Saturday, 31 January 2009
: अनफिट को परीक्षा के बुलावे
31 jan-देहरादून उत्तराखंड पुलिस में दरोगाओं की सीधी भर्ती पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं। टिहरी जनपद में फिजीकल परीक्षा देने गए 18 ऐसे उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा का लेटर भेज दिया गया, जिन्हें अनफिट करार दिया गया था। राज खुला तो आनन-फानन में इन उम्मीदवारों से जबरदस्ती लेटर वापस ले लिए गए। इसके बाद से पुलिस मुख्यालय में हड़कंप मच गया और उच्चस्तरीय जांच बैठा दी गई। प्रथम दृष्ट्या दोषी मानते हुए एक पुलिस कर्मी को सस्पेंड करने की बात आईजी गढ़वाल ने स्वीकारी है। वर्ष, 2002 में हुए दरोगा भर्ती घोटाले की आंच अभी ठंडी भी नहीं हो पाई है कि दरोगाओं की एक और भर्ती पर सवाल उठने लगे हैं। विभाग में 134 दारोगाओं की सीधी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। गढ़वाल रेंज के टिहरी जनपद में करीब 1500 युवा शारीरिक परीक्षा में शामिल हुए। चयनित अभ्यर्थियों की एक फरवरी को लिखित परीक्षा होनी है। टिहरी पुलिस ने इस परीक्षा के लिए 18 ऐसे उम्मीदवारों को कॉल लेटर भेजे दिए जिन्हें फिजिकल परीक्षा में अनफिट करार देकर पहले ही बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका था। सूत्रों के मुताबिक इस बात की भनक जनपद के एक पुलिस अधिकारी को लगी तो महकमे के अफसर गुपचुप तरीके से मामले को रफा-दफा करने के प्रयास में जुट गए। टिहरी पुलिस पूरे मामले पर ही पर्दा डालने के प्रयास में थी, मूल रूप से टिहरी निवासी दून में रह रहे युवक के पास जब टिहरी पुलिस लेटर छीनने पहुंची तो मामला खुल गया। टिहरी जिले की पुलिस ने इतनी फुर्ती से यह सब किया कि मुख्यालय तक को को इसकी भनक नहीं लग पाई। जब अधिकारियों को पता चला तो एक पुलिस कर्मी को दोषी बताकर सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, एसपी टिहरी मोहन सिंह बंग्याल का तर्क है कि परीक्षा फार्म घालमेल होने से यह गलती हुई। आईजी गढ़वाल एमए गणपति ने प्रकरण में दोषी एक पुलिस कर्मी के सस्पेंड होने की बात स्वीकार की।