Saturday, 10 January 2009
उत्तराखंड में सूखे के हालात
10 jan09-: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में एक बार फिर रबी की फसल पर मौसम की मार पड़ने वाली है। पहले ही वर्षा न होने से फसल चौपट होने के कगार पर थी और अब रही-सही कसर पाले ने पूरी कर दी है। सूखे की तरफ इशारा कर रहे हालात को देखते हुए कृषि निदेशालय प्रदेश के सभी जनपदों से सूचना तलब कर रहा है। बीती बरसात के ठीक-ठाक गुजरने से खेती -किसानी से जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि इस मर्तबा बारिश के लिहाज से सर्दी अनुकूल रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पूरी सर्दी करीब -करीब बिन बरसात ही बीतने वाली है। हालांकि, नए साल की शुरुआत में मौसम के करवट बदलने पर किसानों में आशा का संचार हुआ, मगर बादलों के अपेक्षानुकूल न बरसने से उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह गई। खासकर, पर्वतीय क्षेत्रों में जहां कृषि पूरी तरह से वर्षा पर निर्भर है। रबी की फसल को ही लें तो सूबे में इसका रकबा करीब चार लाख हेक्टेयर है और इसमें भी करीब सवा दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र की खेती वर्षा आधारित है। लेकिन, इस सीजन में बारिश न होने से वर्षा आधारित खेती को बड़ा झटका लगा है। रही-सही कसर पूरी कर दी है पाले ने। पर्वतीय क्षेत्रों में पाले के कारण गेहूं की फसल पीली पड़ने लगी है। इस सबके चलते किसानों के माथों पर चिंता की लकीरें हैं। यह सब हालात प्रदेश में सूखे की तरफ इशारा कर रहे हैं, जिससे कृषि विभाग के माथों पर भी बल आ गए हैं। कृषि निदेशक मदनलाल ने माना कि वर्षा न होने और अब पाले के कारण वर्षा आधारित खेती को नुकसान पहंुच रहा है। इसे देखते हुए सभी जिलों से सूचना मांगी गई है, ताकि स्थिति से निबटने को कदम उठाए जा सकें। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जिन इलाकों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है, वहां किसानों को रबी की फसल में सिंचाई करने को कहा गया है। बर्फवारी से सेब को मिलेगा फायदा नए साल की शुरुआत में प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बर्फबारी और हल्की-फुल्की वर्षा से भले ही असिंचित खेती को कोई फायदा न पहंुचा हो, लेकिन इससे सेब उत्पादकों के चेहरों पर रौनक है। सेब के लिए बर्फबारी को बेहद मुफीद माना जा रहा है। नजर नहीं आ रहे राहत के आसार मौसम से अभी भी बहुत राहत की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। मौसम विभाग के निदेशक डा.आनंद शर्मा का कहना है कि इस सीजन में अभी तक अपेक्षानुरूप वर्षा नहीं हुई है। अगले चौबीस घंटों के मौसम के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते एक सिस्टम बन रहा है और इससे अगले चौबीस घंटों में साढ़े सात हजार फुट से अधिक ऊंचाई पर हल्की बर्फवारी व वर्षा की संभावना है। अन्य क्षेत्रों में बूंदा-बांदी हो सकती है।
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