Monday, 2 February 2009
भर्ती पूर्व शिविर से युवाओं की बेरुखी
2 feb-
देहरादून, : पूर्व सैनिकों के नौनिहालों को सेना में जाने को प्रेरित करने वाला भर्ती प्रशिक्षण शिविर युवाओं को प्रेरणा नहीं दे पा रहा है। शायद, यही वजह है कि गत 19 जनवरी से शुरू हुए भर्ती प्रशिक्षण शिविर में गढ़वाल मंडल के मात्र 20 युवा ही शिरकत कर पाए। साल में दो बार लगने वाले इस शिविर में पूर्व में कितने प्रशिक्षु आए इसकी जानकारी देने के लिए उत्तराखंड सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निदेशालय ने मातहतों को मना किया हुआ है। उत्तराखंड सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड की ओर से पूर्व सैनिक, वीर नारियों और उनके आश्रितों के लिए कई योजनाएं संचालित हो रही हैं। इन्हीं योजनाओं में पूर्व सैनिकों के आश्रितों को सेना में जाने के लिए प्रेरित करने को भर्ती प्रशिक्षण शिविर आयोजित करना भी शामिल है। यह शिविर गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में साल में दो बार लगाया जाता है। शिविर में बच्चों को शारीरिक प्रशिक्षण देने के साथ ही सेना की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी जाती है। करीब दो माह तक चलने वाले इस शिविर से युवा लाभान्वित भी होते हंैं। इस सबके बावजूद इसमें अपेक्षाकृत युवाओं का शामिल न होना चिंताजनक है। गढ़वाल मंडल में डेढ़ लाख से अधिक पूर्व सैनिक हंै। बावजूद इसके देहरादून में बीते दिनों शुरू हुए इस शिविर में पहले दिन 16 युवाओं ने ही नामांकन कराया। जबकि, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी यह संख्या 20 बता रहे हैं। शिविर के विषय में ठीक से प्रचार-प्रसार न होना भी इसके प्रति युवाओं के घटते रुझान का कारण माना जा रहा है। बोर्ड शिविर के विषय में जानकारी देने के लिए महीनों पूर्व अखबारों में विज्ञप्ति देकर अपने कार्य की इतिश्री कर लेता है। नतीजतन दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं को इस बावत कोई जानकारी नहीं मिल पाती है