Friday, 30 January 2009
बसंतोत्सव: लोकगीत व संगीत की रही धूम
, रामनगर: बसंतोत्सव में गुरुवार को राज्य के विभिन्न अंचलों से आये रंग कर्मियों के साथ क्षेत्र के लोग उत्तराखण्ड के लोक गीत व संगीत में सरोबार होकर थिरक उठे। देवों की तपोभूमि से जुड़ी सामाजिक, धार्मिक व सांस्कृतिक भावनाओं को विभिन्न परिधानों में लिपटे कलाकारों ने झांकियों द्वारा कुछ इस तरह पेश किया कि मानो पर्वतीय सभ्यता व संस्कृति ने कुछ पल के लिए यहां अपना पड़ाव डाला हो। प्रगतिशील सांस्कृतिक पर्वतीय समिति के तत्वाधान में आयोजित सांस्कृतिक जुलूस में देवभूमि मां शारदे अल्मोड़ा द्वारा नंदा मैया व काली मैया की झांकि प्रस्तुत की गई तो आर्ट ग्रुप देहरादून ने व्यड़या चौफाल, हिमालय लोक कला केन्द्र अल्मोड़ा ने जातुरा, प्रयोगांक नैनीताल ने नरसिंह अवतार, रामनगर सांस्कृतिक कला मंच ने देवीधुरा का प्रसिद्ध बग्वाल, सोमेश्र्वर कला संगम रैंथल उत्तरकाशी ने घर गृहस्थी प्रदर्शन, संगीत कला विकास समिति रामनगर द्वारा नंदाजात यात्रा, शैलजा सामाजिक मंच पौड़ी ने नंदा पात बीड़ा की झांकियां निकाल कर पहाड़ों की सभ्यता और संस्कृति को आम जन-मानस तक पहुंचाने का प्रयास किया। इसके अलावा स्थानीय कलाकारों के जुलूस व गुरूनानक पब्लिक स्कूल के बच्चों का बैण्ड मुख्य आर्कषण का केन्द्र बना। गायत्री कला मंच रामनगर ने कुमाऊं की जीवन शैली व लोकनृत्यों की बानगी प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक जुलूस विभिन्न स्थलों से होती हुई समिति के पैठपड़ाव स्थित कार्यालय में जाकर समाप्त हुआ।