Monday 2 February 2009

तिब्बत सीमा: चार सड़कों को हरी झंडी

2 feb- पिथौरागढ़: तिब्बत सीमा तक प्रस्तावित चार सड़कों का मार्ग प्रशस्त हो गया है। घटियाबगड़ से लिपूलेख तक बनने वाली सड़क के निर्माण को हेलीकाप्टर से निर्माण सामग्री गुंजी पहुंचायी जा रही है। सड़क बनते ही कैलाश मानसरोवर यात्रा सुगम हो जायेगी। विश्र्व प्रसिद्ध मिलम ग्लेशियर पहुंचना भी आसान हो जाएगा। भारत सरकार ने तिब्बत सीमा तक चार सड़कों को स्वीकृति दी है। जिसमें घटियाबगड़-लिपूलेख, गुंजी -ज्योलिंकौंग, सेला-तिदांग और मुनस्यारी-मिलम सड़कें शामिल हैं। इसमें से घटियाबगड़-लिपूलेख सड़क कैलाश मानसरोवर यात्रा पथ है। इन सड़कों के निर्माण को वन भूमि निस्तारण का कार्य लगभग सम्पन्न हो चुका है। घटियाबगड़-लिपूलेख और मुनस्यारी-मिलम मार्ग निर्माण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति मिल चुकी है। जबकि सेला-तिदांग और गुंजी-ज्योलिंकौंग सड़कों के लिए वन भूमि निस्तारण को सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। मार्ग निर्माण एजेन्सी ग्रिफ, आईटीबीपी और वन विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को हेलीकाप्टर से तिब्बत सीमा पर प्रस्तावित सड़कों का अंतिम सर्वेक्षण किया। उप प्रभागीय वनाधिकारी एसएस वैश्य ने बताया कि वन भूमि का प्रस्ताव तैयार कर सीईसी को भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते ही गुंजी-ज्योलिंगकौंग और सेला-तिदांग मोटर मार्गो का निर्माण शुरू हो जायेगा। प्रस्तावित सड़कों का हवाई सर्वेक्षण करने वालों में वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊं वन क्षेत्र एसके सिंह, ग्रिफ के मेजर देसाई, सहायक सेनानी आईटीबीपी प्रकाश डांगी और उप प्रभागीय वनाधिकारी एसएस वैश्य आदि थे।