Wednesday, 21 January 2009

प्रवर्तन सिपाहियों की भर्ती रद

21 jan- देहरादून, : परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी है। भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कुछ अभ्यर्थियों की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका पर न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एकलपीठ ने यह निर्णय दिया। अपर परिवहन आयुक्त व अपर सचिव परिवहन विनोद शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि विभाग इस मामले में विधिक राय ले रहा है। भर्ती प्रक्रिया दोबारा किस प्रकार शुरू की जाए इसका फैसला कुछ दिनों में किया जाएगा। परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया शुरुआत से ही धीमी रही। परिवहन विभाग ने सितंबर 2005 में प्रवर्तन सिपाहियों के 115 पदों पर के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की। दिसंबर 2006 में शारीरिक परीक्षा संपन्न हो पाई, जिसमें करीब 1200 आवेदक उत्तीर्ण हुए। इस बीच विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता के चलते भर्ती थम गई। इसके बाद नवंबर 07 में सरकार ने सीधी भर्तियों में इंटरव्यू पर रोक लगा दी। छह जुलाई को संपन्न हुई लिखित परीक्षा के परिणाम 25 जुलाई को घोषित कर मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई। इस बीच परीक्षा में एक प्रश्न के गलत होने और प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कुछ अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। इसके बाद प्रश्न गलत होने की बात सही पाए जाने पर और विभाग ने एक और नई सूची जारी कर दी, जिससे तीन परीक्षार्थी पूर्व की मेरिट लिस्ट से बाहर हो गये और उनकी जगह तीन नए नाम लिस्ट में शामिल हो गये। वहीं भर्ती प्रक्रिया पर ही सवाल उठाने वाली याचिका का मामला चलता रहा। याचिका में कहा गया था कि संशोधित नियमावली 07 को लागू हुई है। ऐसे में पूर्व में प्रकाशित पदों पर यह लागू नहीं हो सकती। नवंबर 08 में हाईकोर्ट ने इस याचिका के आधार पर भर्ती पर स्टे दे दिया। इसके बाद इस पर 22 दिसंबर 08 को सुनवाई हुई और कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा।

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