Friday, 9 January 2009

शिल्पियों की संजीवनी हिमाद्रि

देहरादून: उत्तराखंडी शिल्पियों का कौशल धीरे-धीरे देशभर में पहचान पाने लगा है और यह संभव हो पाया उद्योग विभाग के प्रयासों से। यूं तो हस्तशिल्प यहां पहले भी मौजूद था, लेकिन उत्पादों के बाजार की जरूरतों के मुताबिक न होने से यह आर्थिकी का मजबूत जरिया नहीं बन पाया। समय के साथ हालात बदले और अब बाजार भी हैं तो स्थानीय उत्पादों की डिमांड भी। उत्तराखंड में हस्त कौशल की कभी कमी नहीं रही, लेकिन पहले लोग अपनी जरूरत के हिसाब से उत्पाद तैयार करते थे। बिक्री की बात थी नहीं, ज्यादा हुआ तो आसपास के गांवों में अन्न, नमक आदि के बदले हस्त निर्मित इन उत्पादों संटवारा (विनिमय) कर लिया जाता था। लेकिन, धीरे-धीरे इन कारीगरों को भी अहसास होने लगा कि स्वयं के लिए कुछ उत्पाद तैयार कर लेने भर से काम नहीं चलने वाला। उन्होंने इसके लिए स्थानीय स्तर पर बाजार तलाशने शुरू किए, किंतु यह प्रयास लोगों की सीमित जरूरतों और उत्पादन लागत के बिक्री मूल्य से अधिक होने के कारण कारगर साबित नहीं हो पाया। पृथक राज्य के अस्तित्व में आने के बाद जो अच्छी बात हुई, वह थी इन अभावग्रस्त कारीगरों की ओर सरकार की नजरें इनायत होना। हालांकि, प्रयास उतने नहीं हुए, जितने होने चाहिए थे, लेकिन जो कुछ हुए उनसे हस्तशिल्पियों में चेतना जागी कि वह भी अपने उत्पादों से स्वयं के साथ ही प्रदेश की आर्थिकी संवार सकते हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि उत्तराखंडी उत्पाद प्रतिस्पद्र्धा से होड़ में शामिल हो गए। पिछले कुछ वर्षो में उत्तराखंडी हस्तशिल्प उत्पादों ने देश के अन्य प्रांतों से होड़ लेते हुए लोगों के बीच खासी पैठ बनाई है। इस सबमें अहम् भूमिका निभा रहे हैं हिमाद्रि शोरूम, जो उद्योग विभाग के प्रयासों से अस्तित्व में आए हैं। उद्योग विभाग के अपर निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया कि स्थानीय शिल्पियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से विभाग ने बद्रीनाथ, श्रीनगर, उत्तरकाशी, हरिद्वार व काशीपुर के अलावा राजधानी दिल्ली में भी तीन हिमाद्रि शोरूम स्थापित किए हैं। इन शोरूमों में उत्पादों की बिक्री का जिम्मा शिल्पियों का नहीं, बल्कि विभागीय कर्मी का होता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा उत्पादों की कुल बिक्री में से 10 फीसदी शुल्क काटकर शेष राशि का चेक उत्पादकों को दे दिया जाता है। श्री नौटियाल ने बताया कि विभाग द्वारा जल्द ही चमोली व अल्मोड़ा में भी हिमाद्रि शोरूम स्थापित किए जाएंगे।

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