Wednesday, 28 January 2009
बर्खास्तगी: राज्य सरकार अलर्ट, कमीशन सख्त
28 jan -
देहरादून: आरक्षित वर्ग के बर्खास्त शिक्षकों के बारे में सरकार अलर्ट हो गई है। इस बारे में हाईकोर्ट के फैसले पर न्याय महकमे से मशविरा किया जा रहा है। उधर, ओबीसी कमीशन ने इस मामले में एक बार शिक्षा निदेशक व संयुक्त शिक्षा निदेशक का जवाब तलब किया है। महकमे ने वर्ष 1999 में आरक्षित वर्ग के शिक्षकों को रोजगार थमाया, बाद में कम गुणांकों का हवाला देते हुए 21 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। हाईकोर्ट के स्टे पर उक्त शिक्षक करीब दस वर्ष तक नौकरी कर चुके हैं। इनका आरोप है कि महकमे ने उक्त प्रकरण में हाईकोर्ट के फैसले की सही व्याख्या नहीं की। इस वजह से उनकी नौकरी पर गाज गिरी है। शिक्षकों ने ओबीसी कमीशन में भी दस्तक दी है। कमीशन इस मसले पर महकमे के अफसरों को तलब कर चुका है। यही नहीं, नियुक्तियों का आंकड़ा बढ़ने और आरक्षित पद घटने के मामले को कमीशन ने गंभीरता से लिया है। कमीशन ने अगले माह के पहले हफ्ते में महकमे के अफसरों को दोबारा तलब किया है। कमीशन ने चेताया है कि सभी साक्ष्यों समेत महकमे के अफसरों ने जवाब नहीं दिया तो सख्त कदम उठाने से गुरेज नहीं किया जाएगा। सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए आंकड़ों में भी आरक्षित पदों की संख्या घटने का खुलासा हुआ है। इससे महकमे की बेचैनी बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव नजदीक होने पर आरक्षित वर्ग के शिक्षकों की बर्खास्तगी के मसले ने सरकार की पेशानी पर भी बल डाल दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया है। इस मसले पर हाईकोर्ट के फैसले की व्याख्या पर न्याय महकमे से मशविरा किया जा रहा है।