Wednesday, 4 February 2009

नैनी झील: डेढ़ फिट गिरा जल स्तर

3 feb- नैनीताल: शीत ऋतु में इस बार बिल्कुल बारिश नहीं होने का असर नैनी झील पर भी पड़ा है। झील का जल स्तर गत वर्ष की तुलना में लगभग डेढ़ फिट कम हो गया है। इन स्थितियों को देखते हुए जल संस्थान ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट से बचने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। ज्ञातव्य हो शहर की जलापूर्ति व्यवस्था झील के पानी पर ही पूरी तरह निर्भर है। नैनी झील का जल स्तर मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर होता है। लगातार कई दिनों तक बारिश होने से बरसात में झील पानी से लबालब भर जाती है। झील के प्राकृतिक जल स्त्रोत भी लगातार वर्षा के कारण ही रिचार्ज हो पाते हैं, परन्तु इस बार शीत ऋतु में कतई बारिश न होने से झील का जल स्तर दिनों-दिन घटता जा रहा है। लोनिवि के तल्लीताल स्थित झील नियंत्रण कक्ष से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 08 में झील का जल स्तर 8.60 एमएम था जो इस बार वर्षा नहीं हो पाने के कारण 7.48 एमएम रह गया है। यदि नैनी झील का जल स्तर इसी तरह घटता रहा तो स्वाभाविक है कि ग्रीष्म ऋतु में नगर में पेयजल की किल्लत उत्पन्न हो सकती है। जिसे लेकर जल संस्थान भी चिंतित नजर आ रहा है। जिसके चलते विभाग ने अभी से विकल्प तैयार करनी शुरू कर दी है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एचके पांडे का कहना है कि सूखे के चलते पेयजल की समस्या उत्पन्न होना स्वाभाविक है, लेकिन नगर में इस समस्या से निजात पाने के लिए विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। मल्लीताल फ्लैट के समीप विभाग दो टयूबवैल बोर करवा चुका है। अगर वर्षा नहीं हुई तो इन दोनों टयूबवैल को जल्द ही चालू कर दिया जाएगा। जिससे पेयजल की समस्या का समाधान किया जा सकेगा।