Saturday, 10 January 2009

हाईकोर्ट ने किया महिला अभ्यर्थी का चयन रद्द

10.1.9-, नैनीताल: लोकसेवा आयोग द्वारा घोषित सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के अंतिम परीक्षा परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने एक चयनित महिला अभ्यर्थी का चयन रद्द कर दिया है। खंडपीठ ने उक्त महिला अभ्यर्थी के स्थान पर याचिकाकर्ता विनोद कुमार वर्मन को नियुक्ति प्रदान करने के निर्देश राज्य सरकार व आयोग को दिए हैं। उक्त परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी विनोद कुमार वर्मन द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिविजन) के 33 पदों के लिए विभिन्न चरणों में आयोजित परीक्षा का अंतिम परिणाम 2 अक्टूबर 08 को घोषित किया गया। घोषित परिणाम में याचिका कर्ता का नाम नहीं था। याचिका कर्ता के अनुसार आयोग व राज्य सरकार द्वारा महिला वर्ग हेतु शासनादेशों के अनुसार 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाना था जो कि घोषित सीटों के अनुरूप महिला अभ्यर्थियों के लिए 2 सीट से अधिक नहीं हो सकता, लेकिन दो स्थान पर तीन महिला अभ्यर्थियों का चयन कर दिया गया। याची का कहना था कि चयनित तीसरी महिला अभ्यर्थी शिवानी नाहर से वह स्वयं मेरिट लिस्ट में ऊपर हैं, इसलिए उसका चयन होना चाहिए था। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके गुप्ता व न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ ने याचिका कर्ता को तीसरी चयनित महिला अभ्यर्थी शिवानी नाहर के स्थान पर नियुक्ति देने के निर्देश राज्य सरकार व आयोग को दिए हैं।

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