Thursday, 20 August 2009
-यूपी में ब्लैक लिस्टेड, उत्तराखंड में मौज
-यूपी में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दिया 4 करोड़ 91 लाख रुपये का ठेका
-उत्तराखंड जलविद्युत निगम की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
देहरादून, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में तीन वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड की गई एक कंपनी मैसर्स नार्दन पावर इरेक्टर्स लिमिटेड उत्तराखंड में मौज कर रही है। उत्तराखंड जलविद्युत निगम द्वारा हाल ही में उक्त कंपनी को गलोगी पावर हाउस के मेंटनेंस का काम सौंपा गया है। ऐसा नहीं कि निगम को कंपनी के ब्लैक लिस्टेड होने की खबर नहीं थी, बावजूद इसके 29 जून 2009 की बोर्ड बैठक में कंपनी को करीब 4 करोड़ 91 लाख रुपये का काम सौंपने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
दरअसल, नई दिल्ली की नार्दन पावर इरेक्टर्स लि. नामक कंपनी को यूपी जलविद्युत निगम द्वारा 23 अप्रैल 2007 को तीन वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया था। यही कारण था कि उत्तराखंड जलविद्युत निगम ने अप्रैल 2008 में मनेरी भाली फेज-दो के एनुअल मेंटनेंस कांट्रेक्ट के लिए इस कंपनी की निविदा तक स्वीकार नहीं की। तब निगम के तत्कालीन निदेशक प्रोजेक्ट की सिफारिश पर प्रबंध निदेशक ने यह निर्णय किया था।
हैरत की बात यह है कि एक वर्ष बाद अचानक एक दूसरे पावर हाउस के मेंटनेंस का काम उसी कंपनी को सौंप दिया गया है, जिससे जलविद्युत निगम की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। जून 09 में हुई बोर्ड बैठक में बाकायदा 49113778 रुपये का काम उक्त कंपनी को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया गया, जबकि बीती 31 जुलाई को कंपनी के साथ काम का अनुबंध भी किया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ही उक्त कंपनी को काम दिए जाने की सिफारिश की है।
जांच के बाद ही दिया काम: एमडी
देहरादून: जलविद्युत निगम के प्रबंध निदेशक आरपी थपलियाल ने स्वीकारा कि गत वर्ष कंपनी के ब्लैक लिस्टेड होने की सूचना पर ही उसे एमबी-दो का काम नहीं दिया गया लेकिन जब निगम ने उसके ट्रेक रिकार्ड की पड़ताल की, तो पाया कि यूपी जलविद्युत निगम के साथ उसका भुगतान को लेकर कुछ विवाद है। उन्होंने बताया कि यूपी के निगम के एक अधिकारी ने भी लिखित रूप से कंपनी के कामकाज पर संतोष जताते हुए यह बात स्वीकार की है। इसके बाद ही इस कंपनी को गलोगी पावर हाउस का काम सौंपा गया है।
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