Wednesday, 7 January 2009

एक्सपो में दिख रही है पहाड़ी छटा

6 jan 09 परेड ग्राउंड में चल रहे नेशनल हैंडलूम एक्सपो में चले आइए। यहां आपके लिए उत्तराखंड में बनने वाली खास गरम ऊन के हाथ से बने स्वेटर, मफलर, टोपी व दस्ताने ही नहीं कंबल, शॉल, स्टॉल, चादरें व अन्य घरेलू सामान भी वाजिब दामों पर उपलब्ध है। हैंडलूम एक्सपो में ऋषिकेश से लेकर उत्तरकाशी तक के तमाम हैंडलूम उत्पाद मिल रहे हैं। पहाड़ में बने ऊनी वस्त्रों के साथ ही यहां काशीपुर, मंगलौर व उधमसिंहनगर की मशहूर सूती, रेशमी व ऊनी चादरें, कंबल, दरियां, गलीचे, पर्दे, वॉल हैंगिंग व अन्य सजावटी सामान मिल रहा है। उत्तराखंड हैंडलूम की हर वैरायटी एक्सपो में उपलब्ध है। एक्सपो में उत्तराखंड की पारंपरिक डिजाइन न्के वस्त्र मिल रहे हैं। यहां ऊंचाई वाले स्थानों पर पाई जाने वाली ऑस्ट्रेलियन भेड़ की ऊन से बने लेडिज, जेंटस व बच्चों के स्वेटर, दस्ताने, टोपी के साथ ही मंगलौर (हरिद्वार) के जायकटि डिजाइन की गरम चादरें व दरियां उपलब्ध हैं। सर्दियों में आने वाले ठंडे पसीने को सोखकर शरीर को कई बीमारियों से बचाती है। यह सारा सामान हाथ से बनाया जाता है। इसमें केवल नेचुरल रंगों का प्रयोग होता है क्योंकि डाई करने से ऊन की गरमाहट कम हो जाती है। इसी कारण यह केवल सफेद, काले व स्लेटी रंगों में ही उपलब्ध हंै। एक्सपो में उत्तरकाशी के दुमकर कंबल, कौसानी शॉल, अल्मोड़ा टवीट कोट का कपड़ा और जायकटि डिजाइन जैसे उत्तराखंड के पारंपरिक डिजाइन के वस्त्र मिल रहे हैं। एक्सपो में भीमतल्ला चमोली की जयनंद उत्थान समिति की मंदिरों के डिजाइन वाली वॉल हैंगिंग भी आकर्षण का केंद्र हैं। इन वॉल हैंगिंग में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री सहित राज्य के कई प्रसिद्ध मंदिरों के डिजाइन बने हैं। यह सारा सामान 50 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक की रेंज में उपलब्ध है। मेला प्रभारी केसी चमोली ने बताया कि राज्य के हैंडलूम उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक्सपो में उत्तराखंड के सभी प्रकार के पारंपरिक ऊनी व सूती वस्त्रों को प्रदर्शित किया गया है।

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