Monday, 3 August 2009

=आईसीएफआरई बनाएगा सूबे का पहला डाटा सेंटर

-ई-गवर्नेन्स रोड मैप के तहत सितंबर तक तैयार हो जाएगा डाटा सेंटर -देश में वानिकी व वन्य जीवन पर अनुसंधान में आसानी हो सकेगी देहरादून, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) उत्तराखंड में सूबे पहला डाटा सेंटर खोलेगी। यह देश में अपनी तरह का अनूठा डाटा सेंटर होगा। इस साल सितंबर तक शुरू होने वाले इस सेंटर की मदद से देश में वानिकी व वन्य जीवन पर अनुसंधान में आसानी हो सकेगी। इसके पहले प्रदेश में राज्य सरकार ने एक स्टेट डाटा सेंटर और उत्तराखंड पावर कार्पोरशन ने एक डाटा सेंटर स्थापित करने की बात कही थी, लेकिन इन सेंंटरों की अभी योजना ही बन रही है जबकि आईसीएफआरई लक्ष्य से तीन महीने पहले ही डाटा सेंटर स्थापित करने की ओर अग्रसर है। आईसीएफआरई, उससे जुड़े देश भर के 12 संस्थानों में ई-गवर्नेंस लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। इसी के तहत दून स्थित मुख्यालय में एक केेंद्रीयकृत सर्वर-फार्म स्थापित होगा, जिससे सभी 12 संस्थान जुड़ जाएंगे। डाटा सेंटर की मदद से महत्वपूर्ण डाटा उडऩे का खतरा तो खत्म हो ही जाएगा, साथ ही यदि डाटा उडड़ही गया तो उसकी रिकवरी भी की जा सकेगी। आईसीएफईआरई के ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट मैनेजर और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्रमुख डॉ. हरीश कुमार का कहना है कि डाटा सेंटर की स्थापना के साथ ही आईसीएफआरई अपनी ई-गवर्नेन्स योजना के तीसरे चरण में प्रवेश कर जाएगा। उन्होंने बताया कि डाटा सेंटर केवल आईसीएफईआरई नहीं बल्कि वानिकी, वन्य जीवन से जुड़े अन्य संस्थानों को भी सेवाएं प्रदान करेगा। उत्तराखंड के पहले सर्टिफाइड डाटा सेंटर विशेषज्ञ डॉ. हरीश कुमार का कहना है कि डाटा सेंटर की स्थापना किसी बाहरी एजेंसी से सेवाएं लेने से ज्यादा बेहतर और सस्ता विकल्प है। मालूम हो कि 2007 से शुरू आईसीएफआरई के ई-गवर्नेंस रोड मैप के तहत 2015 तक सभी सेवाएं आनलाइन हो जानी हैं। 2009 के अंत तक अब डाटा सेंटर स्थापित हो जाने के बाद डिजिटल सिग्नेचर ढांचा खड़ा हो जाएगा। 2010 तक आईसीएफआरई का सारा काम काज कागज रहित (पेपरलैस)कर दिया जाएगा तो साथ ही डिजिटल डेमोक्रेसी की शुरुआत भी कर दी जाएगी। डॉ. कुमार के मुताबिक डाटा सेंटर व डिजिटल डेमोक्रेसी से एक लाभ यह होगा कि इससे वानिकी में शोध में नकल व फर्जीवाड़ा भी खत्म हो जाएगा, क्योंकि वानिकी व वन्य जीवन पर शोधों व उनसे इससे जुड़ी सभी सूचनाएं एक जगह मिल सकेंगी।

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