Wednesday, 4 February 2009
विदेशियों को लुभा रहे देवभूमि के जंगल
उत्तराखंड के जंगल विदेशी सैलानियों को अब ज्यादा लुभा रहे हैं। राज्य बनने के बाद जंगल घूमने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में तीन गुना इजाफा हुआ है। देशी पर्यटकों की संख्या में भी चार गुना बढ़ोतरी हुई है। राज्य में वन विभाग के नियंत्रण में वन्यजीवों के लिए संरक्षित 4915 वर्ग किमी वन क्षेत्र में छह राष्ट्रीय पार्क व छह वन्यजीव विहार हैं। इनमेंनियंत्रित सीमा तक इको पर्यटन की अनुमति है। इससे वन विभाग को राजस्व मिलता है। पर्यटन के लिहाज से राष्ट्रीय पार्को में कार्बेट, राजाजी, गंगोत्री, फूलों की घाटी व नंदादेवी तथा वन्यजीव विहारों में सोना नदी, बिंसर, केदारनाथ और गोविंद लोकप्रिय हैं। वर्ष 2000-01 में आए 67,776 पर्यटकों में से 4336 विदेशी थे। गत वर्ष 07-08 मेंभ्रमण पर आने वाले पर्यटकों की संख्या 2,47,838 हो गई। इनमें 16,463 विदेशी थे। जहां सात वर्ष पूर्व वन विभाग को 85 लाख की आय हुई। अब वहीं बीते वर्ष 3.42 करोड़ की आय हुई। पर्यटकों के बीच हिमालय के आंचल में आबाद राज्य की पर्वतीय भौगोलिक संरचना का आकर्षण तो है ही। यहां के जंगल व जंगल में रहने वाले जानवरों को उनके प्राकृतिक परिवेश में देख पाने काभी एक अलग ही आकर्षण है। वन्यजीव गणना के मुताबिक राज्य के जंगलों में 241 बाघ, 2105 तेंदुआ, 1346 हाथी, 1678 काले भालू, 10888 सांभर, 53,386 चीतल, 10555 कांकड़ व 32613 सुअर हैं।