Saturday, 10 January 2009

उत्तराखंड आंदोलन के लिए प्रताड़ना झेलने वालों की मुराद हुई पूरी

सम्मान : जेल न जाने वाले भी आन्दोलनकारी

23दिसंबर 08 का शासनादेश जारी

सरकार ने तय किये पांच मानक , शासनादेश भी जारी

उत्तराखंड राज्य स्थापना के लिए सँघषॆ करने वालों की मुराद मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने पूरी कर दी हैं आंदोलनकारीयों को चिन्हित करने को अब नये मानक तय कर दिए गए हैं । अब जेल न जाने वालों को भी आंदोलनकारी का सम्मान मिल सकेगा ।राज्य निमाण आंदोलन में लोगों ने तमाम तरह की प्रताड़नाए झेली । इस आँदोलन की एक खास बात यह रही कि तमाम लोग सीधे तौर पर इससे जुडे रहे तो तमाम लोगों ने दूर रहकर इसे गति प्रदान की । मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुभाष कुमार ने इसकी पुष्टि की हैं उन्होने बताया कि नये शासनादेश में पांच मानक तय किये गये हैं

१-भले ही कोई जेल न गया हो पर अगर एल आईयू की आंदोलन से जुड़ी किसी भी रिपोटॆ मे उसका नाम शामिल हैं तो उसे आंदोलनकारी माना जाएगा ।

२- इसी प्रकार आंदोलन में चोट लगने के बाद कराए गए मेडिकल का प्रमाणपत्र भी इस सूची में नाम शामिल कराने के लिए पयाप्त हैं

३-किसी भी थाने मे दजॆ एफ आई आऱ में किसी का भी नाम शामिल हों उसे आंदोलनकारी माना जाएगा ।

४-अगर किसी को गिरफ्तार किया गया हैं और अदालत ने उस तत्काल रिहा कर दिया हो उसे आंदोलनकारी माना जाएगा

५-अगर जिलाधिकारी किसी साक्ष्य से संतुष्ठ हो तो उसे उसे आंदोलनकारी माना जाएगा । ख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुभाष कुमार ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को इस बारे में निदेश जारी कर दिये है ।यदि आप या आपका कोई परचित इस मानक में आता हैं तो इसकी सूचना संबधित जिलाधिकारियों को देकर आँदोलनकारियों की सुची में अपना नाम दजॆ कराये । इससे यदि आप राज्य में सरकारी नौकरी एंव सम्मान के भागीदार बन जाएगें । उत्तराखंड में के लिए आँदोलनकारियों विशेष आऱक्षण की सुविधा हैं यदि कोई जानकारी प्राप्त करनी हो तो हमेशा आपके साथ -राकेश जुयाल -09412346262

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