Thursday, 5 February 2009

एनडी की हाड्ड-ना पर टिका दारोमदार

5 FEB- देहरादून: लोकसभा चुनाव में काड्डग्रेस और भाजपा, दोनोड्ड के लिए ही एक-एक सीट महत्वपूर्ण होती जा रही है। बात उत्तराखड्डड की करें तो प्रत्याशी घोषित करने के मामले में भाजपा ने बढ़त ले ली है तो काड्डग्रेस अभी मड्डथन के दौर से ही गुजर रही है। सूत्रोड्ड का कहना है कि टिकटोड्ड के बारे में कोई भी फैसला लेने से पहले यह तय होना है कि काड्डग्रेसी दिग्गज एनडी तिवारी चुनावी समर में उतरेंगे या नहीं। काड्डग्रेस के सामने पौड़ी और टिहरी लोस सीटोड्ड पर कोई खास दिक्कत नहीं है। टिहरी से मौजूदा साड्डसद विजय बहुगुणा का नाम तय माना जा रहा है। पौड़ी सीट के लिए कई दावेदार हैं पर लगता है काड्डग्रेस यहाड्ड से महिला को टिकट देकर भाजपा पर प्रहार का मुद्दा जुटाने की कोशिश में हैं। हरिद्वार सीट इस समय समाजवादी पार्टी से समझौते के मड्डझधार में फड्डसी है। अगर काड्डग्रेस अपनी दम पर चुनाव लड़ती है तो कुछ जद्दोजहद के बाद प्रत्याशी का नाम तय कर ही लिया जाएगा। हालाड्डकि चर्चा यह भी है कि इस सीट से राजस्थान के एक दिवड्डगत काड्डग्रेसी नेता के साड्डसद पुत्र को भी यहाड्ड से टिकट दिया जा सकता है। काड्डग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी परड्डपरागत नैनीताल सीट को बचाने की है। भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष साड्डसद बची सिड्डह रावत को इस सीट से मैदान में उतार कर मुकाबले को खासा रोचक बना दिया है। सालोड्ड तक इस सीट पर काबिज रहे काड्डग्रेसी दिग्गज एनडी तिवारी ने जब चाहा खुद जीत गए और मौका आया तो जिसे चाहा उसे यहाड्ड से लोकसभा का रास्ता दिखा दिया। वर्ष 1991 और 1998 के चुनाव जरूर इसका अपवाद रहे। एनडी इस समय सक्रिय राजनीति से दूर आड्डध्र प्रदेश में राज्यपाल की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या एनडी सक्रिय राजनीति में वापस आकर इस सीट पर फिर से काड्डग्रेस का कब्जा करवाने की कोशिश करेंगे। सूत्रोड्ड ने बताया कि काड्डग्रेस के रणनीतिकार इस बात का मड्डथन कर रहे हैड्ड क्या एनडी के बगैर भी इस सीट तो जीता जा सकता है। मड्डथन इस बात पर भी किया जा रहा है कि एनडी के मैदान में आने से नैनीताल के साथ ही पहली बार आरक्षित हुई अल्मोड़ा सीट पर क्या फर्क पड़ेगा। काड्डग्रेसी नेता तर्क दे रहे हैं कि राज्य विधानसभा के पहले आम चुनाव में एनडी को शुरू में तो नहीं लगाया गया। बाद में हालात भाड्डप पार्टी हाईकमान ने उन्हें मैदान में उतारा तो राज्य गठन करने वाली भाजपा को सत्ता से बाहर जाना पड़ा था। काड्डग्रे्रस हाईकमान फिलहाल तो इन्हीं पहलुओड्ड पर अध्ययन कर रहा है। हाईकमान एनडी को राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर चुनावी समर में उतरने का फरमान सुनाता है या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। हाड्ड, इतना तय है कि कुमाऊड्ड की दोनोड्ड सीटोड्ड पर प्रत्याशियोड्ड की घोषणा से पहले हाईकमान एनडी पर हाड्ड या ना का फैसला लेगा।