Sunday, 9 August 2009
बादल फटने से मुनस्यारी के तीन गांव कब्रिस्तान में तब्दील, 43 लोग जिंदा दफन
सब::ला गांव में 26, पनियाल में 12 और बेड़ूमहर में पांच लोगों की मौत
-आईटीबीपी और एसएसबी के जवान शवों की खोज में जुटे, 15 लाशें बरामद
-प्रदेश के मुख्यमंत्री निशंक पहुंचे, स्थिति का लिया जायजा
जागरण ब्यूरो, मुनस्यारी(पिथौरागढ़): शुक्रवार को रात प्रकृति ने ऐसा कहर बरपाया कि तहसील क्षेत्र तीन गांव कब्रिस्तान में तब्दील हो गए। बादल फटने के बाद हुई प्रलयंकारी बारिश से इन तीनों गांवों में 43 ग्रामीण और सैकड़ों जानवर जिन्दा दफन हो गये। इस आपदा में घायल हुए तीन लोग जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं। शाम तक मलबे से 15 शव निकाले जा चुके थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा कर राहत कार्र्याें का जायजा लिया। प्रशासन के साथ ही पुलिस और सुरक्षा बलों के अधिकारी घटनास्थल पर डटे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को रात मुनस्यारी के तल्ला जोहार क्षेत्र में हुई भारी वर्षा ग्राम पंचायत दाफा के ला, चचना गांव के पनलिया तोक और बेड़ूमहर के रुनीतोला तोक में कहर बनकर टूटी। बादल फटने से रात्रि करीब ढाई बजे ला और पनलिया गांवों के आसपास बहने वाले सुकलिया और झिाकाला नाले उफन गये। दोनों नाले दिशा बदल कर बस्ती की ओर मुड़ गये। विनाश का पर्याय बने दोनों नालों ने पलक झापकते ही ला में आठ और पनलिया में चार मकानों को लील लिया। नींंद में सोये 38 ग्रामीण मलबे में विलीन हो गये। इसी दौरान बेड़ूमहर गांव के रुनीतोला गांव में भी दो मकान ध्वस्त हो गये और पांच लोग मलबे में दब गये। यहां तीन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गये।
इस आपदा में ला गांव के बलवंत सिंह पुत्र बहादुर सिंह 52, देवकी देवी पत्नी बलवंत सिंह 48, ममता पुत्री बलवंत सिंह 20, नरेन्द्र सिंह पुत्र बलवंत सिंह 17, गंगा सिंह पुत्र बहादुर सिंह 40, तुलसी देवी पत्नी गंगा सिंह 36, तारा पुत्री गंगा सिंह 18, लक्ष्मण सिंह पुत्र गंगा सिंह 15 , नवीन सिंह पुत्र गंगा सिंह 12, जय सिंह पुत्र गोपाल सिंह 55, जयंती देवी पत्नी जय सिंह 45, जगदीश सिंह पुत्र जय सिंह 20, नन्दन सिंह पुत्र जय सिंह17, श्याम सिंह पुत्र हर सिंह 42, सरुली देवी पत्नी श्याम सिंह 37, महेश सिंह पुत्र श्याम सिंह 18, पुष्कर सिंह पुत्र श्याम सिंह 14, गोविन्द सिंह पुत्र श्याम सिंह 11, पान सिंह पुत्र धन सिंह 75 वर्ष और बल्या देवी पत्नी खड़क सिंह जिन्दा दफन हो गये।
चचना राजस्व गांव के पनलिया तोक में चार परिवारों के कुंवर सिंह पुत्र पान सिंह 65, कौश्यला देवी 60, भवान सिंह पुत्र हरचन सिंह 32, विमला देवी पत्नी भवान सिंह 25, पूजा पुत्री भवान सिंह 7, लक्ष्मी पुत्री भवान सिंह 4, त्रिभुवन सिंह पुत्र भवान सिंह 2, चन्द्र सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह 45, मोहन सिंह पुत्र कुंवर सिंह 30, आनंदी देवी पत्नी मोहन सिंह 25, चन्द्र सिंह पुत्र मोहन सिंह 7 वर्ष, दीपचंद्र सिंह पुत्र मोहन सिंह 5, तारा देवी पत्नी बलवंत सिंह 34, नीवन सिंह पुत्र बलवंत सिंह 9, करिश्मा पुत्री बलवंत सिंह 12, शांति देवी पत्नी देव सिंह 28, गुड्डी पुत्री देव सिंह 5 और गोलू पुत्र देव सिंह 2 ने भी मलबे में दबकर दम तोड़ दिया।
बेडृूमहर रूनीतोला गांव में राम सिंह और जसमल सिंह के मकान ध्वस्त हो गये। जिसमें राम सिंह की तीन पुत्रियां और हयात सिंह की पत्नी और पुत्री की मलबे में दब कर मौत हो गयी। जबकि दुर्गेश, खिमुली देवी और एक अन्य घायल हो गये। यहां पर चार शवों को मलबे से निकाल लिया गया है। ला और पनयाल गांवों में सभी के मलबे में दब जाने से इस घटना की सूचना तत्काल नहीं मिल सकी। शनिवार को प्रात: सात बजे के आसपास के गांवों के लोगों को इसकी खबर मिली। ला गांव के निकट रहने वाले राम सिंह ने इसकी सूचना तहसील प्रशासन मुनस्यारी को दी। जिला मुख्यालय में सूचना मिलते ही प्रशासन सक्रिय हो गया। उधर 7वीं, 14वीं वाहिनी आईटीबीपी और 11वीं वाहिनी एसएसबी के 70 जवानों का दल मौके पर पहुंच गया। जहां शवों को ढूंढने का कार्य शुरू किया गया। समाचार लिखे जाने तक 15 शव निकाले जा चुके थे। कुछ शवों के पानी में बह जाने की आशंका है। एक शव डोर गांव के पास और सिर कटा शव नाचनी के पास देखा गया। देर शाम तक शवों की खोजबीन जारी थी।
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