Saturday, 22 August 2009

=रावत के बयान से कुंभनगरी में 'भूचाल'

-दोगुनी संख्या में रोजा इफ्तार पार्टियों का आयोजन करें कांग्रेसी: हरीश रावत -रमजान के महीने में नमाज के लिए पर्याप्त जगह न होने पर भी जताई चिंता -भाजपा ने कहा, उपवास धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ, रावत का पुतला भी जलाया -अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व गंगा सभा भी हुई विरोध में मुखर -कांग्रेस में भी उठे विरोध के स्वर, ब्रह्मचारी ने बताया इसे सिर्फ ड्रामेबाजी हरिद्वार,= केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री हरीश रावत के एक बयान से कुंभनगरी हरिद्वार में सियासी भूचाल के हालात बन गए हंै। कलक्ट्रेट परिसर में उपवास के दौरान रावत ने आज कांग्रेसियों से इस बार दोगुनी संख्या में रोजा इफ्तार पार्टियां करने का आह्वान करते हुए इस बात पर चिंता जताई कि रमजान के महीने में मुसलिम समुदाय के लोगों को नमाज के लिए स्थान उपलब्ध नहीं है। रावत के इस बयान पर जहां भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए उनका पुतला फूंका, वहीं उनकी ही पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ने रावत के उपवास को ड्रामेबाजी करार दिया। उधर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फ्रंट पर आकर इसका विरोध किया है तो गंगा सभा ने कहा मंत्री सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। शुक्रवार को रोशनाबाद कलक्ट्रेट पर अपने उपवास के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश की कौमी एकता को खतरे में डाल रही है। उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में मुसलिम समुदाय के लोगों को नमाज के लिए स्थान उपलब्ध कराने के संबंध में उन्होंने शासन और प्रशासन के प्रतिनिधियों से कई बार वार्ता की, लेकिन अब तक कोई इंतजाम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसका विरोध करती है। साथ ही उन्होंने कांग्रेसियों का आह्वान किया कि वे इस बार दोगुनी संख्या में रोजा इफ्तार पार्टियों का आयोजन करें। संबोधन के बाद केंद्रीय मंत्री ने अपर जिलाधिकारी सुरेंद्र नारायण पांडेय को राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। रावत के बयान पर सूबे में सत्तासीन भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। धार्मिक मुद्दे पर किए उपवास को भाजपाइयों ने धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताते हुए उनका पुतला दहन कर विरोध जताया। एक बैठक में भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज गर्ग, भाजयुमो जिलाध्यक्ष राजीव शर्मा, जिला उपाध्यक्ष हरजीत सिंह आदि ने हरीश रावत द्वारा उठाई गई मांगों का विरोध करते हुए कहा कि वह वोटों की राजनीति करने से बाज आएं। भाजपा नेताओं ने केंद्रीय राज्यमंत्री के उपवास कार्यक्रम को कांग्रेसी नाटक करार देते हुए उन पर माहौल खराब करने का आरोप लगाया। उधर, पार्टी में रावत विरोधी गुट ने भी इस मौके को हाथों हाथ लपक लिया। गत लोकसभा चुनाव में हरिद्वार संसदीय सीट से कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार रहे कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने शुक्रवार को श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री के उपवास कार्यक्रम को नाटकबाजी करार दिया। ब्रह्मचारी ने रावत को इस तरह राजनीतिक नाटकबाजी से दूर रहने की सलाह दी है। श्री ब्रह्मचारी ने कुरुक्षेत्र से मोबाइल पर हुई वार्ता के दौरान हरीश रावत की इस गतिविधि का जमकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत केंद्र सरकार के मंत्री हैं और इस समय देश में स्वाइन फ्लू, सूखा और महंगाई जैसे तमाम मसले हैं, जिन पर जनता को राहत दिलाये जाने की जरूरत है। दूसरी तरफ, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री हरी गिरी महाराज ने कहा कि सांसद हरीश रावत को जिताने में संतों की अहम भूमिका रही है। श्री गिरी का कहना था कि कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि वह कई जगहों पर सांप्रदायिक राजनीति करने लगी है। ऐसे मसले उठाना जो शांत हैं, यह केन्द्रीय मंत्री को कतई शोभा नहीं देता। उन्होंने बताया कि साधु संत हरीश रावत को बेहद सुलझाा हुआ मानते थे, लेकिन इस कदम के बाद अब इस पर विचार करना होगा। गंगा सभा के अध्यक्ष राम कुमार मिश्रा ने कहा कि देश स्वाइन फ्लू, सूखा से पीडि़त है। इन मुद्दों को लेकर उपवास तो समझा में आता है, लेकिन किसी धार्मिक मामले को हवा देने के उद्देश्य से किया गया उपवास केन्द्रीय मंत्री की सोच को दर्शाता है। षडदर्शन साधु समाज के महामंत्री और आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्मारक समिति के महामंत्री स्वामी देवानंद सरस्वती का कहना था कि केन्द्रीय मंत्री का यह कदम अनुचित है। वह माहौल बिगाडऩे का प्रयास कर रहे है। हर चीज के लिए स्थान नियत है। अलग से नमाज अदा करने की जगह की मांग करना जायज नहीं है।

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