Sunday, 9 August 2009
-निशंक ने खोला 'संविदा नियुक्ति' का पिटारा
सभी विभागों में रिक्त पदों का ब्योरा तैयार करने के निर्देश
तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों पर स्थानीय युवा पाएंगे रोजगार
, देहरादून
मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने अब सरकारी नौकरियों का पिटारा खोलने का मन बनाया है।
इसके लिए संविदा नियुक्ति का रास्ता अख्त्यिार किया जाएगा। सभी विभागों में रिक्त पदों का ब्योरा तैयार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बारे में शीघ्र ही आदेश जारी कर दिया जाएगा।
राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड में संविदा नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया था। नित्यानंद स्वामी की अंतरिम सरकार के समय से शुरू हुआ संविदा नियुक्तियों का यह सिलसिला कांग्र्रेस की एनडी तिवारी सरकार के समय तक जारी रहा। इसका मकसद विभागों को जरूरत के समय कार्मिक उपलब्ध कराना था। यह अलग बात रही कि इन नियुक्तियों को लेकर तमाम आरोप भी लगते रहे। इसके बाद भी स्थानीय लोगों को इस व्यवस्था के जरिए रोजगार मिलता रहा।
2007 में भाजपा एक बार फिर से सत्ता में आई तो पारदर्शिता के नाम पर इस संविदा नियुक्ति की व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया। बाद में स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों की कमी को देखते हुए इस व्यवस्था को फिर से शुरू किया गया और आज तक जारी है।
अन्य विभागों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कार्मिकों को संविदा पर नहीं रखा गया। इसके लिए सरकार ने पूर्व सैनिकों के कल्याण को बने एक निगम उपसुल के माध्यम से कार्मिकों को रखने की व्यवस्था बनाई। सूत्रों ने बताया कि उपसुल इसके ऐवज में कार्मिंकों से हर माह एक निश्चित रकम लेता है। इसमें भी तमाम तरह की शिकायतें आती रही हैैं।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने अब एक बार फिर से संविदा पर नियुक्तियों के बारे में निर्णय लिया है। सूत्रों ने बताया कि इस बारे में सैद्धांतिक रूप से सहमति हो चुकी है। सभी विभागों से रिक्त पदों का ब्योरा तैयार करने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि सीएम ने साफ कर दिया है कि अगर सरकारी विभागों में नौकरियां हैैं तो नियुक्ति की लंबी प्रक्रिया अपनाने से बेहतर है कि संविदा पर नियुक्तियां कर ली जाएं। इससे सूबे के युवाओं को तत्काल ही रोजगार मिल सकेगा। मुख्यमंत्री डा. निशंक के इस रूख से माना जा रहा है कि शासन स्तर से शीघ्र ही संविदा नियुक्तियों पर लगी रोक हटाने के बारे में आदेश जारी किया जा सकता है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment