Saturday, 10 January 2009

फिर ताकत दिलाई याद भाजपा दिग्गज पहुंचे कार्यकर्ताओं के दरबार

10 jan 09-
हल्द्वानी: भाजपा लोकसभा चुनाव में जुट गयी है। इसका अहसास पार्टी नेतृत्व ने गतिविधियों से भी करा दिया है। लेकिन इस कवायद का केन्द्र कार्यकर्ता ही रहा। बार-बार उन्हें समर्पण का पाठ पढ़ाया गया और पार्टी का आधार से लेकर मार्गदर्शक तक बता दिया गया। पूरी प्रक्रिया के बाद लोकसभा चुनाव का सारथी भी कार्यकर्ता को बना दिया गया। हालांकि भाजपा को कार्यकर्ता आधारित पार्टी माना जाता है,लेकिन पार्टी के सत्तासीन होने के बाद से इस व्यवस्था पर ग्रहण लग गया था। कार्यकर्ताओं ने ही अपनी सरकार के विरोध में झंडा बुलंद कर दिया। पार्टी की बंद कमरों में हुई बैठकों में इस तरह की शिकवे-शिकायत भी की गयी। वैसे इसे दूर करने के लिए मुख्यमंत्री श्री खंडूरी ने भी भरसक प्रयास किये,उनके जितने भी दौरे हुए,सभी में कार्यकर्ताओं से मिलने का समय अलग रखा गया। इन सबके विपरीत बीते दिनों रुड़की में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं पर ही भरोसा जताया और वहीं यह निर्णय लिया गया है,सत्ता खुद कार्यकर्ता के पास जायेगी। इसकी शुरूआत गुरुवार को हल्द्वानी से की गयी। यहां सत्ता के मुखिया बंद कमरे में कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए,नाम क्या है, समस्या क्या है,पार्टी कैसे मजबूत होगी। चुनाव में क्या मुद्दे रहने चाहिए। जैसे तमाम सवाल हुए। कार्यकर्ताओं को समर्पण का पाठ पढ़ाया गया। पार्टी के संविधान में दर्ज कार्यकर्ताओं की भूमिका का जिक्र किया गया। बाद में बात यह ही रही,कि लोकसभा चुनाव आ रहा है। इसे कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर ही जीता जा सकता है। इसलिए अभी से कार्यकर्ता पार्टी व सरकार की नीतियों के प्रचार-प्रसार में जुट जाये। इसके अलावा नागपाल होटल में चल रही विधानसभा क्षेत्र संयोजक व सहायकों की बैठक में भी इसपर अधिक फोकस रहा,कि कार्यकर्ता आपसी मतभेद भूलकर चुनाव की तैयारियों में जुट जायें। इसमें पार्टी नेताओं ने उन्हें (कार्यकर्ताओं) पार्टी का आधार बताने के साथ ही मार्गदर्शक तक बता दिया। कुल मिलाकर कार्यकर्ताओं का पार्टी को कितना सहारा मिलता है, यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। फिलहाल पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव कार्यकर्ताओं के भरोसे ही लड़ने का फैसला कर लिया है।

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