Tuesday, 11 August 2009

-राज्य में 21 निजी बीएड कालेजों की मान्यता रद्द

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने लिया फैसला इन कालेजों में प्रवेश ले चुके करीब 2500 छात्रों का भविष्य अधर में केंद्रीय कमेटी में अपील करेंगे प्रभावित कालेज देहरादून, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन(एनसीटीई) ने मानकों में कमी के चलते राज्य के निजी 21 बीएड कालेजों की मान्यता रद्द कर दी है। ऐसे में इन कालेजों में प्रवेश ले चुके करीब ढाई हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। गढ़वाल विवि के प्रेस ऐंड पब्लिक रिलेशन सेल के अध्यक्ष प्रो. एआर डंगवाल ने मान्यता रद्द किए जाने की पुष्टि की है। वहीं, एसोसिएशन आफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट का कहना है कि प्रभावित कालेज इस मामले में केंद्रीय समिति में अपील करेंगे। एनसीटीई उत्तरी क्षेत्र की पांच से सात अगस्त तक जयपुर में आयोजित बैठक में उत्तर भारत के बीएड कालेजों के मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में उत्तराखंड के 21 संस्थानों के विरुद्ध मानकों में कमी के चलते मान्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया। इनमें देहरादून के 11, मसूरी व रुड़की के दो-दो, हरिद्वार के तीन और श्रीनगर, विकासनगर व कोटद्वार के एक-एक कालेज शामिल हैं। एनसीटीई नार्थ रिजन की वेबसाइट पर जारी सूची में बताया गया कि काउंसिल के मानकों में कमी, संबद्धता देने वाले विश्वविद्यालय के मानकों में कमी, नोटिस के जवाब अधूरे देने आदि के चलते एनसीटीई अधिनियम-1993 की धारा-17 के तहत इन कालेजों की मान्यता रद्द की गई है। वहीं, इन संस्थानों में सत्र-08 के लगभग 2500 छात्र-छात्राएं प्रवेश ले चुके हैैं। काउंसिल द्वारा इन संस्थानों की मान्यता रद्द किए जाने के बाद विवि इन कालेजों के लिए परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि कट ऑफ मेरिट से कम अकंों पर प्रवेश देने के दोषी 18 निजी बीएड कालेजों व अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रों लिए आरक्षित सीटों पर सामान्य श्रेणी के छात्रों को प्रवेश देने के दोषी पाए गए चार कालेजों की मान्यता समाप्त करने के लिए विवि प्रशासन ने 31 जनवरी को एनसीटीई को पत्र लिखा था। 25 मार्च को स्मरण पत्र लिखकर विवि प्रशासन ने दोषी कालेजों की मान्यता समाप्त करने की सिफारिश की थी। इस एनसीटीई ने यह कार्रवाई की। उधर, एसोसिएशन आफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट्स के सचिव सुनील अग्र्रवाल ने कहा कि एनसीटीई ने वेबसाइट पर इन 21 संस्थानों की सूची जारी की है। हालांकि अभी तक काउंसिल की ओर से इन संस्थानों को पत्र प्राप्त नहीं हुए हैैं। पत्र प्राप्त होने के बाद कालेज काउंसिल की केंद्रीय समिति में अपील करेंगे। इन संस्थानों में प्रवेश ले चुके छात्रों के भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि इन कालेजों ने अदालत के अंतरिम आदेश पर प्रवेश कराए थे। एनसीटीई के निर्णय के बाद अदालत क्या फैसला लेती है, इस पर इन छात्रों का भविष्य तय होगा। वेबसाइट पर जारी संस्थानों की सूची डीडी इंस्टूट्यूट आफ एडवांस स्टडीज(देहरादून), पेस्टल वीड कालेज आफ इंफार्मेशन टेक्नॉलोजी(देहरादून), सुसना मैथोडिस्ट गल्र्स बीएड कालेज(रुड़की), तनिष्क कालेज आफ एजुकेशन(देहरादून), नालंदा कालेज आफ एजुकेशन(देहरादून), मसूरी इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन(मसूरी), बीहाइव कालेज आफ एडवांस स्टडीज(देहरादून), कुकरेजा इंस्टीट्यूट आफ टीचर्स एजुकेशन(देहरादून), इंडियन इंस्टीट्यूट आफ प्रोग्र्रेसिव स्टडीज(रुड़की), गुरुकुल महाविद्यालय(ज्वालापुर), द्रोणाज कालेज आफ मैनेजमेंट ऐंड टेक्नॉलोजी(देहरादून), द्रोणाचार्य इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन(विकास नगर), मसूरी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट(मसूरी), दून घाटी कालेज आफ प्रोफेशनल एजुकेशन(देहरादून), एसपी मेमोरियल बीएड कालेज(श्रीनगर), मालिनी वैली कालेज आफ एजुकेशन(कोटद्वार), दून पीजी कालेज आफ एग्र्रीकल्चर साइंस, टेक्नॉलोजी ऐंड एजुकेशन(देहरादून), श्री गुरु राम राय पीजी कालेज(देहरादून), देवभूमि इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन(देहरादून), मदरहुड इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट ऐंड टेक्नॉलोजी(हरिद्वार) और सीता देवी मेमोरियल इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन(हरिद्वार)

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