Tuesday, 20 January 2009

मातृशक्ति के हाथों में अब नशाबंदी उन्मूलन की कमान

चिपको आंदोलन और फिर पृथक प्रदेश निर्माण आंदोलन में निभाई है अहम भूमिका

उत्तराखंड-जंगल रक्षा के चिपको आंदोलन और फिर पृथक प्रदेश निर्माण आंदोलन में अहम भूमिका निभानेवाली उत्तराखंड की महिलाओं के हाथों में अब नशाबंदी उन्मूलन की कमान होगी। लोकसभा चुनाव से पूर्व राज्य युवा कल्याण विभाग इसे प्रदेश व्यापी सामाजिक अभियान का रूप देने की योजना तैयार कर रहा है। शराब बिक्री के आबकारी विभाग के बढ़ते हुए आंकड़े साफ तौर पर यह बता रहे हैं कि सूबे में शराब पीने वालों की संख्या में साल-दर-साल इजाफा हो रहा है। 05-06 में सरकार को शराब बिक्री से 292.75 करोड़ रुपये आय हुई थी, जो 07-08 में 461.98 करोड़ हो गई। इस वर्ष बारों व कैंटिनों में हुई शराब बिक्री को छोड़ दें सूबे के 476 दुकानों में 1.95 करोड़ लीटर देशी शराब व 217.40 लाख बोतल अंग्रेजी शराब बेची गईं। यह स्थिति तब है, जब गढ़वाल मंडल के देहरादून व हरिद्वार को छोड़ अन्य पांच जिले में देशी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है। यही नहीं, राज्य में कच्ची शराब का भूमिगत कुटीर कारोबार भी व्यापक पैमाने पर होता है। आबकारी प्रवर्तन दल ने बीते वर्ष कच्ची शराब बनाने के 1884 मामले पकड़े थे। सूबे में शराब तस्करी के जरिए पड़ोसी प्रदेशों से भी पहुंचता है। बीते वर्ष विभाग ने ऐसी 64 गाडि़यां पकड़ीं और 51,866 लीटर शराब जब्त की। इस हालात में प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय औसत से एक- तिहाई कम आय व सवा छह लाख बीपीएल परिवार वाले नशाखोरी के गंभीर असर का अनुमान किया जा सकता है। एसोचैम की रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्र में कमाई का 26 फीसदी हिस्सा शराब व ध्रूमपान पर उड़ा दिया जाता है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रिपोर्ट का एक चिंताजनक निष्कर्ष है कि शराब पीने की औसत उम्र घटकर 28 से 13 वर्ष हो गई है। सड़क हादसों की 40 फीसदी घटनाओं के पीछे शराब है। बीते पंचायत चुनाव के दौरान पहाड़ में शराब की खपत बहुत अधिक बढ़ी हुई पाई गई थी। राज्य के पंचायती राज में 50 फीसदी से अधिक महिलाओं का ग्रामीण राजनीति में वर्चस्व हो जाने के बाद नशाबंदी अभियान को व्यापक रूप देना संभव हो गया है। युवा कल्याण विभाग महिला मंगल दलों के जरिए गांव-गांव तक प्रभावी नशा उन्मूलन का सामाजिक अभियान चलाने की योजना बना रहा है। राज्य युवा कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष रवींद्र जुगरान ने बताया कि सूबे के सभी 95 विकास खंडों में क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारियों की तैनाती हो जाने के बाद अब नशाबंदी अभियान को लोकसभा चुनाव से पूर्व अमली रूप दिया जाएगा।

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