Friday, 9 January 2009

मूलभूत जरुरतों को भी तरस रहा शहर

9 jan09-हल्द्वानी स्वच्छ, सुंदर व स्वस्थ शहर का सपना तो पूर्व पालिकाध्यक्षों ने भी देखा था, लेकिन शहर अब भी मूलभूत आवश्यकताओं से ही महरुम है। बिजली, पानी, सड़क, पुस्तकालय, आडिटोरियम, सीवर ट्रीटमेंट प्लान, टंचिंग ग्राउंड तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है। पूर्व पालिकाध्यक्ष महानगर बनने से पहले योजनाबद्ध तरीके से शहर का विकास किये जाने की बात करते हैं। उनका कहना है कि अगर 25 साल बाद को ध्यान में रखते हुये योजनायें नहीं बनायी गयी तो शहर अव्यवस्थित हो जाएगा। पूर्व पालिकाध्यक्ष व विधानपरिषद सदस्य नवीन तिवारी का कहना है कि शहर की आबादी तेजी से बढ़ रही है। गांवों ने अब कालोनियों की शक्ल ले ली है। यहां पर कॉम्पलेक्स व अपार्टमेंट तक बन गये हैं। लेकिन अभी भी शहर में स्वच्छ जल पीने को उपलब्ध नहीं है। हजारों जानें ले चुकी नहरों को भूमिगत करने का मामला धरातल तक नहीं आ पा रहा। सड़कों का चौड़ीकरण कर डिवाइडर बनाने और बीच में बिजली के खंभे लगाये जाने चाहिये। शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिये मंगलपड़ाव से कोतवाली तक ओवरब्रिज बनाना होगा। पूर्व पालिकाध्यक्ष सुषमा बेलवाल का कहना है कि शहर का विकास योजनाबद्ध तरीके से किये जाने की आवश्यकता है। महानगर की ओर बढ़ते शहर के लिये सड़कें भी चौड़ी होनी चाहिये। स्वच्छता को ध्यान रखते हुये कूड़ा निस्तारण की उचित व्यवस्था होनी चाहिये। पूर्व पालिकाध्यक्ष हेमंत बगड़वाल का कहना है कि शहर की सड़कों के किनारे छोटे-छोटे हरे-भरे पेड़ लगाने और हाईटेक पुस्तकालय बनाने का सपना था। सड़क को दुबारा न खोदना पड़े इसके लिये पहले ही पाइप लाइन व सीवर लाइन डाली जाय। शहर खूबसूरत बने इसके लिये डीके पार्क व रामलीला मैदान के नीचे पार्किंग और स्टेडियम बनाने की आवश्यकता है। एचएन इंटर कालेज के प्रबंधक महेश चन्द्र बेलवाल का कहना है कि शहर का विकास केवल बयानबाजी से नहीं हो सकता है। शहर में कूड़ा निस्तारण के लिये कोई जगह नहीं है। टंचिंग ग्राउंड की जगह पर शनि बाजार बन गया। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। अगर मल निस्तारण नहीं होगा, पेयजल की उचित व्यवस्था नहीं होगी तो महानगर अव्यवस्थित, अनियंत्रित व अनियोजित हो जाएगा। उनका कहना है कि शहर के विकास में व्यक्तिगत हित आड़े आ जाता है।

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