Monday, 19 January 2009

पिता ने दी बुढ़ापे की लाठी को मुखाग्नि

हल्द्वानी: हर शख्स गमगीन था,हर किसी की जुबान पर बहादुरी की चर्चा थी। शवयात्रा जिधर से गुजरी, वहां का यातायात एकाएक रुक गया। लोग खुद व खुद सड़क पर खड़े हो गये, दो मिनट मौन रखकर उन्होंने भी मन ही मन इस जाबांज को नमन किया। यह अंतिम यात्रा थी जाबांज कैप्टन कैलाश राणा की। आस्ट्रेलिया में निधन होने के बाद रविवार को उनका शव यहां लाया गया और सैकड़ों अश्रुपूरित नेत्रों के बीच चित्रशिला घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। कैप्टन राणा आस्ट्रेलिया में रिवर-राफ्टिंग के दौरान 10 जनवरी को हादसे के शिकार हो गये हैं। इनका शव तीन दिन की मशक्कत के बाद बरामद हो सका। इस दुर्घटना में उनके साथ दो आस्ट्रेलियाई सैनिकों की भी मृत्यु हो गयी। हल्द्वानी की ंिसंचाई विभाग कालोनी निवासी कैप्टन राणा के दुनिया से चले जाने की खबर उनके परिजनों को 14 जनवरी को मिली। कानूनी पेचदगियों के कारण शव आने में देरी हुई। विदेश मंत्रालय व रक्षा मंत्रालय के प्रयासों से शनिवार को कैप्टन का शव आस्ट्रेलिया से भारत लाया जा सका। रविवार दोपहर को शव वायुसेना के विशेष हेलीकाप्टर से हल्द्वानी लाया गया। आर्मी कैंट हेलीपैड पर सैन्य अधिकारियों ने कैप्टन के शव को सलामी दी। यहां से शव को सेना के वाहन में रखकर सिंचाई विभाग कालोनी स्थित उनके आवास पर ले जाया गया। शव के कालोनी में पहुंचते ही पूरा माहौल गमगीन हो गया। हजारों लोगों की भीड़ शहर के इस सपूत को नमन करने पहुंच गयी। एक घंटे बाद कैप्टन की अंतिम यात्रा चित्रशिला घाट रवाना हुई। वहां भी शव को सेना के जवानों ने सशस्त्र सलामी दी। इसके बाद कैप्टन के पिता बीएस राणा ने बेटे कीे चिता को मुखाग्नि दी। साथ ही सेना के जवानों नें तीन राउंड शोक फायर कर अंतिम सलामी दी। चित्रशिला घाट पर आर्मी कैंट के कमान अधिकारी कर्नल एनके शर्मा, कर्नल एसएस वाजवा, कर्नल ए गैन, कर्नल ए टांगरी, मेजर एसपी सिंह, विधायक नारायण पाल, एसडीएम प्रताप शाह, सीओ प्रमेंद्र सिंह डोबाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष हेमंत बगड़वाल, कांग्रेस शहराध्यक्ष हरीश मेहता, सैनिक लीग के कर्नल वीडी कांडपाल,खीमसिंह बिष्ट, आनंद सिंह ठठोला, आरसी सती आदि उपस्थित थे। इसके अलावा पूर्व मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश, पालिकाध्यक्ष रेनू अधिकारी सहित कई जनप्रतिनिधियों ने आवास पर जाकर शोक श्रद्धांजलि अर्पित की।

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