजस्व संसाधन का दोहन काफी हद तक ऊपर जा चुका है। अब इसमें बढ़ोतरी की गुंजाइश बहुत ही कम रह गई है। इसके अलावा पर्वतीय प्रदेश के लिए पर्यटन, ऊर्जा, जल, वन संपदा संरक्षण, ग्रामीण सड़क आदि ज्यादा जरूरतमंद सेक्टर हैं। इनसे संबंधित परियोजनाओं को जारी रखने के लिए अपेक्षाकृत अधिक धन की जरूरत है।