Monday, 19 January 2009

फिर लौट आई ठंडक

19 jan लंबी इंतजारी के बाद इंद्रदेव मेहरबान हुए और रविवार को उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और अन्य क्षेत्रों में बारिश की हल्की फुहारें पड़ने लगीं। इस बारिश ने जहां ठंडक में इजाफा कर दिया है, वहीं कृषि के लिए भी यह फायदेमंद मानी जा रही है। हालांकि, सूखे के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में चौपट होने के कगार पर जा पहंुची बारिश रबी की फसल के लिए नाकाफी है, लेकिन इससे कुछ राहत जरूर मिलेगी। कुमाऊं में नैनीताल को छोड़कर मंडल के विभिन्न हिस्सों में रविवार को बारिश हुई जबकि मुनस्यारी, धारचूला, कपकोट और मानिला आदि ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात ने तो लोगों की मायूसी ही दूर कर दी। मौसम में आये बदलाव से ठिठुरन भी बढ़ गई। देर सायं हवा चलने से सर्दी में और इजाफा हो गया। उधर, मौसम विभाग का कहना है कि मौसम साफ होने में अभी वक्त लगेगा और सोमवार को आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है। मौसम के करवट बदलने के कारण शुक्रवार से आसमान में बादलों की मौजूदगी बनी हुई है। शनिवार को कुछ स्थानों पर हल्की बूंदा-बांदी होने से बारिश की आस बंधने लगी थी। रविवार को उत्तराखंड के गौरसों, औली, बेदनी, रूपकुंड, बद्रीनाथ, थराली, पिंडरघाटी, हरकीदून समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठीक-ठाक बर्फबारी की सूचना है। इसके साथ ही सूबे के लगभग सभी इलाकों में हल्की वर्षा होने से ठंडक में इजाफा हो गया है।राजधानी देहरादून में 2.2 मिमी., टिहरी में 3 मिमी, मुक्तेश्र्वर में 0.1 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। वर्षा होने से किसानों ने भी थोड़ी राहत महसूस की है। विदित हो कि वर्षा न होने से सूबे में खासकर, पर्वतीय इलाकों में रबी की फसल चौपट होने के कगार पर पहंुच गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि रबी की जो फसल चौपट हो रही थी, उसे थोड़ी जान मिलेगी। अगर थोड़ी और वर्षा होती तो फसल के लिए बेहतर होता। उधर, मौसम विभाग का कहना है कि सोमवार को भी आंशिक रूप से आसमान में बादलों के बने रहने की संभावना है। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक डा.आनंद कुमार शर्मा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में बने सर्कुलेशन का मूवमेंट धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इससे सोमवार को भी उत्तराखंड में आंशिक रूप से बादलों की मौजूदगी बनी रहेगी। कुमाऊं क्षेत्र में इसका असर देखने को मिल सकता है।

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