Saturday, 28 February 2009

UTTARAKHAND POWER corporation LTD.

UTTARAKHAND POWER corporation LTD. Application for post of assistant engineer,(E&M&CIVIL)/JUNIOR ENGINEER/TRAINEE TOTAL POST 169

LEST DATE 28 MARCH 2009 -

Friday, 27 February 2009

भूस्खलन से खतरे की जद में है सेम नागराजा मंदिर

Feb 26 उत्तरकाशी। उत्तराखंड के पांचवें धाम सेम नागराजा मंदिर की पहाड़ी पर भूस्खलन सक्रिय होने से मंदिर को खतरा उत्पन्न हो गया है। मंदिर की सुरक्षा के लिए 350 फुट लम्बी व 50 फुट ऊंची दीवार निर्माण जरूरी है जिसके लिए रामायण प्रसार समिति ने आम जनता से सहयोग की अपील की है। उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ स्थल सेम नागराजा को पांचवें धाम का दर्जा प्राप्त है। यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु और भक्त दर्शनों के लिए आते हैं। रामायण प्रचार समिति ने वर्ष 2006 में नागद्वार व मंदिर के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया। वर्तमान में सेम नागराजा मंदिर का निर्माण हो चुका है किन्तु अब मंदिर के नीचे पहाड़ी पर भूस्खलन से मंदिर पर खतरा मंडरा रहा है। वास्तुविद केसी कुडियाल ने बताया कि मंदिर को संकट से बचाने का एकमेव तरीका पहाड़ी पर सुरक्षा दीवार का निर्माण है। उन्होंने बताया कि करीब 350 फुट लम्बी व 50 फुट ऊंची दीवार के निर्माण से मंदिर सुरक्षित हो सकता है और दीवार के निर्माण पर करीब 18 लाख रुपए खर्च होंगे। रामायण प्रचार समिति ने सुरक्षा दीवार निर्माण का संकल्प लेते हुए भक्तों से दान देकर मंदिर को सुरक्षित करने की अपील की है। दूसरी ओर संवेदना समूह ने प्रकटा सेम के अतिरिक्त अन्य सात सेमों पर छोटे-छोटे मंदिर स्थापित करने का निर्णय लिया है। समूह के जय प्रकाश राणा, सुरेन्द्र पुरी, संतोष, कपिल पंकज समेत अन्य ने बताया कि यह कार्य श्रमदान से होगा।

बच्चे भी खोए और मुआवजा भी नहीं मिला

Feb 26, 02:03 am रुद्रप्रयाग। जिले में रुद्रप्रयाग व जखोली क्षेत्रांतर्गत अब तक बाघ के हमलों में मारे गए लोगो के आश्रित और घायल हुए अधिकतर पीड़ित मुआवजे की बांट जोह रहे हैं। मुआवजे के लिए विभाग के चक्कर काटकर इन पीड़ितों की हिम्मत जबाव देने लगी है। तहसील रुद्रप्रयाग व जखोली के अंतर्गत विगत कई वर्षो से जिले में बाघ का आतंक अत्यधिक देखने को मिल रहा है। दर्जनों लोग नरभक्षी बाघ के शिकार बन चुके हैं, तथा कई जानलेवा हमले में बुरी तरह घायल हुए हैं। पीड़ित वन विभाग के चक्कर काटते काटते थक चुके हैं, लेकिन मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। वर्ष 2007 सितंबर माह में तहसील जखोली के अंतर्गत कुन्याल गांव निवासी गोविंद सिंह की पुत्री ऊर्जा को गुलदार ने निवाला बना लिया था, इसी वर्ष जुलाई माह में तहसील के अंतर्गत ही चौंरा निवासी जर्नादन प्रसाद के पुत्र सोनू को भी बाघ ने अपना शिकार बनाया, लेकिन अभी तक पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिल पाया है। वहीं जिले के ग्राम सभा चामक की रेखा, सिरई की सोनम, जखोली अनिल सिंह, सिलगढं क्षेत्र अरविंद सिंह व कलम सिंह भी गुलदार के हमले में बुरी तरह घायल हुए इनको भी वन विभाग से मुआवजे के नाम पर कुछ नहीं मिला। जिससे चलते पीड़ितों में भारी रोष व्याप्त है। उनका आरोप है कि कई बार विभागीय कार्यालय में मुआवजे को लेकर चक्कर काट चुके हैं, लेकिन हमेशा खाली हाथ ही लौटना पड़ा है। वहीं इस संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी सुरेन्द्र मेहरा का कहना है कि पूर्व में अवमुक्त मुआवजे की राशि ढाई लाख रुपये वितरित की जा चुकी है। अन्य प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए शासन से दस लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है।

गिरफ्तारी के विरोध में सरकार का पुतला फूंका

Feb 26, श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल)। स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलित राजकीय महाविद्यालयों के विजीटिंग और संविदा शिक्षकों की देहरादून में हुई गिरफ्तारी के विरोध में आइसा ने सरकार का पुतला जलाया। बुधवार सायं गोला पार्क में राज्य सरकार का पुतला फूंकने के बाद आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाय सरकार उन्हें जेल भेज रही है। इस तानाशाही का मुंहतोड़ जवाब छात्र और नौजवान देंगे। विजीटिंग शिक्षकों को तत्काल बिना शर्त रिहा करने की मांग करते उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही करे अन्यथा प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। भाकपा माले के गढ़वाल मंडल प्रभारी कामरेड कैलाश पांडे ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस कुशासन के जवाब में यह सरकार बेरोजगारों और कर्मचारियों का दमन कर रही है। पुतला फूंकने वालों में जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय पार्षद मदनमोहन चमोली, विवेक चौहान, वर्गीश बमोला, सुनील रावत, सुरेन्द्रपाल सिंह, हेमंत बहुगुणा, सचिन कोहली, राहुल मेहता, किशन रौथाण आदि शामिल थे।

सीआईसी के आदेशोï को भी रखा ताक मेï

Feb 6, चम्बा(टिहरी गढ़वाल)। लघु सिंचाई विभाग के अधिकारी सूचना के अधिकार का मखौल उड़ाने से बाज नहीï आ रहे हैï। स्थिति यह है कि मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी)आरएस टोलिया के आदेशोï को भी ताक मेï रखा जा रहा है। आयुक्त ने सूचना के अधिकार के तहत जड़धार गांव कलस्टर योजना की जांच के आदेश दिए थे, जिस पर लघु सिंचाई विभाग के अभियंता ने जांच के आदेशोï की अनदेखी कर उसे ठंडे बस्ते मेï डाल दिया। गौरतलब है कि चम्बा प्रखंड के अंतर्गत जड़धार गांव कलस्टर सिंचाई योजना मेï धांधली होने पर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विजय जड़धारी ने लघु सिंचाई विभाग से सूचना के अधिकार के तहत दिसम्बर 2007 मेï कई बिंदुओï पर जानकारी मांगी थी। जिस पर विभाग ने साल भर तक कोई सूचना नही दी। प्रार्थी ने जनवरी 2008 मेï अपीलीय अधिकारी को सूचना देने के लिए आवेदन किया। अपीलीय अधिकारी ने भी संज्ञान न लेते हुए कोई कार्रवाई नहीï की। इसके बाद उन्होïने ने सूचना आयोग मेï अपील की, जिसके बाद मुख्य सूचना आयुक्त आरएस टोलिया ने सूचना को गंभीरता से लेते संबंधित अधिकारियोï को फटकार लगाई। अपने आदेश मेï आयुक्त ने लिखा कि अधीक्षण अभियंता लघु सिंचाई वृत्त पौड़ी दो सप्ताह के अंदर मामले की जांच कर ग्राम पंचायत मेï जन सुनवाई कर उन्हेï प्रगति से अवगत कराए। साथ ही अन्य ग्रामीणोï की योजनाओï से संबंधित समस्याओï का निराकरण भी मौके पर करेï। लेकिन विभागीय अधिकारी ने एक माह का समय बीत जाने पर इस बाबत कोई कार्रवाई नहीï की है। सामाजिक कार्यकर्ता विजय जड़धारी का कहना है कि आयुक्त के निर्देश पर विभाग ने जो सूचना उपलब्ध कराई थी उसमेï फर्जी भुगतान का मामला प्रकाश मेï आया है। उन्होïने मुख्य आयुक्त पुन: कार्रवाई की मांग की है।

नई टिहरी में पांच मार्च से नहीं होगा पालीथिन का प्रयोग

Feb 26, नई टिहरी गढ़वाल। नगर को स्वच्छ व सुन्दर बनाने के लिए 5 मार्च से पालीथिन का प्रयोग प्रतिबंधित होगा। अगर कोई पालीथिन का प्रयोग करता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना भुगतना पड़ेगा। पालीथिन उन्मूलन को लेकर पालिका अध्यक्ष के आवास पर आयोजित बैठक में व्यापारी नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने पालीथिन को रोकने के लिए चर्चा की। पालिका अध्यक्ष राकेश सेमवाल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि नगर में 5 मार्च से पालीथिन के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। पालिका, प्रशासन व व्यापारियों की संयुक्त टीम नगर में दुकानदारों व जनता से पालीथिन का प्रयोग न करने की अपील करेगी। इसके बाद भी यदि कोई व्यापारी या व्यक्ति पालीथिन को प्रयोग करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ जुर्माने के साथ ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। व्यापारी वर्ग के लिए जुर्माना पांच सौ से लेकर एक हजार व ग्राहकों के लिए एक सौ से लेकर एक हजार रुपये निर्धारित किया गया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष भगत सिंह चौहान व बौराड़ी के अमरीश पाल ने अभियान में पूर्ण रूप से सहयोग देने की बात कही। इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अब्दुल अतीक, महामंत्री विजय कठैत, सूर्यमणी उनियाल, ढुगीधार चौकी इंर्चाज एसपी शर्मा आदि उपस्थित थे।

विवि कर्मी व शिक्षक देंगे सशर्त इस्तीफा

27,2,9-, नैनीताल: छठे वेतन आयोग तथा यूजीसी की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर आंदोलित कुमाऊं विवि के प्राध्यापकों व कर्मचारियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। गुरुवार को विवि प्रशासनिक भवन पर हुई सभा में शासन की उपेक्षा के खिलाफ सभी प्राध्यापकों व कर्मचारियों द्वारा सरकार को सशर्त इस्तीफा भेजने की चेतावनी दी। इसी क्रम में विवि की खराब आर्थिक हालत की जानकारी आम लोगों को देने के लिए शनिवार 28 फरवरी को आम सभा करने का निर्णय लिया गया। हड़ताली विवि प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने नित्य की भांति गुरुवार को भी विवि प्रशासनिक भवन में सभा आयोजित की। सभा को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेताओं ने विश्र्वविद्यालय के खराब हालात के लिए शासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया और विवि की उपेक्षा पर आक्रोश व्यक्त किया। सभा में कुलपति की भूमिका पर भी कई सवाल उठाए गए। उनका कहना था कि इन हालातों के लिए कुलपति भी किसी न किसी रूप में जिम्मेदार हैं। सभा में शिक्षक एवं कर्मचारी प्रतिनिधियों ने कहा कि पिछले दो सप्ताह से विश्र्वविद्यालय तथा उसके तीनों परिसरों में पठन पाठन व अन्य कामकाज ठप पड़ा है लेकिन शासन-प्रशासन के नुमाइंदों को इसकी कोई परवाह नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि हड़ताल से विश्र्वविद्यालय में पठन-पाठन बाधित होने के साथ परीक्षा भी लंबित हो रही है, लेकिन जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हैं। सभा में शासन के उपेक्षापूर्ण रवैये के विरोध में प्राध्यापकों व कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को सशर्त इस्तीफा भेजने का निर्णय लिया। तय किया गया कि इस्तीफे भेजने के बाद राज्य के विपक्षी दलों के अध्यक्षों से संपर्क कर आंदोलन को गति प्रदान की जाएगी। इसी क्रम में विवि के खराब माली हालतों की जानकारी जन सामान्य को देने के लिए कर्मचारी व शिक्षकों ने शनिवार 28 फरवरी को मल्लीताल रामसेवक सभा प्रांगण में आम सभा करने का ऐलान किया गया। सभा में कुलपति प्रो.सीपी बर्थवाल भी मौजूद थे। श्री बर्थवाल ने कर्मचारियों की मांगों को शासन तक पहुंचाने का आश्र्वासन दिया। सभा में कूटा अध्यक्ष डा.अजय अरोरा, एमएमएस मेहरा, प्रो.सीएस मथेला, प्रो.डीएस कार्की, डा.जीत राम, कर्मचारी नेता एनएस रजवार, कुलदीप सिंह, हेम सनवाल, आनंद रावत, कुंवर सिंह जलाल, भूपाल करायत, प्रकाश पाठक आदि ने विचार रखे।

सच हुआ लग्जरी सिटी बस का सपना

27,2,9- देहरादून, हैदराबाद, चंड़ीगढ़ जैसे महानगरों की तर्ज पर अगले कुछ माह में राजधानी की सड़कों पर भी लग्जरी सिटी बसें दौड़ती दिखेंगी। नगर निगम, परिवहन निगम और एमडीडीए की साझा योजना के तहत केंद्र सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति दे दी है। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत स्वीकृत इस योजना के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसके तहत 30 जून तक बसों की खरीद की जानी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि तीन-चार माह में ये बसें सड़कों पर आ जाएंगी। शहर में यातायात के दबाव को कम करने के लिए नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर आ गई है। शहर में सफर के लिए आरामदायक बस सुविधा मुहैया कराने के लिए नगर निगम ने लग्जरी सिटी बस की योजना बनाई थी, जिसे गुरुवार को अमलीजामा पहना दिया गया। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत प्रदेश के लिए भेजे गए 194 सिटी बसों के प्रस्ताव के सापेक्ष 145 बसों को स्वीकृति मिल गई है। इसके तहत राजधानी के लिए 60, हरिद्वार के 60 और नैनीताल के लिए 25 बसों को स्वीकृति मिली है। इनमें 70 बसें सेमी लोअर फ्लोर और 75 मिनी बसें होंगी। राजधानी के लिए स्वीकृत बसों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए परिवहन सचिव उमाकांत पंवार, परिवहन निगम के वित्त नियंत्रक रमेश अग्रवाल और उप महाप्रबंधक और नगर निगम व एमडीडीए के अधिकारी दिल्ली गए हुए थे। मेयर विनोद चमोली ने बताया कि राजधानी के लिए भेजे गए 70 बसों के प्रस्ताव के सापेक्ष 60 बसों को स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, परिवहन निगम व नगर निगम के प्रतिनिधियों की एक कमेटी गठित की गई है। श्री चमोली ने बताया कि बसों का संचालन नगर निगम के हाथ में रहेगा, जबकि एमडीडीए व परिवहन निगम सहयोग देंगे। बसों के संचालन के लिए शहर और इससे सटे इलाकों में रूट तय किए जाने हैं। इस विषय पर कमिश्नर व सचिव परिवहन उमाकांत पंवार की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक अगले एक दो दिन में होनी संभावित है। आचार संहिता किसी भी वक्त लग जाने की आशंका के चलते इस योजना के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बसों की खरीद हर हाल में 30 जून से पहले की जानी है।

सूबे में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू

27,2,9- देहरादूनशिक्षा मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि बीटीसी में प्रशिक्षण और विशिष्ट बीटीसी तथा एलटी में नियुक्ति प्रक्रिया 18 फरवरी से शुरू कर दी गई है। इस जवाब से असंतुष्ट कांग्रेसी सदस्यों वेल में नारेबाजी की। कांग्रेस विधायक केदार सिंह रावत ने नियम 58 के तहत बीटीसी प्रशिक्षण, विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया। बहस को आगे बढ़ाते हुए प्रीतम सिंह ने डीपीएड और बीएड प्रशिक्षितों द्वारा प्रदेश भर में किए जा रहे आंदोलन का मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रशिक्षित बेरोजगारों ने सीएम के सामने जहां-जहां भी मांग रखी, सरकार ने उन पर लाठीचार्ज किया। शिक्षा मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि 18 फरवरी को बीटीसी प्रशिक्षण और विशिष्ट बीटीसी तथा एलटी शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि एलटी में 2916 पद रिक्त हैं, जिनमें से 30 प्रतिशत पद प्रमोशन से भरे जाएंगे। बाकी पदों पर सीधे नियुक्ति होगी। इसी तरह विशिष्ट बीटीसी में भी नियुक्ति होगी। इस उत्तर से असंतुष्ट कांग्रेस विधायक वेल पर आकर नारेबाजी करने लगे। इससे पहले नियम 58 में ही मसूरी के विधायक जोत सिंह गुनसोला ने मसूरी में लगातार बढ़ती जा रही आपराधिक घटनाओं का खुलासा न होने का सवाल उठाया।

राज्य आंदोलन:46 लोगों को सम्मान

27,2,9- देहरादून: सरकार ने राज्य निर्माण आंदोलन से जुड़े ऐसे 46 आंदोलनकारियों को सम्मानित करने का निर्णय किया है, जो 1994 में सीबीआई के मुकदमों व जांच की जद में आए हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने सदन में बताया कि वर्ष 1994 में राज्य आंदोलन के दौरान सीबीआई द्वारा उत्तराखंड में छह मुकदमें दायर किए, जिसमें तीन मसूरी, दो टिहरी गढ़वाल व एक डालनवाला(देहरादून) क्षेत्र का था। इनमें कुल आरोपित आंदोलकारी 46 थे। सरकार इन आंदोलनकारियों को सम्मानित करने जा रही है। सम्मान के लिए आंदोलनकारियों को तीन श्रेणियों में रखा गया है। ऐसे आंदोलनकारी, जिन पर सीबीआई ने मुकदमा दायर कर जेल भेजा और उनके विरुद्ध आरोप पत्र भी दायर हुए। वर्ष 2004 तक इन पर मुकदमा चलता रहा। इस श्रेणी के 22 आंदोलनकारियों को सरकार एक-एक लाख देकर सम्मानित करेगी। दूसरी श्रेणी में ऐसे आंदोलनकारी हैं, जिन पर सीबीआई ने 1994 में मुकदमा दायर किया पर आंदोलनकारियों ने गिरफ्तारी के विरुद्ध स्थगन आदेश लिया। ये आंदोलनकारी जेल नहीं गए और इन पर 2004 तक मुकदमा चलता रहा। इस श्रेणी के सात आंदोलनकारियों को सरकार 75-75 हजार देकर सम्मानित करेगी। तीसरी श्रेणी में ऐसे आंदोलनकारी हैं, जिनके विरुद्ध 1994 में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई पर आरोप पत्र दाखिल नहीं हुआ। अन्वेषण के बाद इन्हें छोड़ दिया गया। इस श्रेणी के 17 आंदोलनकारियों को पचास-पचास हजार दिए जाएंगे।

योग शिक्षकों के पद सृजन पर विचार नहीं

देहरादून, जागरण ब्यूरो: शिक्षा मंत्री मदन कौशिक ने सदन को बताया कि योग शिक्षकों के लिए पद सृजन की आवश्यकता नहीं है और न ही इस पर विचार किया जा रहा है। कार्यस्थगन में सूचना की ग्राह्यता पर कांग्रेस के बलवीर सिंह नेगी ने कहा कि योग विषय को अनिवार्य किया गया है। योग शिक्षक आंदोलन की राह पर हैं। इस गंभीर मुद्दे की अनदेखी गलत है। सरकार का पक्ष रखते हुए शिक्षा मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर योग व स्वास्थ्य शिक्षा को अनिवार्य किया गया है। इस विषय में आंतरिक मूल्यांकन होता है। लिखित विषय के रूप में इसे मान्यता नहीं है। इसमें पद सृजन की आवश्यकता नहीं है और न ही इस पर विचार किया जा रहा है। इस पर अध्यक्ष ने सूचना को अग्राह्य कर दिया। बसपा के मो.शहजाद ने हरिद्वार में भूमिहीनों को आवंटित पट्टों का मुद्दा उठाया। ग्राह्यता पर श्री शहजाद ने कहा कि 35 वर्षो से पट्टे में मिली जमीन पर खेती करने वालों को भूमिधरी का अधिकार दिया जाना चाहिए। वर्तमान में इन लोगों के पट्टों को निरस्त किया जा रहा है, जिससे कई लोग सड़कों पर आ गए हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि यूपी जमींदारी नियमावली में प्रतिबंध है कि पांच वर्ष से अधिक समय के लिए पट्टा नहीं दिया जाएगा। इसके तहत ही कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में 1255 वाद राजस्व न्यायालय में लंबित हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने सूचना को अग्राह्य कर दिया। कांग्रेस के करण मेहरा ने रानीखेत के एक मामले में सूचना की ग्राह्यता पर कहा कि एक ताइक्वांडों कोच ने स्कूल के अध्यापक व तीन लोगों से मारपीट की। इस मामले में पुलिस अधीक्षक व कोतवाल की भूमिका एक पक्षीय रही। पुलिस ने उन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया, जो न्याय मांगने कोतवाली में गए थे। ऐसे में इन लोगों के विरुद्ध दर्ज मुकदमा वापस लिया जाना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि कोच ने कार से कैमरा चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में कुछ लोग इस कैमरे को एक दुकान में ठीक कराने ले गए। इसकी सूचना कोच को मिली और मौके पर ही दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। मामले की गंभीरता देखते हुए इसे सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया। पक्ष आने के बाद सूचना को आग्राह्य कर दिया गया।

योग शिक्षकों के पद सृजन पर विचार नहीं

27.2.9- देहरादून, : शिक्षा मंत्री मदन कौशिक ने सदन को बताया कि योग शिक्षकों के लिए पद सृजन की आवश्यकता नहीं है और न ही इस पर विचार किया जा रहा है। कार्यस्थगन में सूचना की ग्राह्यता पर कांग्रेस के बलवीर सिंह नेगी ने कहा कि योग विषय को अनिवार्य किया गया है। योग शिक्षक आंदोलन की राह पर हैं। इस गंभीर मुद्दे की अनदेखी गलत है। सरकार का पक्ष रखते हुए शिक्षा मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर योग व स्वास्थ्य शिक्षा को अनिवार्य किया गया है। इस विषय में आंतरिक मूल्यांकन होता है। लिखित विषय के रूप में इसे मान्यता नहीं है। इसमें पद सृजन की आवश्यकता नहीं है और न ही इस पर विचार किया जा रहा है। इस पर अध्यक्ष ने सूचना को अग्राह्य कर दिया। बसपा के मो.शहजाद ने हरिद्वार में भूमिहीनों को आवंटित पट्टों का मुद्दा उठाया। ग्राह्यता पर श्री शहजाद ने कहा कि 35 वर्षो से पट्टे में मिली जमीन पर खेती करने वालों को भूमिधरी का अधिकार दिया जाना चाहिए। वर्तमान में इन लोगों के पट्टों को निरस्त किया जा रहा है, जिससे कई लोग सड़कों पर आ गए हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि यूपी जमींदारी नियमावली में प्रतिबंध है कि पांच वर्ष से अधिक समय के लिए पट्टा नहीं दिया जाएगा। इसके तहत ही कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में 1255 वाद राजस्व न्यायालय में लंबित हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने सूचना को अग्राह्य कर दिया। कांग्रेस के करण मेहरा ने रानीखेत के एक मामले में सूचना की ग्राह्यता पर कहा कि एक ताइक्वांडों कोच ने स्कूल के अध्यापक व तीन लोगों से मारपीट की। इस मामले में पुलिस अधीक्षक व कोतवाल की भूमिका एक पक्षीय रही। पुलिस ने उन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया, जो न्याय मांगने कोतवाली में गए थे। ऐसे में इन लोगों के विरुद्ध दर्ज मुकदमा वापस लिया जाना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि कोच ने कार से कैमरा चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में कुछ लोग इस कैमरे को एक दुकान में ठीक कराने ले गए। इसकी सूचना कोच को मिली और मौके पर ही दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। मामले की गंभीरता देखते हुए इसे सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया। पक्ष आने के बाद सूचना को आग्राह्य कर दिया गया।

बारातियों से भरी जीप खाई में गिरी, चार की मौत

27,2,9- ,डीडीहाट (पिथौरागढ़): गुरुवार को बारात लेकर लौट रही एक जीप के खाई में गिर जाने से चार बारातियों की मौत हो गयी और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। गुरुवार को देवलथल से एक बारात उड़मा गांव गई हुई थी। शादी के बाद बारातियों को लेकर लौट रही एक कमाण्डर जीप ओगला-भागीचौरा मोटर मार्ग में गनाई नामक स्थान पर गहरी खाई में जा गिरी। जिससे जीप चालक कुण्डल सिंह बोरा(42), प्रकाश सिंह उर्फ मंजनू (28), की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि प्रदीप चंद (35), उपजिलाधिकारी डीडीहाट का चालक भुवन भट्ट, पेशकार त्रिभुवन जोशी गंभीर रूप से घायल हो गये, लेकिन प्रदीप चंद ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। उपचार के दौरान त्रिभुवन जोशी की भी मौत हो गयी।

कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन

देहरादून एक दौर में दून के रंगमंच की चर्चा समूचे उत्तर भारत में होती थी। यह वह कालखंड है, जब लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, मुंबई, चंडीगढ़, सहारनपुर, भारत भवन भोपाल जैसे शहरों में स्थानीय नाट्य संस्थाओं द्वारा नाटकों के सफल प्रदर्शन के फलस्वरूप राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का भी ध्यान दून की ओर आकृष्ट हुआ। लेकिन, इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि तब दून के रंगमंच को समृद्धि की पराकाष्ठा पर ले जाने वाली नाट्य संस्थाएं आज आपसी गुटबाजी के प्रभाव में एक-दूसरे से अपरिचित सी हो गई हैं। रामलीला से आरंभ होकर दून का रंगमंच कोलकाता की कोरिन्यियन ड्रामा कंपनी और फिर साधुराम महेंद्रू के लक्ष्मण ड्रामेटिक क्लब के पारसी नाटकों से गुजरता हुआ 70 के दशक तक पहुंचा। यहीं से दून रंगमंच का स्वर्णिम काल शुरू होता है, जो 90 के दशक तक बदस्तूर जारी रहा। इस दौर में यहां की कई नाट्य संस्थाओं व रंगकर्मियों ने राष्ट्रीय स्तर पर न सिर्फ अपनी कला का लोहा मनवाया, बल्कि दून रंगमंच को पहचान भी दिलाई।इस सफलता में नेहरू युवा केंद्र की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। उन दिनों केंद्र को रंगकर्मियों के बीच मंडी हाउस के नाम जाना जाता था। रंगमंच की समस्त गतिविधियां केंद्र से ही संचालित होती थीं। यह दौर इस मायने में भी अविस्मरणीय है कि अमरदीप चड्ढा के बाद हिमानी शिवपुरी, श्रीश डोभाल, चंद्रमोहन व अरविंद पांडे को इसी दौरान एनएसडी में प्रवेश मिला। इसी अवधि में अशोक चक्रवर्ती, अविनंदा, एवी राणा, अवधेश कुमार, सहदेव नेगी, ज्योतिष घिल्डियाल, ज्ञान गुप्ता, टीके अग्रवाल, सतीश चंद्र, तपन डे, दीपक भट्टाचार्य, अजय चक्रवर्ती, धीरेंद्र चमोली, रामप्रसाद सुंद्रियाल, गजेंद्र वर्मा, अतीक अहमद, रमेश डोबरियाल, सुरेंद्र भंडारी, दुर्गा कुकरेती जैसे मंझे हुए रंगकर्मियों की मजबूत जमात भी खड़ी हुई। लेकिन, नेहरू युवा केंद्र के बंद होते ही नाट्य संस्थाओं के साथ रंगकर्मी भी बिखर से गए। आज क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों व वीडियो एलबमों की व्यस्तता के कारण कलाकारों के पास समय का अभाव है, जिसका सीधा असर रंगमंच पर पड़ा। इस सबके बावजूद दून में वरिष्ठों का अनुभव और युवाओं की ऊर्जा रंगमंच की शम्आ जलाए हुए है। रंगकर्मी अभिषेक मैंदोला कहते हैं कि रंगमंच मानवीय है। जब तक जीवन है रंगमंच है। वह बीमार पड़ सकता है, थक सकता है, पर मर नहीं सकता। वरिष्ठ रंगकर्मी यमुनाराम का कहना है कि रंगमंच को संतुष्टि तक ही सीमित नहीं रखना होगा। सरकारी-गैर सरकारी स्तर पर तलाश कर नए आयाम जुटाने होंगे।
गढ़वाली गीतों पर थिरके छात्र-छात्राएं देहरादून: डीबीएस छात्र संघ समारोह के दूसरे दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लोक गायक मंगलेश डंगवाल एंड पार्टी ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। पंडाल में उपस्थित छात्र-छात्राएं मंगलेश के गीतों पर जमकर थिरके। उन्होंने लबरा छोरी रुमा झुमा झुम, सिल्की बांद, मोहना तू तो बसी म्यारा दिल मा आदि गीतों की प्रस्तुति दी। समारोह में मुख्य अतिथि मेयर विनोद चमोली ने छात्र-छात्राओं से लगन से पढ़ाई कर अपने अभिभावकों का नाम रोशन करने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कालेज को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। विशिष्ट अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शंकर चंद रमोला ने छात्र संघ समारोह के आयोजन पर छात्र संघ को बधाई दी। छात्र संघ की ओर से सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। समारोह में छात्र संघ अध्यक्ष संकेत नौटियाल, महासचिव संदीप चमोली, छात्र नेता अजय चौधरी, जसविंदर पॉल, मनीष चौधरी, अवधेश तिवारी आदि उपस्थित थे।

चुनाव के बाद ही पास हो पाएंगे नए प्रस्ताव

देहरादून: अगर लोकसभा चुनाव से पहले नगर निगम बोर्ड बैठक नहीं हो पाई तो शहर के नए विकास कार्य करीब तीन महीने तक प्रभावित रहेंगे, क्योंकि कभी भी आचार संहिता लग सकती है। बोर्ड की पिछली बैठक नवंबर में हुई थी। नगर निगम में विकास कार्यो से संबंधित नए प्रस्तावों पर बोर्ड बैठक में चर्चा होती है। इसके बाद ही उन्हें स्वीकृति मिल पाती है। आचार संहिता लगने की स्थिति में अगले कई माह तक निगम के विकास कार्यो पर विराम लग जाएगा। आचार संहिता के चलते फिलहाल मई-जून से पहले बैठक होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। आचार संहिता के दौरान विकास कार्यो की घोषणा मतदाता को प्रभावित कर सकती है, जिस कारण बोर्ड बैठक में विकास कार्यो से संबंधित किसी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकती। ऐसे में बोर्ड की बैठक बुलाने का औचित्य नहीं रह जाता। इससे साफ है कि लोकसभा चुनावों के बाद ही निगम की बोर्ड बैठक हो पाएगी। कुछ पार्षदों का कहना है कि कई बार मेयर से बोर्ड की बैठक बुलाने के लिए अनुरोध किया गया, लेकिन उन्होंने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए। अगर आचार संहिता लगने से पहले बोर्ड बैठक नहीं होती है तो लंबे समय तक बैठक नहीं हो पाएगी। उधर, मेयर विनोद चमोली ने भी माना कि अगर आचार संहिता लगने से पहले बैठक नहीं हुई तो कार्य प्रभावित होंगे। आचार संहिता लगने से पहले बोर्ड की बैठक कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत 24 फरवरी को कार्यकारिणी की बैठक रखी गई थी, जो कर्मचारियों की हड़ताल के कारण स्थगित करनी पड़ी। फिलहाल प्रयास यही है कि आचार संहिता लगने से पहले बोर्ड की बैठक करा ली जाए।

शान की सवारी में घूमिए शहर

देहरादून, : हैदराबाद, चंड़ीगढ़ जैसे महानगरों की तर्ज पर अगले कुछ माह में राजधानी की सड़कों पर भी लग्जरी सिटी बसें दौड़ती दिखेंगी। नगर निगम, परिवहन निगम और एमडीडीए की साझा योजना के तहत केंद्र सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति दे दी है। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत स्वीकृत इस योजना के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसके तहत 30 जून तक बसों की खरीद की जानी है। ऐसे में उम्मीद है कि तीन-चार माह में ये बसें सड़कों पर आ जाएंगी। शहर में यातायात के दबाव को कम करने के लिए नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर आ गई है। शहर में सफर के लिए आरामदायक बस सुविधा मुहैया कराने के लिए नगर निगम ने लग्जरी सिटी बस की योजना बनाई थी, जिसे गुरुवार को अमली जामा पहना दिया गया। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत प्रदेश के लिए भेजे गए 194 सिटी बसों के प्रस्ताव के सापेक्ष 145 बसों को स्वीकृति मिल गई है। इसके तहत राजधानी के लिए 60, हरिद्वार के 60 और नैनीताल के लिए 25 बसों को स्वीकृति मिली है। इनमें 70 बसें सेमी लोअर फ्लोर और 75 मिनी बसें होंगी। राजधानी के लिए स्वीकृत बसों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए परिवहन सचिव उमाकांत पंवार, परिवहन निगम के वित्त नियंत्रक रमेश अग्रवाल और उप महाप्रबंधक और नगर निगम व एमडीडीए के अधिकारी दिल्ली गए हुए थे। मेयर विनोद चमोली ने बताया कि राजधानी के लिए भेजे गए 70 बसों के प्रस्ताव के सापेक्ष 60 बसों को स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, परिवहन निगम व नगर निगम के प्रतिनिधियों की एक कमेटी गठित की गई है। श्री चमोली ने बताया कि बसों का संचालन नगर निगम के हाथ में रहेगा, जबकि एमडीडीए व परिवहन निगम सहयोग देंगे। बसों के संचालन के लिए शहर और इससे सटे इलाकों में रूट तय किए जाने हैं। इस विषय पर कमिश्नर व सचिव परिवहन उमाकांत पंवार की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक अगले एक दो दिन में होनी संभावित है। आचार संहिता किसी भी वक्त लग जाने की आशंका के चलते इस योजना के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बसों की खरीद हर हाल में 30 जून से पहले की जानी है।

आशियाना बनाने में मानक बने रोड़ा

27.2.9- देहरादून, दून में आशियाना बनाना अब आसान नहीं, खासतौर से मध्यम वर्ग के लिए। प्लाट खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि उसका फ्रंट 25 फुट से कम न हो अन्यथा आपके आशियाने का सपना धरा का धरा रह सकता है। यही नहीं, दो फ्रंट वाले प्लाटधारकों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी में इस तरह के एक या दो नहीं बल्कि सैकड़ों मामले हैं, जिनमें छोटे प्लाट धारकों के भवन निर्माण का सपना साकार नहीं हो पा रहा। दून में जमीन की आसमान छूती कीमतें जगजाहिर हैं। हालात ये हैं कि राजधानी के कई इलाकों में प्रापर्टी के दाम इतने ज्यादा हैं कि एक आम-आदमी छोटा सा प्लाट खरीदने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाता। जैसे तैसे छोटा सा प्लाट खरीद भी ले तो एमडीडीए के नियम-कायदे उसके घर निर्माण की राह में रोड़ा बन रहे हैं। इन परिस्थितियों में कई दफा तो भवन निर्माण का सपना धरा का धरा रह जाता है। ऐसे में एक ही रास्ता बचता है वो है, अवैध निर्माण का लेकिन यहां भी राह आसान नहीं। एक बार आपने भवन निर्माण किया नहीं कि एमडीडीए से नोटिस आने का सिलसिला शुरू हो जाता। नतीजतन या तो आपको निर्माण कार्य रोकना होगा या फिर न चाहते हुए भी गलत तरीकों को अपनाना होगा। एमडीडीए के मानकों के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति का प्लाट आर-थ्री श्रेणी यानि न्यून घनत्व में है तो उसका फ्रंट एरिया कम से कम 25 फुट होना चाहिए। एमडीडीए का यही मानक छोटे प्लाट धारकों के लिए गले की फांस साबित हो रहा है। स्थिति ये है कि जिन लोगों के प्लाट का फ्रंट एरिया 25 फुट से कम है, एमडीडीए ऐसे नक्शों को पास नहीं कर रहा। वहीं, दो फ्रंट वाले छोटे प्लाट धारकों की समस्या भी इससे मिलती जुलती है। मानक के अनुरूप कार्य करने पर प्लाट में इतना भू-भाग नहीं बचता कि आवश्यकता के अनुरूप निर्माण हो। गौरतलब है कि दो फ्रंट वाले प्लाटों की कीमत एक फ्रंट वाले की तुलना में अधिक होती है। भू माफिया इससे बखूबी वाकिफ हैं और इसी का फायदा उठाकर प्लाटों की कीमत बढ़ा दी जाती है।

पूर्व सैनिक व विकलांग के लिए क्षैतिज आरक्षण

27.2.9- देहरादून, : सरकार ने सदन में दो विधेयक पेश कर पूर्व सैनिकों व विकलांगों के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की है, जबकि डीटीएच प्रसारण सेवा को कर की परिधि में लाया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने सदन में उत्तराखंड(उत्तराखंड लोक सेवा(शारीरिक विकलांग, स्वंतत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित व पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1993 संशोधन विधेयक तथा उत्तराखंड(उत्तर प्रदेश आमोद और पणकर अधिनियम 1979 संशोधन विधेयक पेश किए। पहले विधेयक से उत्तराखंड की लोक सेवाओं में पूर्व सैनिकों व विकलांगों को क्षैतिज आरक्षण का समुचित लाभ मिलेगा। वर्तमान में यह लाभ राज्य के अधिवासियों को नहीं मिल रहा है। डीटीएच प्रसारण सेवा को करारोपण की परिधि में लाए जा रहा है। इससे राज्य को डीटीएच सेवा से आमोद कर के रूप में राजस्व नहीं मिल रहा है। इससे राजस्व के रूप में करीब एक करोड़ वार्षिक मिलने की संभावना है। इधर, मुख्यमंत्री की ओर से पतंजलि विवि, हिमगिरि विवि, पेट्रोलियम व ऊर्जा अध्ययन विवि, देव संस्कृति विवि और इक्फाई विवि अधिनियमों में संशोधन विधेयक सदन के पटल पर पेश किए गए।

नए सिरे से होगी पुलिस की पदोन्नति परीक्षा

27,2,9- नैनीताल: पुलिस कांस्टेबल से दरोगा हेतु विभागीय पदोन्नति परीक्षा के मामले में सरकार की ओर से हाईकोर्ट में प्रति शपथ दायर कर दिया गया है। प्रति शपथ पत्र में कहा गया है कि सरकार नए सिरे से पदोन्नति परीक्षा आयोजित करने जा रही है। इस आधार पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पूर्व में आयोजित लिखित परीक्षा को चुनौती देने वाली कई अभ्यर्थियों की याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया। ज्ञात हो परीक्षा में शामिल हुए कई कांस्टेबलों ने दरोगा पद पर पदोन्नति के लिए हुई लिखित परीक्षा को हाईकोर्ट में एक याचिका के जरिए चुनौती दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को प्रति शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। गुरुवार को सरकार ने प्रति शपथ पत्र के माध्यम से एकलपीठ को अवगत कराया कि विभाग द्वारा अब पदोन्नति की सारी प्रक्रिया नये सिरे से आयोजित की जा रही है। कोर्ट ने उक्त प्रतिशपथ पत्र के आधार पर याचिका को निस्तारित कर दिया। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में हुई।

केंद्र के आदेश पर रोक

27.2.9- नैनीताल: हाईकोर्ट की खंडपीठ ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा उत्तरकाशी जिले की लोहारीनाग पाला जल विद्युत परियोजना का कार्य स्थगित करने के आदेश पर गुरुवार को रोक लगा दी। रूरल लिटिगेशन एंड इनटाइटिलमेंट सेंटर देहरादून द्वारा हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 19 सितंबर 08 को एक आदेश जारी करते हुए उत्तरकाशी जिले की लोहारीनाग पाला जल विद्युत परियोजना का कार्य स्थगित करने के आदेश पारित कर दिए गए हैं। याची के अधिवक्ता ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय के उक्त आदेश जनहित की दृष्टि से बिल्कुल गलत हैं। चूंकि इस परियोजना में केन्द्र एवं राज्य सरकार का करोड़ों रुपया पहले ही खर्च हो चुका है, इसलिए परियोजना पर रोक लगाने से शासकीय धन की हानि होगी। न्यायमूर्ति पीसी पंत एवं न्यायमूर्ति बीएस वर्मा की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के बाद 19 सितंबर 08 को जारी केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। खंडपीठ ने विपक्षी केन्द्र सरकार को छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

Thursday, 26 February 2009

विधायकों में सूचनाएं लगाने की होड़अधिकांश के हाथ निराशा

देहरादून। विधायकों में सूचनाएं मंजूर कराने के लिए जबरदस्त होड़ रहती है लेकिन सदन में कम ही सदस्यों के चेहरे पर इसके मंजूर होने के चलते दिखने वाली चमक रोशन होती है।सूचनाएं न लग पाने की सूरत में वे पत्रकारों को इसकी प्रति सौंप कर खुद को तसल्ली देते हैं। आज भी कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला की मसूरी की कानून व्यवस्था, कांग्रेस के ही मनोज तिवारी की कर्मचारी और शिक्षकों को छठे वेतन आयोग की की सिफारिशों का लाभ न मिलने, रंजीत रावत, गोविंद कुंजवाल, करन महरा और तिवारी की विधानसभा क्षेत्रों में शिलान्यास और लोकार्पण में उन्हें न बुलाए जाने की सूचनाएं खास नियमों में शामिल कराने की कोशिश नाकाम रही। अल्मोड़ा के रानीखेत शहर में संभ्रांत लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने के बाबत करन महरा की नियम-३१० में सूचना मंजूर होने की मांग भी ठुकरा दी गई। नेता विरोधी दल डा. हरक सिंह रावत ने एनटीटी प्रशिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित करने, बसपा के नारायण पाल, सुरेंद्र राकेश, प्रेमानंद महाजन के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रमों में विधायकों को न बुलाने, दिनेश पुर (ऊधम सिंह नगर) में एलपीजी गैस वितरण की व्यवस्था न होने पर महाजन की सूचना भी स्वीकार नहीं हुई। कुछ विधायक इन मामलों को बहुत महत्वपूर्ण और अविलंबनीय करार देकर नियम-३१० में चरचा की मांग कर रहे थे। हालांकि, उन्हें मन मसोस कर रहना पड़ा।

चमोली जिले में सुबह भूंकप के झाटके

२६,२,९

जिले में भूंकप के झाटके से लोग रहे दहशत में चमोली जिले में बुधवार सुबह भूंकप के झाटके आने से लोग भयभीत रहे। झाटके महसूस करते ही लोग डरकर अपने घरों एवं कार्यालयों से बाहर निकल आए। जोन पांच में शामिल चमोली जिले में पूर्व में कई बार भूंकपे के बड़े झाटकों को सह चुके लोग एक बार फिर आए झाटकों से भारी दहशत में हैं।गोपेश्वर निवासी गृहणी मीना नेगी के अनुसार वह सुबह रोज की तरह घर पर साफ सफाई कर रही थी कि तभी अचानक टीवी पर रखा गमला जोर से हिलने लगा। जिससे वह कमरे से बाहर की तरफ दौड़ पड़ी। जबकि जाखेश्वर शिक्षण संस्थान के सचिव नदंन सिंह बिष्ट ने बताया कि वह कार्यालय में बैठे थे कि सुबह साढ़े नौ बजे करीब कार्यालय की खिडकियां एवं आलमारियां हिलने लगंी। पहले तो वह कुछ समझा नहीं पाए, लेकिन जैसे ही अहसास हुआ कि यह भूकंप के झाटके हैं, े वह अन्य लोगों के साथ कार्यालय से बाहर की ओर दौड़ पड़े। श्री बिष्ट ने कहा कि बुधवार भूंकप के झाटके ने जिले में पूर्व में आए विनाशकारी भंूकप की यादों को एक बार फिर ताजा कर दिया है। ऐसे में जिले में वर्ष १९९१ एवं १९९९ की तरह जान-माल के नुकसान की पुरनावृत्ति न हो प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए। दूसरी ओर, कुछ लोगों का यह भी कहना था कि उन्हेंभूकंप के झाटकों का अहसास नहीं हुआ।

उच्च शिक्षा सचिव को स्पष्टीकरण पेश करने का अंतिम मौकानैनीताल।

हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा सचिव को न्यायालय के आदेशों का अनुपालन न करने पर स्पष्टीकरण पेश करने का अंतिम अवसर दिया। ऐसा न होने पर शिक्षा सचिव को २४ मार्च को हाईकोर्ट में तलब होने के निर्देश दिए गए।कार्यवाहक मु2य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीसी कांडपाल की एकल पीठ में राठ शिक्षा विकास समिति द्वारा संचालित राठ महाविद्यालय की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि २३ जुलाई २००८ को न्यायालय की एकल पीठ के आदेश के बावजूद उन्हें बीएड काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया। स्पष्टीकरण देते हुए शिक्षा सचिव की ओर से बताया गया कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के १२ अगस्त २००८ के पत्रानुसार कट आफ मेरिट से ऊपर के परीक्षार्थी उपल4ध न होने के कारण राठ महाविद्यालय को बीएड की सीटें आवंटित नहीं की गईं। सुनवाई के दौरान राठ शिक्षा समिति की ओर से ६९ अ5यर्थियों की सूची प्रस्तुत करते हुए न्यायालय को बताया गया कि विवि ने छात्रों की उपल4धता के बावजूद उन्हें काउंसलिंग में शामिल नहीं किया। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय की एकल पीठ ने उच्च शिक्षा सचिव अंजली प्रसाद को न्यायालय के आदेशों का पालन न होने पर स्पष्टीकरण देने के लिए अंतिम अवसर दिया। स्पष्टीकरण पेश न करने की स्थिति में न्यायालय ने उच्च शिक्षा सचिव को व्य1ितगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए।

मदरसों में भी संस्कृत के श्लोक गूंजेंगे।

२६,२,९ हल्द्वानी। सरकार की कवायद रंग लाई तो मदरसों में भी संस्कृत के श्लोक गूंजेंगे। इसके अलावा दुनियावी, दीनी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए भी बच्चों को भटकना नहीं पड़ेगा। मदरसों में इन सभी पाठ्यक्रमों के अलावा हिंदी, साइंस, भूगोल, इतिहास विषय की पढ़ाई के साथ ही अंग्रेजी, उर्दू, फारसी भाषा में भी विद्यार्थियों को पारंगत बनाया जाएगा।योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए उ8ाराखंड मदरसा बोर्ड के गठन की कवायद तेज कर दी गई है। मदरसों में उपल4ध संसाधनों और आवश्यकताओं की रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। समाज कल्याण विभाग के निदेशक आरसी पंत बताते हैं कि बोर्ड के गठन का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है। विभाग को सरकार की हरी झांडी का इंतजार है। प्रस्ताव में सभी मदरसों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की योजना है। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर खास जोर दिया गया है। पाठ्यक्रमों से संबंधित हर सुविधा मदरसों में उपल4ध होगी। रखरखाव के लिए जहां विशेष प्रावधान किया गया है वहीं यहां तैनात शिक्षकों को भी शासन के मानकों के मुताबिक वेतन देय होगा। बताते चलें कि राज्य में उ8ाराखंड मदरसा बोर्ड के गठन की लंबे समय से मांग उठाई जाती रही है। सरकारी स्तर पर इस दिशा में प्रयास भी हुए लेकिन तमाम पेंच होने से इसका गठन नहीं किया जा सका। अब नए सिरे से बोर्ड के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मुसलिम समाज का स्तर उठाने और उसे राष्ट्र की मु2य धारा में जोडऩे के उद्देश्य से मदरसों में संचालित होने वाले पाठ्यक्रमों में बदलाव का फैसला लिया गया है। इधर, मुसलिम एजूकेशन मिशन के सचिव एनके शर्मा बताते हैं कि मदरसा बोर्ड का गठन नहीं होने से बोर्ड परीक्षाएं गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी उ8ार प्रदेश द्वारा ही संचालित कराई जाएंगी।
चार माह केलिए मांगे ५२०९ करोड़अनुदान मांगों को सदन के पटल पर र2ाा देहरादून। बुधवार को सरकार ने अगले वि8ाीय वर्ष के चार माह के लिए ५२०९.४९२१ करोड़ की अनुदान मांगों को सदन केपटल पर रखा। यह अनुदान मांगें अप्रैल से जुलाई माह तक के लिए रखी गई हैं। नए वि8ाीय वर्ष के लिए करीब १४ हजार करोड़ की कुल मांगों का अनुमान है। शिक्षा, खेल, युवा कल्याण तथा संस्कृति के लिए सरकार को सबसे अधिक धन की व्यवस्था करनी पड़ रही है।संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने भोजनावकाश के बाद के सत्र में अनुदान मांगों को सदन के पटल पर रखा। लेखानुदान होने के कारण चर्चा की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है। हालांकि बसपा की ओर से चर्चा की मांग भी की गई। संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत के मुताबिक लोक सभा चुनाव की निकट संभावना को और केंद्र की ओर से भी लेखानुदान आने के कारण प्रदेश में भी लेखानुदान लाया गया है। अनुदान मांगों में सरकार ने राजस्व में कुल ३८४६.७५२२ करोड़ और पूंजी से १३६२.७३९९ करोड़ खर्च करने का अनुमान लगाया है। नए वि8ाीय वर्ष के लिए १४२७४.७०७० करोड़ केबजट का अनुमान लगाया गया है। सदन के पटल पर रखी गई अनुदान मांगों में शिक्षा, खेल, युवा कल्याण तथा संस्कृति के लिए सबसे अधिक धन की व्यवस्था करने का प्रस्ताव है। सरकार को जलापूर्ति, आवास एवं नगर विकास, कल्याण योजनाएं, वि8ा, कर, नियोजन, कृषि, ग्रा6य विकास, सिंचाई, अनुसूचित जाति कल्याण आदि विभागों के लिए अलग-अलग १०० करोड़ से अधिक का प्रावधान करने का प्रस्ताव किया है। इसकेसाथ ही नई नजूल नीति को भी प्र2यापित करने के लिए सदन केपटल पर रखा गया है। राज्यपाल केअभिभाषण पर केदार सिंह फोनिया ने धन्यवाद प्रस्ताव सदन में रखा। जोगा राम ट6टा ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। राज्यपाल के अभिभाषण पर बृहस्पतिवार को भी चर्चा होगी।

गढ़वाल विवि में बीएड काउंसलिंग पर फिलहाल रोक

२६,२,९ हाईकोर्ट ने गढ़वाल विवि से तीन सप्ताह में मांगा जवाब नैनीताल। हाईकोर्ट ने गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध स्ववि8ा पोषित बीएड कालेजों की ओर से दायर याचिकाओं को सुनने के बाद गढ़वाल विवि के अधीन होने वाली बीएड काउंसलिंग पर फिलहाल रोक लगा दी।कार्यवाहक मु2य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीसी कांडपाल की एकल पीठ में गढ़वाल विवि से संबद्ध स्ववि8ा पोषित द्रोण सहित सात बीएड कालेजों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि चार फरवरी २००९ को गढ़वाल विवि की ओर से कुछ स्ववि8ा पोषित बीएड कालेजों में अनियमित प्रवेशों तथा उनकी जांच का हवाला देते हुए उन्हें वर्ष २००८-०९ के लिए बीएड कोटा न देने के आदेश दिए गए। साथ ही उनकी मान्यता खत्म करने की संस्तुति शासन से की गई। जबकि कालेजों द्वारा नियमानुसार प्रवेश दिए गए हैं तथा सभी संस्थान एनसीटीई से मान्यता प्राप्त हैं। ऐसे में विवि द्वारा दिया गया आदेश गलत है। गढ़वाल विवि की ओर से याचिकाओं का विरोध करते हुए इन्हें आधारहीन बताया गया। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय की एकल पीठ ने गढ़वाल विवि के अधीन होने वाली बीएड काउंसलिंग पर फिलहाल रोक लगाने के आदेश दिए। मामले में विवि को तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए गए।

जौलीग्रांट हवाई अड्डे की सूरत बदल रही है।

जमीन मिले तो होगा हवाई अड्डे का विस्तारभारतीय विमानन प्राधिकरण ने मांगी ३३ एकड़ भूमि,

सीएम ने दिलाया सहयोग का भरोसा

जौलीग्रांट/देहरादून। जौलीग्रांट हवाई अड्डे की सूरत बदल रही है। छोटी नहीं, बल्कि अब यहां पर साढ़े सात हजार फीट की लंबी-चौड़ी हवाई पट्टी तैयार हो चुकी है। जौलीग्रांट में टर्मिनल निर्माण कर यात्रियों को भारतीय विमानन प्राधिकरण ने एक बड़ी सहूलियत उपल4ध करा दी है। हवाई अड्डे का विस्तार और किया जाना है। जमीन मिले, तो यह काम बहुत जल्द शुरू हो जाएगा। भारतीय विमानन प्राधिकरण ने सीएम से ३३ एकड़ जमीन की मांग की है। मु2यमंत्री ने हवाई अड्डे के विस्तार के लिए पूरा सहयोग करने का भरोसा दिलाया है।जौलीग्रांट हवाई अड्डे की सूरत में कितनी तेजी से बदलाव आ रहा है, केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल भी इसका जिक्र करने से नहीं चूके। बकौल, पटेल-कुछ साल पहले जब वे दून आए थे, तब छोटी हवाई पट्टी का निर्माण ही चल रहा था। मगर आज तसवीर बदल गई है। इस अड्डे के विस्तार के लिए कोई कसर छोड़ी नहीं जाएगी। मु2यमंत्री बीसी खंडूरी ने भी राज्य सरकार के प्रयास गिनाए। उन्होंने बताया कि एक रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से ९९ साल की लीज पर जमीन मुहैया कराकर सरकार ने बता दिया है कि जन सुविधाओं के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है। हवाई अड्डे की राह में कोई बाधा ना हो, इसलिए सरकार ने ४१ करोड़ रुपये खर्च कर नेशनल हाईवे का रूट ही बदल दिया है। अब जमीन के लिए हर पक्ष से बात कर हल निकाला जाएगा। इनसेट--समारोह से विपक्षियों का 'बायकॉट'देहरादून। आज के कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद विजय बहुगुणा नहीं आए। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हरीश रावत भी नहीं आए, हालांकि प्राधिकरण के अफसरों का कहना था कि हर जगह गलती से उनका नाम छप गया। उनके आने का कोई कार्यक्रम नहीं था। यूपीए सरकार में एनसीपी कोटे के मंत्री प्रफुल्ल पटेल की वजह से एनसीपी के प्रदेश प्रभारी को जरूर मंच पर जगह मिल गई। दिग्गजों ने थपथपाई एक-दूजे की पीठदेहरादून। दोनों परस्पर विरोधी सरकार के दिग्गज थे, मगर आज मौका आने पर एक-दूजे की मु1त कंठ से प्रशंसा में पीछे नहीं रहे। बात हो रही है सीएम खंडूरी और केद्रीय मंत्री पटेल की। खंडूरी ने कहा-पटेल युवा और बेहद ऊर्जावान मंत्री है। जवाब में पटेल बोले-खंडूरी की कार्यशैली उनके केंद्रीय मंत्री रहते हुए पूरे देश ने देखी है। बिखरेगा पहाड़ी व्यंजनों का भी जादूजौलीग्रांट/देहरादून। आपने पहाड़ी व्यंजनों को कभी ना कभी चखा जरूर होगा। एक ही घूंट में ताजगी से भर देने वाले बुरांस के जूस की तो याद होगी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर देशी-विदेशी मेहमानों को दुनिया भर के व्यंजनों, खाद्य और पेय पदार्थों के बीच उ8ाराखंड के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका भी मिलेगा। एयरपोर्ट अथारिटी की योजना यात्रियों को उ8ाराखंड के पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद चखाने की भी है। इसलिए बहुत जल्द वह नवनिर्मित टर्मिनल में एक स्टाल पहाड़ी व्यंजनों का भी लगवाएगा। गढ़वाल मंडल विकास निगम अपने गेस्ट हाउसों में इस तरह की व्यवस्था को लागू कर चुका है। पर्यटन सीजन में यहां आने वाले लोगों को कोदे की रोटी, कोदे की खीर समेत अन्य पहाड़ी व्यंजन गेस्ट हाउसों में चखने को जरूर मिल जाते हैं। एयरपोर्ट अथारिटी इस प्रयोग को यहां पर शुरू करने के प्रति गंभीर है। एयर ट्रेफिक कंट्रोलर रमेश कुमार के अनुसार, इस बात पर सहमति बन गई है कि टर्मिनल में एक स्टाल पहाड़ी व्यंजनों का होगा। जल्द ही यह सबके सामने आ जाएगा।

गढ़वाली-कुमाऊंनी गीतों पर देर रात तक थिरके दर्शकदेवाल।

25 feb- दो दिवसीय देवाल कौथिग की सांस्कृतिक संध्या मे गढ़वाल एवं कुमाऊं के सांस्कृतिक दलों के कलाकारों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को देर रात तक थिरकने पर मजबूर कर दिया। सांस्कृतिक संध्या में गढ़वाल और कुमाऊं के सैकड़ों दर्शकों ने कार्यक्रम का आनंद लिया।महाशिवरात्रि के पर्व पर आयोजित मेले में गढ़वाल- कुमाऊं के हजारों श्रद्धालुओं द्वारा तूनूड़ा और नंदकेशरी के ऐतिहासिक शिव मंदिर में जलाभिषेक किया जाता है। इससे पहले सुबह के वक्त कलश यात्रा निकाली जाती है। सांस्कृतिक संध्या में हिमालय लोक कला केंद्र अल्मोड़ा, रूपकुंड कला मंच व जागर गायिका बसंती बिष्ट ने दर्शकों का भरपुर मनोरंजन किया। रूपकुंड कला मंच ने ...दैणा होया खोली को गणेश, व अल्मोड़ा की टीम ने हुड़की बाजा घमाघम... एगे ऋतु बसंत ने दर्शकों को जमकर झाुमाया। कर्णप्रयाग से आए सुरेंद्र कमांडर की कॉमेडी ने देर रात तक दर्शकों को बांधे रखा। इस मौके पर रूपकुंड महोत्सव के सचिव हीरा सिंह रूपकुंडी, मेला संयोजक डीडी कुनियाल, जिलाध्यक्ष पंचायत सदस्य लक्ष्मण बिष्ट,जेष्ट प्रमुख मोहन राम, लखन रावत, सुरेश कुनियाल, नंदा देवी, गोबिंद सिंह पांगती, पार्वती गडिय़ा,नंदी कुनियाल ,सुरेंद्र बिष्ट मौजूद थे।

कुमाऊं मंडल में ६७ प्रधानाचार्य पदोन्नतनैनीताल।

25 feb- शिक्षा विभाग ने कुमाऊं मंडल के विभिन्न इंटर कालेजों में तैनात ६७ अस्थायी प्रधानाचार्यों को उनकी चार साल की संतोषजनक सेवा के बाद स्थायी कर पदोन्नति का तोहफा दिया है।बता दें कि ये सभी प्रधानाचार्य इस समय हाईस्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत थे। उन्हें इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के पदों पर अस्थायी रूप से तैनाती दी गई थी। उन्हें वेतनमान हाईस्कूल के प्रधानाचार्य का ही दिया जा रहा था। अपर शिक्षा निदेशक कुमाऊं डा. कुसुम पंत ने बताया कि इन प्रधानाचार्यों की चार वर्ष की संतोषजनक सेवा के बाद विभागीय चयन समिति ने उन्हें स्थायी रूप से प्रधानाचार्य पद पर प्रोन्नति दे दी। ९० फीसदी प्रधानाचार्यों को उन्हीं विद्यालयों में तैनाती दी गई। शेष १० फीसदी को उनके वर्तमान तैनाती स्थल के आसपास प्रोन्नति दी गई। इसके तहत अल्मोड़ा जनपद में २६, पिथौरागढ़ में १४, नैनीताल में १३, चंपावत में छह और ऊधमसिंह नगर एवं बागेश्वर में चार-चार प्रधानाचार्यों को पदोन्नत किया गया।

रानीखेत ए1सप्रेस में फिर हुई वारदातपंतनगर विवि की ले1चरर से ट्रेन में लूट

25 feb-

हल्द्वानी। रानीखेत ए1सप्रेस में अपराधों का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा। चार दिन पूर्व ही दिल्ली से काठगोदाम आ रही रानीखेत ट्रेन में सिविल जज के साथ अभद्रता और दो यात्रियों की साथ लूटपाट की घटना अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि मंगलवार को गाजियाबाद से आते व1त पंतनगर विश्वविद्यालय की एक ले1चरर से लूटपाट की घटना से सनसनी फैला दी। लुटेरे ले1चरर का बैग छीन कर चलती ट्रेन से कूद गए। जीआरपी की एसओजी ने लुटेरों का पीछा कर एक लुटेरे को धर दबोचा। लूटा गया बैग पूरे सामान समेत बरामद कर लिया गया है।जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के एसडी कालेज में प्रोफेसर सीएल चौधरी की बेटी निधि चौधरी रानीखेत ए1सप्रेस में अपनी सहेली शालिनी बाजपेई के साथ पंतनगर जा रही थी। पंतनगर यूनिवर्सिटी में ले1चरर निधि की बर्थ एस थ्री कोच में आरक्षित थी। (५०१३ डाउन) रानीखेत ए1सप्रेस मुरादाबाद से जैसे ही आगे बढ़ी कुछ लुटेरे इस कोच में घुस गए। लुटेरे ने निधि के हाथ पर झापट्टा मारकर बैग छीन लिया। बैग में लैपटाप, मोबाइल, एटीएम और अन्य जरूरी कागजात थे। निधि ने फौरन घटना की जानकारी जीआरपी को दी तो रामपुर की जीआरपी को मेमो देकर गाड़ी चेक करने के लिए कहा गया। मुरादाबाद के इंस्पे1टर जीआरपी ने लुटेरों की तलाश में एसओजी को लगाया। तलाशी के दौरान एक लुटेरा धर लिया गया, जिसके पास से बैग भी बरामद कर लिया गया है। पूछताछ में लुटेरे ने अपना नाम गगन कुमार बताया। उसके पिता रणजीत रेलवे ट्रेनिंग कालेज चंदौसी में सफाई कर्मचारी हैं। कालेज कैंपस में ही रणजीत का परिवार रहता है। मुरादाबाद एसपी रेलवे राजबहादुर सिंह ने लुटेरे को पकडऩे वाली टीम को एक हजार रुपए का ईनाम दिया है। निधि ने बताया कि इस ट्रेन से हमें हल्दी रोड उतरना था, जहां से पंतनगर के लिए बस पकडऩी थी।

नया शिक्षा सत्र नौ अप्रैल से

देहरादून, नया शिक्षा सत्र अब एक की बजाए नौ अप्रैल से प्रारंभ होगा। शासन को महकमे के स्तर पर गृह परीक्षा कार्यक्रम में तब्दीली नागवार गुजरी है। लिहाजा पांचवीं व आठवीं की सार्वजनिक परीक्षा समेत गृह परीक्षा 23 मार्च से शुरू होंगी। राज्य में सभी जिलों में पांचवीं, आठवीं समेत गृह परीक्षाएं अब 23 मार्च से 31 मार्च तक होंगी। सात अपै्रल तक मूल्यांकन के बाद आठ अप्रैल को रिजल्ट घोषित किया जाएगा। इस स्थिति में चालू सत्र आठ अप्रैल तक बढ़ाया गया है। शिक्षकों की हड़ताल बीती रविवार समाप्त होने के बावजूद शासन ने गृह परीक्षा कार्यक्रम आगे खिसकाई गई तारीख से ही कराने का फैसला किया था। शिक्षा सचिव डा. राकेश कुमार ने इस संबंध में महकमे को निर्देश दिए थे। साथ ही उन्होंने बढ़ाई गई अवधि में प्राइमरी व अपर प्राइमरी के साथ माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाई सुचारू रखने के निर्देश दिए थे। पहले गृह परीक्षा कार्यक्रम 20 फरवरी से तय किया गया था। शिक्षकों की हड़ताल के चलते पहले इस कार्यक्रम में दो दिन की तब्दीली की गई थी। हड़ताल जारी रहने की वजह से शासन ने महकमे को 23 मार्च से परीक्षा कार्यक्रम तय करने के निर्देश दिए। इस बीच हड़ताल खत्म होने और अगले दिन महाशिवरात्रि पर्व का अवकाश होने की वजह से शासन के निर्देशों की जानकारी शिक्षा निदेशालय को नहीं मिली। निदेशालय ने नया सत्र शुरू होने में देरी नहीं हो, इसके मद्देनजर 25 फरवरी से गृह परीक्षा कार्यक्रम के निर्देश दिए थे। सचिव के निर्देशों के मद्देनजर निदेशालय ने गृह परीक्षा कार्यक्रम दोबारा संशोधित कर 23 मार्च से ही कराने के निर्देश मंगलवार को जारी किए हैं।

डीएम से निश्चित दिन मिल सकेंगे सैनिक

देहरादून, : मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा कि सेना में सैनिकों को चरित्र निर्माण, देशभक्ति, अनुशासन एवं देश सेवा के लिए प्राण-न्यौछावर करने की सीख मिलती है। पूर्व सैनिकों को इसका सदुपयोग देश व समाजसेवा करने के लिए करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अवकाश पर आने वाले सैनिकों और पूर्व सैनिकों से मिलने के लिए समस्त जिलाधिकारियों को दिन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने यह बात कालीदास मार्ग पर नव निर्मित सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निदेशालय तथा सैनिक विश्राम गृह का लोकार्पण करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वह पूर्व सैनिक होने के नाते पूर्व सैनिकों, कार्यरत सैनिकों एवं उनके परिवारों की कठिनाइयों से अवगत हैं। ऐसे में सैनिकों व उनके परिवारों के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सैनिकों व उनके परिवारों की कठिनाइयों का निस्तारण अनुभव के आधार पर किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने द्वितीय विश्वयुद्ध एवं अन्य अवसरों पर विभिन्न पदक प्राप्त करने वाले पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों को वार्षिक धनराािश चैक भी प्रदान किए। इस मौके पर विधायक गणेश जोशी ने कहा कि सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है। पूर्व सैनिकों की आवासीय योजना के तहत हल्द्वानी व कोटद्वार में भूमि का चयन किया जा रहा है। सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास के निदेशक ब्रिगेडियर (से.नि) एएन बहुगुणा ने कहा कि निदेशालय का अपना भवन होना एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि राज्य में 24 विश्राम गृह स्थापित हैं और चौखुटिया, रुड़की, हरिद्वार व ऋषिकेश में भवन निर्माणाधीन है। इस मौके ले.जनरल (से.नि) ओपी कौशिक, ब्रिगेडियर (से.नि) बीबीएस कार्की, ब्रिगेडियर (से.नि) केजी बहल व युवा कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान समेत भारी संख्या में पूर्व सैनिक उपस्थित थे।

निगम को घाटे से उबारना मुख्य लक्ष्य

, देहरादून ऊर्जा निगम के नए प्रबंध निदेशक जगमोहन लाल का कहना है कि निगम को करीब 500 करोड़ रुपये के वित्तीय घाटे से उबारना उनका प्रमुख लक्ष्य है। इसके लिए उन्होंने पुराने एरियर की वसूली व लाइन लॉस घटाने की एक ठोस कार्ययोजना तैयार की है। सबकुछ योजना के मुताबिक चला, तो ऊर्जा निगम को दो वर्ष के भीतर ही वित्तीय घाटे से छुटकारा मिल सकेगा। बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ जहां बेहद सख्ती से निपटा जाएगा, वहीं उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाली बिजली उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता होगी। ऊर्जा क्षेत्र में 37 वर्षो की सेवाएं दे चुके जगमोहन लाल को उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक का दायित्व सौंपा गया है। जागरण से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि नई जिम्मेदारी मिलने के साथ ही उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां भी खड़ी हैं। सबसे बड़ी चुनौती है निगम की खराब माली हालत को सुधारना। गुजरे वित्त वर्ष में 500 करोड़ रु. से अधिक का वित्तीय घाटा चालू वित्त वर्ष के अंत तक 300 करोड़ तक सिमटने की उम्मीद है। इस घाटे के पीछे करीब 1300 करोड़ रुपये के एरियर (बकाएदारी) व 42 फीसदी एग्रीग्रेटेड टेक्निकल एंड कामर्शियल लॉस (लाइन लॉस) प्रमुख कारक हैं। राजस्व वसूली को सख्त कदम उठाते हुए अस्थाई व सरकारी कनेक्शनों के लिए प्री-पेड मीटर की व्यवस्था की जाएगी। एनर्जी एकाउंटिंग, हाई-वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम, ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग जैसे तकनीकी उपायों के जरिए हर साल 5 फीसदी लाइन लॉस घटाने का लक्ष्य तय किया जाएगा। इस लक्ष्य की पूर्ति से ही आर-एपीडीआरपी के तहत केंद्र से मिलने वाले ऋण को अनुदान में बदला जा सकेगा। चूंकि वर्ष 2010 में औद्योगिक पैकेज खत्म होने से पिछले वर्षो की तुलना में अब बिजली की खपत में ज्यादा वृद्धि होने की उम्मीद नहीं है, लिहाजा मौजूदा वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने पर ज्यादा फोकस रहेगा। मंहगी बिजली खरीद (पावर-परचेज) के बजाए एनर्जी बैंकिंग के ठोस इंतजाम पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूबे में 10 फीसदी बिजली चोरी में खर्च हो रही है। लिहाजा, बिजली चोरी पर अंकुश लगाने को सख्त कदम उठाए जाएंगे। विद्युत वितरण प्रणाली को चुस्त-दुरूस्त बनाने के लिए जेई-एई समेत अन्य रिक्त पदों पर जल्द नियुक्तियां की जाएंगी।

आंदोलनकारियों के नाम पर छह सड़कें

देहरादून: जिला प्रशासन ने मसूरी में छह सड़कों के नाम आंदोलनकारियों के नाम पर रखे जाने को हरी झंडी दिखाकर शासन को भेज दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही इन सड़कों का नाम आंदोलनकारियों के नाम पर किया जाएगा। मसूरी में छह आंदोलनकारियों के नाम पर सड़के रखने का प्रस्ताव मसूरी नगर पालिका में तो 2006 को ही पास हो गया था। इनमें नगर पालिका मार्ग का नाम शहीद राय सिंह मार्ग करने, लेवेंडर लेन मार्ग का नाम शहीद हंसा धनाई मार्ग करने, बेकरी हिल मार्ग का नाम शहीद बेलमती चौहान मार्ग करने, मैकनन पंप रोड, लाइब्रेरी का नाम बलवीर सिंह नेगी मार्ग करने और एक मार्ग का नाम शहीद मदन मोहन मंमगाई के नाम पर किए जाने का निर्णय लिया गया था।

वैभव अपहरण कांड में दो को उम्र कैद

25,2,9- देहरादून, : राजधानी के बहुचर्चित वैभव अपहरणकांड में अदालत ने दो बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में कठोर कारावास व जुर्माने की सजा भी सुनाई है। 19 फरवरी 2002 को दून के कांवली स्थित नेशनल रोड निवासी ठेकेदार अनिल गर्ग के 11 वर्षीय बेटे वैभव का शाम को ट्यूशन से लौटते वक्त कार सवार बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। वैभव उस वक्त छठी का छात्र था। अपहरणकर्ताओं ने फोन पर अनिल से चालीस लाख रुपये फिरौती मांगी। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस डोईवाला पहुंची और शुगर मिल में छिपे बदमाशों से मुठभेड़ के बाद दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर वैभव को सकुशल छुड़ा लिया। बदमाशों की शिनाख्त सौरभ सचदेवा निवासी गढ़ी कैंट व बलजीत यादव निवासी ज्वालापुर हरिद्वार के रूप में हुई। सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी (द्वितीय) एचएस बोनाल की अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए धारा-364 (ए) के तहत कठोर आजीवन कारावास और पांच-पांच हजार जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही धारा-307 आईपीसी के तहत सात-सात साल का कठोर कारावास व तीन-तीन हजार के जुर्माने की सजा सुनाई। इसके अलावा धारा-25 आ‌र्म्स एक्ट के तहत तीन-तीन साल के कठोर कारावास और एक-एक हजार का जुर्माना लगाया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जुर्माना न भरने पर अभियुक्तों को अतिरिक्त कारावास झेलना पडे़गा। वैभव की गवाही रही अहम अभियोजन के अधिवक्ता व अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक उभान ने बताया कि सुनवाई में कुल 12 गवाह प्रस्तुत किए गए। इनमें सबसे अहम गवाही वैभव की रही। उसने कोर्ट को बताया कि किस तरह से बदमाश उसे हरिद्वार ले गए और जंगल में रखा। आरोपियों को सजा दिलाने में यह गवाही ही आधार बनी। एक बदमाश बनने वाला था दरोगा सूत्रों के मुताबिक अपहरण के मामले में दोषी बलजीत का दिल्ली पुलिस सेवा में सब इंस्पेक्टर के लिए चयन हो चुका है। बताया जा रहा है कि जमानत पाने के बाद उसने भर्ती में भाग लिया था। बचाव पक्ष के वकील ने भी कोर्ट में इस आधार पर रहम की अपील की थी। अभी भी सहम उठता है गर्ग परिवार बेटे के अपहरण की उस हृदय विदारक घटना को याद कर आज भी गर्ग परिवार सहम उठता है। सजा पर खुशी प्रकट करते हुए वैभव के बड़े भाई सौरभ ने बताया कि उन्हें आज भी वैभव की जान का खतरा लगता है। इसलिए उसे पढ़ाई करने बाहर भेज दिया गया है। सौरभ ने कहा कि उन्हें कानून पर भरोसा है।

Wednesday, 25 February 2009

विस कूच करते संविदा प्रवक्ता गिरफ्तार

देहरादून, : विधानसभा कूच करते करीब सवा सौ संविदा एवं विजिटिंग प्रवक्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया है। प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों की पुलिस से तीखी नोक-झोंक हुई। उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में तदर्थ नियुक्ति की मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उधर, नेता प्रतिपक्ष डा. हरक सिंह रावत ने गिरफ्तार प्रवक्ताओं से कांग्रेसी विधायकों के साथ जेल में मुलाकात कर उनके मामले को विधानसभा में उठाने का ऐलान किया। प्रदेशभर के राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत संविदा एवं विजिटिंग प्रवक्ता मंगलवार सुबह राजधानी के गांधी पार्क में एकत्र हुए। यहां आयोजित सभा में वक्ताओं ने तदर्थ नियुक्ति की मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। सभा के बाद उन्होंने रैली निकाली, जो घंटाघर, दर्शनलाल चौक, आराघर, धर्मपुर होते हुए रिस्पना पहुंची। विधानसभा पहुंचने के मकसद से यहां बैरिकेडिंग पार करते समय पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान प्रवक्ताओं की पुलिस से तीखी नोक-झोंक हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारी पुलिस को चकमा देने के लिए बैरिकेडिंग से लौट गए और इसके बाद नेहरू कालोनी की गलियों से होते हुए के लिए बैरिकेडिंग के आगे पहुंच गए। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए शिक्षकों को गिरफ्तार कर सु्द्धोवाला जेल भेज दिया। राजकीय महाविद्यालय विजिटिंग एवं संविदा प्रवक्ता संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. डीसी बेवनी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अभद्रता के साथ शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। उधर, नेता प्रतिपक्ष डा. हरक सिंह रावत और विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, बलबीर सिंह नेगी, महेंद्र सिंह माहरा, केदार रावत ने जेल में गिरफ्तार शिक्षकों से मुलाकात की। डा. रावत ने संविदा शिक्षकों को बल प्रयोग के साथ गिरफ्तार करने की आलोचना की और मामले को सदन में उठाने की बात कही। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दुर्भाग्य है कि प्रदेश में शिक्षकों को जेल में ठूंसा जा रहा है।

भूकंप इंजीनियरिंग समेत दो नए कोर्स होंगे शुरू

25.2.9- देहरादून, : गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्र्वविद्यालय पंतनगर में बीटेक की सौ सीटें बढ़ाई गई हैं। साथ ही भूकंप इंजीनियरिंग एवं इंट्रोडक्शन टू एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग के दो नए अत्याधुनिक पाठ्यक्रम शुरू होंगे। उच्च व तकनीकी शिक्षा में नए आधुनिक पाठ्यक्रमों की राज्य सरकार की चाहत परवान चढ़ रही है। राज्यपाल के अभिभाषण में बाकायदा इसे तवज्जो मिली है। प्रतिष्ठित कृषि विवि में उक्त दो नए कोर्स विकसित किए गए हैं, जबकि नैनो टेक्नोलाजी, बायो इन्फार्मेटिक्स, पोस्ट हार्वेस्ट, फिजियोलाजी, पर्यावरण आर्थिकी व जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम विकसित किए जा रहे हैं। यही नहीं, विश्र्वविद्यालय फार्म व मटकोटा स्थित कार्यशाला के आधुनिकीकरण का कार्य किया जा रहा है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में छात्राओं के लिए 50 फीसदी स्थान आरक्षित किए गए हैं। बीपीएल परिवारों की छात्राओं को कक्षा नौ में प्रवेश पर एक हजार व कक्षा दस में प्रवेश पर दो हजार रुपये बतौर स्कालरशिप मिलेंगे।

पर्यटकों की चहल-पहल बढ़ी

24 feb- नैनीताल: लगातार अवकाश के चलते पर्यटन नगरी नैनीताल में सोमवार को पर्यटकों की चहल-पहल दिखाई दी। नगर के कई पर्यटक स्थल सैलानियों से गुलजार रहे। फलस्वरूप पर्यटन कारोबारियों की आमदनी में भी इजाफा हुआ। शहर में शनिवार से पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया था। सोमवार को भी पर्यटक स्थलों में काफी संख्या में सैलानी नजर आए। नैनी झील में सैलानियों ने नौकायन का लुत्फ उठाया। Fोव्यू, केव गार्डन, लवर्स प्वाइंट आदि पर्यटन स्थलों की सैलानियों ने सैर की। काफी संख्या में सैलानी चिडि़याघर देखने भी पहुंचे। इधर निगम का रोप-वे बंद होने के कारण Fोव्यू में पर्यटकों की आमद कम रही। शाम के वक्त शहर के माल रोड पर कई नव विवाहित जोड़े टहलते नजर आए।

हिदायत: पिछले साल से छोटी न हो योजना

देहरादून वर्ष की वार्षिक योजना के आकार पर अब तक काफी कवायद हो चुकी है। नियोजन विभाग ने इसे 4285 करोड़ के स्तर पर लाने की कोशिश की है पर मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी इसे चालू वित्तीय वर्ष के स्तर से नीचे लाने को तैयार ही नहीं हो रहे हैं। सीएम योजना का आकार बढ़ाने के लिए बाजार से भी ऋण लेने को तैयार हैं। राज्य के विभिन्न विभागों के सचिवों और मुख्य सचिव की केंद्रीय योजना आयोग के अधिकारियों से दिल्ली में एक दौर की वार्ता हो चुकी है। इसमें नियोजन विभाग ने राज्य की संपूर्ण योजना का आकार 4285 करोड़ का पेश किया। मंदी के इस दौर में केंद्र सरकार ने राज्यों को बाजार से और अधिक ऋण लेने की छूट दी है। सीएम चाहते हैं कि योजना का आकार छोटा करना उचित नहीं होगा। इसे कम से कम वर्ष 08-09 के स्तर तक तो रखा जाना चाहिए। नियोजन विभाग के अधिकारी फिलहाल इसी कवायद में जुटे हैं। योजना के लिए संसाधनों की कमी की मुख्य वजह राज्य में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना है। इसके बाद राज्य पर वेतन, भत्तों, पेंशन और एरियर के रूप में बहुत बड़ा भार पड़ा है। सिर्फ राज्य कर्मियों के वेतन मद पर अब तक की मंजूरी से 1700 करोड़ से अधिक का भार पड़ा है। आगे उन्हें दी जाने वाली और सुविधाओं से संसाधनों में और कटौती तय है। इसके अलावा पेंशन और एरियर भुगतान का भार में राज्य के विकास पर ही पड़ने वाला है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस बात से कतई सहमत नहीं हैं कि इन कारणों से विकास योजनाओं पर कैंची चलाई जाए। श्री खंडूड़ी योजना के आकार को किसी भी सूरत में छोटा करने के पक्षधर नहीं हैं। उनका मत है कि यदि योजना का आकार बढ़ाया नहीं जा सकता है, तो घटाया भी न जाए। सूबे की योजना के आकार पर एक कवायद पूरी हो जाने के बाद अब उसे अंतिम रूप दिया जाना है। फिर सीएम की योजना आयोग उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से होने वाली बैठक में इस अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बैठक की अभी तारीख तय नहीं हुई है।

30 अप्रैल को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट

24 feb- रुद्रप्रयाग: विश्र्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 30 अप्रैल को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। सोमवार को महा शिवरात्रि के अवसर पर ओंकारेश्र्वर मंदिर ऊखीमठ में आचार्यो और धर्माधिकारी ने विचार विमर्श के बाद यह तिथि तय की। पंचकेदारों के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्र्वर मंदिर ऊखीमठ में सोमवार को धर्माधिकारी उमा दत्त सेमवाल और कई आचार्यो ने पंचागों की गणना के बाद भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने के लिए 30 अप्रैल का मुहूर्त निकाला। 26 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की डोली ओंकारेश्र्वर मंदिर ऊखीमठ से विधिवत पूजा अर्चना के साथ प्रस्थान कर रात्रि विश्राम के लिए गुप्तकाशी पहुंचेगी। 27 अप्रैल को भगवान की डोली फाटा तथा 28 अप्रैल को गौरीमाई मंदिर गौरीकुण्ड में रात्रि विश्राम करेगी। 29 अप्रैल को बाबा केदार की डोली सुबह गौरीकुण्ड से प्रस्थान कर चौदह किमी की पद यात्रा तय कर केदारनाथ पहुंचेगी। रात्रि विश्राम के बाद 30 अप्रैल को सुबह पूजा-अर्चना एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सवा छह बजे डोली गर्भ गुहा में प्रवेश करने के साथ ही मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके पश्चात छह माह तक भगवान यहां अपने भक्तों को दर्शन देंगे। इस मौके पर ओंकारेश्र्वर मंदिर में बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद भट्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भट्ट, कार्याधिकारी अनिल शर्मा, आचार्य हर्ष जमलोकी सहित मंदिर समिति के कर्मचारी मौजूद थे।

Monday, 23 February 2009

कोश्यारी संसदीय कमेटी में शामिल

देहरादून, पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद भगत सिंह कोश्यारी को परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की संसदीय कमेटी का सदस्य मनोनीत किया गया है। राज्य सभा सचिवालय के डिप्टी डायरेक्टर के मुताबिक श्री कोश्यारी अगले तीन वर्ष तक इस कमेटी के सदस्य रहेंगे। इस कमेटी के चेयरमैन माकपा सांसद सीताराम येचुरी हैं। कमेटी में राज्यसभा से दस व लोकसभा से 18 सांसद बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं।

भीमताल को कई तोहफे दे गए सीएम

भीमताल: मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूड़ी का शनिवार को नैनीताल आगमन भीमताल वासियों के लिए वरदान साबित हुआ। लम्बे समय उपेक्षित पड़े रामलीला मैदान के लिए जहां उन्होंने दो करोड़ रुपए देने की घोषणा की वहीं यहां के लिए स्वीकृत विशिष्ट आईटीआई को इसी सत्र से चालू कराने की भी घोषणा की। क्षेत्रीय विधायक खड़क सिंह बोहरा ने बताया कि नगर में सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित कराने का एकमात्र माध्यम रामलीला मैदान है। इसके अधिग्रहण व सौन्दर्यीकरण को मुख्यमंत्री ने दो करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। इसके अलावा भीमताल के लिए पूर्व में स्वीकृत विशिष्ट आईटीआई को जुलाई से चालू करने, थाना क्षेत्र का विस्तार करने तथा डोब-ल्वेशाल पेयजल परियोजना की भी घोषणा की। भाजपा जिला मंत्री प्रदीप पाठक का कहना है कि झील किनारे ठंडी सड़क तथा नगर व आसपास रहने वाले लोगों के लिए भवन निर्माण में प्राधिकरण नियमों के सरलीकरण को लेकर भी सीएम को ज्ञापन दिए गए हैं।

कैमरे की नजर में हुई कांस्टेबल लिखित परीक्षा

हल्द्वानी: खेल स्टेडियम में आयोजित कांस्टेबल लिखित परीक्षा जबरदस्त सुरक्षा इंतजामों के साथ सम्पन्न हुई। पारदर्शिता के लिए परीक्षा की वीडियोग्राफी कराई गई तथा मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में फ्लाइंग स्क्वाड ने अभ्यर्थियों की जांच की। जिले में कुल 114 रिक्तियां के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने वाले 2349 अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए। पुलिस, पीएसी व फायरमैन की भर्तियों के लिए पिछले चार फरवरी से चल रही शारीरिक परीक्षा में पास 2349 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में बैठे। रविवार को हल्द्वानी के स्पोर्ट स्टेडियम में परीक्षा आयोजित की गई। डेढ़ घंटे चलने वाली वास्तुनिष्ठ प्रकार की लिखित परीक्षा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था व निगरानी में सम्पन्न हुई। पारदर्शिता के लिए वीडियोग्राफी कराई गई। एसडीएम हल्द्वानी प्रताप साह व सीओ हल्द्वानी देवेंद्र पिंचा के नेतृत्व में फ्लाइंग स्क्वाड ने अभ्यर्थियों की जांच की। परीक्षा के लिए विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों को पर्यवेक्षक बनाया गया था। जिला भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष व एसएसपी दीपम सेठ ने बताया कि परीक्षा में पूरी कड़ाई बरती गई। परिणाम राज्य मुख्यालय से जल्द ही घोषित किए जाएंगे।

अंग्रेजों से जीते पर अपनों से हारे.

हल्द्वानी देश को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने तथा अपनी जान की बाजी लगाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आज उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। लड़ाई में अंग्रेजों से तो जीत गये लेकिन वह अपने ही लोगों से हार गये । देश को आजादी दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले तथा उत्तराखंड स्वतंत्रता सेनानी व आश्रित संगठन के अध्यक्ष डूंगर सिंह बिष्ट का कहना है कि उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी से समस्याओं के संबंध में वार्ता के लिए पांच बार पत्र भेजकर समय मांगा, लेकिन आज तक उन्हें समय नहीं मिल सका है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार स्वतंत्रता सेनानियों की समस्याएं हल करना तो दूर उन्हें सुनने तक को राजी नहीं है। श्री बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड में लगभग दो दर्जन स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिनमें गांधीवादी कहलाने वाले बमुश्किल आधा दर्जन लोग ही बचे हैं। इनमें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पं.नारायण दत्त तिवारी व हल्दूचौड़ निवासी दुर्गादत्त दुर्गापाल शामिल हैं। सन् 1940 से 44 तक लगभग साढे़ चार साल तक यूपी की 15 जेलों में रह चुके श्री बिष्ट ने कहा कि उन्होंने जिस प्रकार अंग्रेजों की यातना सहकर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी, उसका यह नतीजा मिलेगा, कभी सोचा भी नहीं था। इसी तरह चौखुटिया क्षेत्र के छाना गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी खेम सिंह बिष्ट व जैंती के कुटौली निवासी मर्चराम को सरकार ने आजादी के बाद कागजों में तो तराई क्षेत्र में जमीन आवंटित कर दी, लेकिन वह जमीन आज तक उन्हें नहीं मिली है। उस जमीन पर चल रहे कब्जों को हटाने के लिए सरकार ने कोई पहल नहीं की। जिससे इन सेनानियों ने जमीन की आस ही छोड़ दी। यही हाल जैंती के राम सिंह धौनी व दुर्गा सिंह कुटौला के गांव का है। उनके परिजनों की जमीन दरक गयी व मकानों में दरार आ गयी है। लेकिन कई बार शासन-प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी कोई सुध नहीं ली गयी है। इससे सेनानियों के परिजन भी काफी आहत हैं। उनका कहना है कि सरकार का रवैया जब स्वाधीनता सेनानियों के प्रति ठीक नहीं है तो फिर आम आदमी की तो पूछ ही क्या है।

जंगलों में मानव, आबादी में वन्यजीव

हल्द्वानी जंगलों में मानव का हस्तक्षेप बढ़ा तो वन्य जीवों ने आबादी क्षेत्र की ओर रुख करना शुरू कर दिया। नतीजतन जंगली जानवर मनुष्यों को ही अपना निवाला बनाने लगे। इन दिनों गुलदार, तेंदुए और बाघों का आतंक चरम पर है। इस वर्ष डेढ़ माह में ही दर्जनभर बच्चों को जंगली जानवर अपना निवाला बना चुके हैं। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद तेजी से विकास हुआ, पर विकास की यही धारा मनुष्यों के लिए नुकसान का सबब भी बन रही है। जंगलों को बेतहाशा काटा जा रहा है। इससे न सिर्फ पर्यावरण असंतुलन की स्थिति पैदा हो रही है, बल्कि वन्य जीवों के कारीडोर भी खत्म होते जा रहे हैं। साथ ही जंगलों में जानवरों के भोजन के साधन भी घट रहे हैं। इसके चलते वन्य जीवों का रुख आबादी क्षेत्र की ओर बढ़ गया है। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य गठन के बाद से अब तक करीब तीन सौ लोग वन्य जीवों के हमले में जान गंवा चुके हैं, जबकि साढ़े सात सौ से अधिक घायल हुए हैं। इनमें गुलदार और बाघ ने करीब दौ सौ लोगों को अपना निवाला बनाया, जबकि हाथियों ने 72 को मौत के घाट उतार दिया। भालू के हमले का शिकार हुए लोगों की संख्या भी कम नहीं हैं। इनमें से 11 लोगों की मौत हुई, जबकि 357 लोग घायल हो गए। वर्ष-09 में तो जैसे वन्य जीवों के हमलों की बाढ़ ही आ गई है। मात्र डेढ़ माह के अंतराल में ही आधा दर्जन से अधिक बच्चे बाघ, गुलदार व तेंदुए का शिकार हो गए। 20 जनवरी को गैरसैंण के स्योंणी तल्ली में पांच वर्षीय बालिका को तेंदुआ उठा ले गया। उसका क्षत-विक्षत शव जंगल में पड़ा मिला। 23 जनवरी को बागेश्र्वर के खोलिया गांव में 11 वर्षीय बच्ची गुलदार का निवाला बनी। इसके बाद 5 फरवरी को चौखुटिया (अल्मोड़ा) के मालूधार में तीन वर्षीय बालक को गुलदार ने निशाना बनाया, जबकि छह फरवरी को गैरसैंण के चलकुंडा गांव में सात वर्षीय बालिका को मार डाला। 11 फरवरी को चौखुटिया की ही ग्राम पंचायत मल्ला ताजपुर के कफलिया में 7 वर्षीय बालिका, 13 फरवरी को बागेश्र्वर के खोलियागांव में नौ वर्षीय बालिका व 15 फरवरी को चौखुटिया के सेमलखेत में 5 वर्षीय बच्चा आदमखोर का शिकार बना। साथ ही 5 फरवरी को अल्मोड़ा के ही जैंती में भालू ने हमला बोल दिया, जिसमें तीन महिलाएं जख्मी हो गई। ग्रामीणों की मांग पर गुलदार को आदमखोर घोषित किया गया जिसे 20 फरवरी को गैरसैंण विकासखंड में शिकारी दल ने मार गिराया। हाल ही में रामनगर में बाघ ने एक महिला को अपना निशाना बनाया जबकि दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए वन अधिकारियों ने बाघ को पिंजड़ा लगाकर कैद कर लिया और नैनीताल चिडि़याघर पहुंचाया।

गंगा अथारिटी के प्रारूप में बदलाव

देहरादून उत्तराखंड ने पतित पावनी गंगा के उद्धार के लिए बन रही योजना में जल, हाइड्रो पावर और विकास कार्यो को लेकर अपने हक-हकूकोंकी पैरवी केंद्र सरकार से की है। इसके लिए नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथारिटी की अधिसूचना के प्रस्तावित प्रारूप में कई संशोधन किए गए हैं। गंगा को प्रदूषणमुक्त बनाने और पर्यावरणीय नजरिए से उसके तटों के प्रबंधन को अथारिटी का गठन प्रस्तावित है। इसके लिए केंद्र सरकार ने अधिसूचना के प्रस्तावित प्रारूप पर राज्य की राय मांगी है। केंद्र सरकार की इस मुहिम को उत्तराखंड हाथोंहाथ तो ले रहा है, लेकिन अपने अधिकारों से समझौता करना उसे गवारा नहीं है। अथारिटी के गठन के मामले में इस नजरिए को साफ किया गया है। प्रस्तावित प्रारूप में कई संशोधन किए हैं। इसमें नीतिगत फैसले लेने और उसे लागू करने से पहले राज्य से मशविरा करने पर जोर है। अपर मुख्य सचिव और वन एवं ग्राम्य विकास आयुक्त एनएस नपलच्याल की अध्यक्षता में राज्य के सभी संबंधित महकमों की बैठक में अधिसूचना के कुछ अंशों में संशोधन प्रस्तावित किए गए। इस उच्चस्तरीय बैठक में बाकायदा सिंचाई, पेयजल, पर्यटन, ऊर्जा, शहरी विकास विभाग, वन विभाग व उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को बुलाया गया था। इसमें ऊर्जा को छोड़कर अन्य सभी विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए। राज्य सरकार ने प्रारूप के संशोधित प्रस्ताव में कहा है कि गंगा के जल के उपयोग, हाइड्रो पावर और विकास कार्यो की उसकी जरूरत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अथारिटी का हेडक्वार्टर नई दिल्ली में स्थापित करने के प्रस्ताव में इसके क्षेत्रीय दफ्तर सदस्य राज्यों में बनाने पर जोर दिया गया है। प्रदूषण रोकने के लिए गंगा तटों पर नियमित निगरानी के साथ इससे जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में समन्वय स्थापित करने का सुझाव रखा गया है। राज्य की राय है कि इंटीग्रेटेड बेसिन मैनेजमेंट प्लान बनाने में संबंधित राज्य से मशविरा जरूर किया जाना चाहिए। अपर मुख्य सचिव एनएस नपलच्याल के मुताबिक अथारिटी गठन में राज्य के अधिकारों में कमी नहीं होनी चाहिए। गंगा की साफ-सफाई व जल शुद्धता से लेकर तमाम कार्यो को उत्तराखंड समेत संबंधित राज्यों के सहयोग से ही अंजाम दिया जा सकता है। साथ ही राज्य विकास संबंधी अपनी जरूरतों को दरकिनार नहीं कर सकता। यह संशोधित प्रारूप केंद्र को भेजा जा रहा है।

सेवाएं बहाल

देहरादून, जागरण संवाददाता: छठे वेतनमान का लाभ दिए जाने के आश्वासन के बाद गुरुवार मध्यरात्रि से हड़ताल पर गए विभिन्न निगमों के चालीस हजार कर्मी रविवार शाम को काम पर लौट गए। कर्मचारियों को यह लाभ चरणबद्ध तरीके से 45 दिन में दिया जाएगा। शासन के साथ उच्चस्तरीय बैठक में तीन बिंदुओं पर हुई चर्चा के बाद हड़ताल वापसी की घोषणा कर दी गई। विभिन्न निगमों के कर्मचारी तीन दिन से हड़ताल पर थे। परिवहन, गैस आपूर्ति जैसी सेवाएं ठप होने से सूबे में जन जीवन प्रभावित हो रहा था। शासन और कर्मचारियों के बीच शुक्रवार को हुई वार्ता बेनतीजा रही थी। शनिवार को महासंघ से जुड़े एक संगठन ने हड़ताल से कदम वापस खींच लिए थे। शासन ने रविवार को दोबारा कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया था। रविवार को हुई वार्ता के बाद शासन और कर्मचारियों के बीत समझौता हो गया।

खतरे में हैं दस बोलियां

देहरादून गढ़वाली, कुमाऊंनी और रोंगपो समेत उत्तराखंड की दस बोलियां भी खतरे में है। इनमें से दो बोलियां तोल्चा व रंग्कस तो विलुप्त भी हो चुकी हैं। यूनेस्को ने अपने एटलस आफ दि वल्‌र्ड्स लैंग्यूएजेज इन डेंजर में सूबे की इन भाषाओं को शामिल किया है। यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को)के एटलस के मुताबिक उत्तराखंड की पिथौरागढ़ जिले में बोली जाने वाली रंगकस और तोल्चा बोलियां विलुप्त हो चुकी हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी के बंगाण क्षेत्र की बंगाणी बोली को लगभग 12000 लोग बोलते हैं। यह भी विलुप्ति के कगार पर है। पिथौरागढ़ की ही दारमा और ब्यांसी, उत्तरकाशी की जाड और देहरादून की जौनसारी बोलियों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। एटलस के मुताबिक दारमा बोली को 1761 लोग, ब्यांसी को 1734 , जाड को 2000 और जौनसारी को अनुमानत: 114,733 लोग ही बोलते समझते हैं। एटलस के मुताबिक गढ़वाली कुमाऊंनी और रोंगपो बोलियां पर भी खतरा मंडरा रहा है। इन्हें असुरक्षित वर्ग में रखा गया है। यूनेस्को के मुताबिक अनुमानत: दुनिया में 279500 लोग गढ़वाली, 2003783 लोग कुमाऊंनी और 8000 लोग रोंगपो बोली के क्षेत्र में रहते हैं मगर इसका मतलब यह नहींकि इन क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोग ये बोलियां जानते ही हों। मालूम हो कि 30 भाषाविदों के अध्ययन पर आधारित यह भाषा एटलस शुक्रवार को जारी हुआ है। यूनेस्को के मुताबिक विश्व में 200 भाषाएं पिछली तीन पीढि़यों के साथ विलुप्त हो गईं। दुनिया में 199 भाषा-बोलियां ऐसी हैं जिन्हें महज 10-10 लोग ही बोलते हैं। 178 को 10 से 50 लोग ही बोलते समझते हैं। राजी बोली पर देश में पहली पीएचडी करने वाले भाषाविद डॉ. शोभाराम शर्मा का कहना है हालंाकि यूनेस्को ने पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों की राजी जनजाति की बोली को एटलस मे शामिल नहीं किया है मगर यह भाषा भी विलुप्ति की कगार पर है। 2001 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड में राजी या वनरावत जनजाति के महज 217 लोग ही बचे हैं। डॉ. शर्मा के मुताबिक उत्तराखंड की बोलियां उन पर हिंदी-अंग्रेजी के वर्चस्व, असंतुलित विकास पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन, विकास परियोजनाओं की वजह से विस्थापन व बढ़ते शहरीकरण की मार झेल रही हैं। मानव विज्ञान सर्वेक्षण के अधीक्षक डॉ.एसएनएच रिजवी के मुताबिक खतरे में पड़ी इन भाषा बोलियों का संरक्षण बहुत जरूरी है अन्यथा मानव समाज अपनी बहुमूल्य विरासत को खो देगा।

जनरल की कर्मियों पर मेहर

देहरादून, : सरकार चुनावी बेला पर चिकित्सकों व कर्मचारियों पर मेहरबान हुई है। शिक्षा मित्रों के लिए बीटीसी प्रशिक्षण का रास्ता खोल दिया है, जबकि संविदा चिकित्सकों के मानदेय को बढ़ाया गया है। टिक्कू समिति की सिफारिश के अनुरूप अब राज्य में चिकित्सकों के सामान्य व विशेष संवर्ग होंगे। माइक्रो हाइडिल में ग्राम समिति का अंशदान घटाकर आठ प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार ने उत्तराखंड संस्कृत परिनियमावली संशोधन, पैरा मेडिकल काउंसलिंग बिल सदन में लाने, विकलांगों व पूर्व सैनिकों के लिए क्षैतिज आरक्षण, निजी विश्वविद्यालयों के अन्य राज्यों में शाखा खोलने में संशोधन, वाणिज्य कर सेवा नियमावली में संशोधन तथा श्रीनगर मेडिकल कालेज में संविदा भर्तियां जारी रखने संबंधी निर्णय भी किए हैं। इसके साथ ही लोनिवि में कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं की संविदा अवधि एक वर्ष बढ़ाई गई है। मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने मीडिया सेंटर में आयोजित ब्रीफिंग में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि स्नातक व स्नातकोत्तर शिक्षा मित्रों को दो वर्ष का बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए न्यूनतम आयु 19 वर्ष होगी। अधिकतम आयु पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। टिक्कू समिति की सिफारिशों के अनुरूप अब चिकित्सकों के सामान्य व विशेष संवर्ग होंगे। चिकित्सा विभाग में संविदा के आधार पर कार्य कर रहे चिकित्सकों का न्यूनतम मानदेय 25 हजार कर दिया गया है। सामान्य चिकित्सक को 25, डिप्लोमाधारी को 27 तथा विशेष को 29 हजार मानदेय मिलेगा। दुर्गम क्षेत्र में सामन्य चिकित्सक के लिए 29, डिप्लोमाधारी के लिए 31 व विशेष के लिए 33 हजार का मानदेय होगा। अतिदुर्गम में सामान्य चिकित्सक को 30, डिप्लोमाधारी को 32 तथा विशेष को 34 हजार रुपये का मानदेय मिलेगा। श्रीनगर मेडिकल कालेज में स्थायी चिकित्सक मिलने तक संविदा पर चिकित्सकों की नियुक्ति जारी रहेगी। इसके लिए समिति गठित होगी। कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग में संविदा पर कार्यरत 123 कनिष्ठ अभियंताओं की संविदा अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी है। राज्य के मूल निवासी विकलांगों व पूर्व सैनिकों के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को हरी झंडी मिल गई है। राज्य के पांच निजी विश्वविद्यालय अब सीधे अन्य राज्यों में शाखा नहीं खोल सकेंगे। इस संबंध में संशोधन प्रस्ताव है। उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय परिनियमावली संशोधित की जाएगी। नई व्यवस्था में शिक्षकों की भर्ती के लिए सामान्य अभ्यर्थी को स्नातक में 45 प्रतिशत तथा एससी-एसटी को 40 प्रतिशत अंक की अनिवार्यता होगी

Saturday, 21 February 2009

देहरादून February 20, 2009 एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर एनटीपीसी की 600 मेगावॉट वाली लोहारी नागपाल परियोजना का निर्माण रद्द कर दिया है। राज्य के उत्तरकाशी जिले में 2,800 करोड़ रुपये के निवेश से इस परियोजना का विकास किया जा रहा था और यह फैसला जलविद्युत क्षेत्र के लिए बड़ा धक्का हो सकता है। भले ही चोटी के अधिकारियों ने इस मसले पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया, पर सूत्रों का कहना है कि केंद्र ने यह फैसला पर्यावरणविदों के दबाव को देखते हुए लिया है। इस परियोजना के निर्माण के विरोध में पर्यावरणविद जी डी अग्रवाल पिछले 37 दिनों से नई दिल्ली में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि इस जलविद्युत परियोजना के विकास से भागीरथी को नुकसान पहुंचेगा और इस वजह से निर्माण कार्य को रोक दिया जाए। सूत्रों ने बताया कि इस फैसले के बाद अग्रवाल ने भी अपना उपवास तोड़ दिया है। पिछले साल अग्रवाल के विरोध को देखते हुए ही राज्य सरकार को पाला मनेरी और भैरो घाटी जलविद्युत परियोजना का निर्माण कार्य रोक देना पड़ा था। इन दोनों ही परियोजनाओं का विकास भागीरथी नदी पर उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड की ओर से किया जा रहा था। यह फैसला एनटीपीसी के लिए भी चोट पहुंचाने वाला हो सकता है क्योंकि कंपनी पहले इस परियोजना पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

मार्ग न खुला तो हवाई सेवा का लुत्फ उठाएंगे यात्रीपिथौरागढ़।

कुमाऊं मंडल विकास निगम ने कैलाश मानसरोवर यात्रा २००९ में शामिल होने वाले प्रत्येक यात्री से अब २० हजार रुपये किराए के रूप में लेने का निर्णय लिया है। यह राशि पिछली बार की तुलना में करीब सात सौ रुपये अधिक होगी। उधर, प्रदेश के पर्यटन मंत्री ने कहा है कि धारचूला-तवाघाट मार्ग पर चौतुलधार में हुए भूस्खलन के कारण यात्रा संचालन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी। सरकार यात्रियों को हवाई मार्ग से ले जाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटन महाप्रबंधक अशोक जोशी ने नैनीताल से फोन पर बताया कि इस बार निगम हर कैलाश यात्री से २० हजार रुपये की राशि लेगा। पिछली बार तक यह राशि १९२४० रुपये थी। उन्होंने कहा इस राशि से निगम यात्रियों को दिल्ली से तवाघाट तक पहुंचाने और यात्रा पड़ावों में भोजन तथा आवास की व्यवस्था उपल4ध कराता है। श्री जोशी ने बताया कि राशि बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार ने ले लिया है। इसकी जानकारी वह बाकायदा २४ फरवरी को पिथौरागढ़ में होने वाली कैलाश यात्रा की तैयारी बैठक में अधिकारियों को दे देंगे। प्रदेश के पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत ने देहरादून से फोन पर बताया कि चौतुलधार भूकटाव के कारण यात्रा के कार्यक्रम में किसी प्रकार का बदलाव नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि तीन माह में यदि चौतुलधार में सड़क पर पड़ा मलबा नहीं हटता तो सरकार यात्रियों के लिए हवाई सेवा शुरू करने पर विचार करेगी। इस पर हालांकि यात्रियों का खर्च और बढ़ जाएगा।
दो अनशनकारी प्रशासनिक सहायकों की स्थिति गंभीरनई टिहरी। भूख हड़ताल पर बैठे राष्ट्रीय रोजगार गारंटी ए1ट के प्रशासनिक सहायकों में दो लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट आने पर प्रशासन ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया है। अन्य सात सहायक अभी अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा बहाली न होने तक अनशन जारी रखा जाएगा।राष्ट्रीय रोजगार गारंटी ए1ट में कार्यरत प्रशासनिक सहायकों को कार्यमु1त करने के विरोध में उन्होंने कल1ट्रेट परिसर में १८ फरवरी से आमरण अनशन शुरू कर दिया था। दो अनशनकारी शीशपाल और ममराज बिष्ट के स्वास्थ्य में गिरावट आने पर उपजिलाधिकारी हरक सिंह रावत ने उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती करा दिया है। जबकि, अनशनकारी सुमन पेटवाल, कृष्णानंद डंगवाल, दिनेश प्रसाद, गजेंद्र बिष्ट, सुरेंद्र, अनूप बडोनी और उ6मेद चौहान ने कहा जब तक सभी प्रशासनिक सहायकों को बहाल नहीं किया जाता, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा ए1ट रोजगार देने की बात करता है, ना कि रोजगार से हटाने की।

पौड़ी, रुद्रप्रयाग के लिए करोड़ों की घोषणाएंपौड़ी।

सीएम बीसी खंडूरी ने पौड़ी जिले में ३५ विकास कार्यों के लिए करीब ९० करोड़ की घोषणा की। उन्होंने पौड़ी के रांसी स्टेडियम के विस्तार के लिए चार करोड़ स्वीकृत करने, ल्वाली में झाील निर्माण हेतु पांच करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति देने की घोषणा की। रामलीला मैदान में आयोजित शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रम में श्री खंडूरी ने चार भवनों का लोकापर्ण, विभिन्न मोटर मार्गो समेत छह विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने लोगों से सूबे के विकास में अपना योगदान देने का आह्वान किया। कहा सरकार ईमानदारी के साथ सूबे का विकास कर रही है। इस मौके पर उन्होंने पौड़ी में ६० कक्षों के यात्री विश्राम गृह के निर्माण हेतु ३.५० करोड स्वीकृत करने समेत जिले के विभिन्न क्षेत्रों की ३५ विकास योजनाओं के निर्माण हेतु करीब ९० करोड़ स्वीकृत करने की घोषणा की। अध्यक्षता करते हुए गढ़वाल के सांसद टीपीएस रावत ने प्रदेश सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यो और विकास हेतु किए प्रयासों के बारे में रोशनी डाली। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक यशपाल बेनाम, श्रीनगर के विधायक बृज मोहन कोटवाल, जिपं अध्यक्ष केशर सिंह, पालिका अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ट6टा, भाजपा जिलाध्यक्ष पुष्कर जोशी, पूर्व पालिकाध्यक्ष गणेश नेगी, महेश ढोडियाल, पूनम नेगी ने विचार रखे।

विधायक चौहान परमुकदमा दर्ज

विकासनगर (देहरादून) : सिंचाई विभाग के एसडीओ के साथ गाली-गलौज व मारपीट के आरोप में क्षेत्रीय विधायक मुन्ना सिंह चौहान व उनके कुछ साथियों के खिलाफ डाकपत्थर पुलिस चौकी में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। डाकपत्थर पुलिस चौकी में सिंचाई निर्माण खंड डाकपत्थर के सहायक अभियंता विजेंद्र कुमार द्वारा दी गई तहरीर में कहा गया है कि गत बुधवार की शाम लगभग चार बजे डाकपत्थर स्थित निरीक्षण भवन में वह विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ वार्ता कर रहे थे। तभी क्षेत्रीय विधायक मुन्ना सिंह चौहान कुछ साथियों के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने उनके साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। आरोप है कि जब उसने गाली-गलौज की वजह पूछी तो विधायक ने कुर्सी से मारने का प्रयास किया और उन पर जूता फेंका। तहरीर में कहा गया है कि घटना के वक्त सिंचाई निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता सीपी कपिल और एक अन्य अधिकारी देशराज सिंह मौके पर मौजूद थे। उन्होंने पुलिस से अपनी और परिवार की सुरक्षा की मांग की है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने विधायक और उनके अज्ञात साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 332, 353, 504, 506 और 186 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसपी देहात करण सिंह नगन्याल का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

जरूरी होगी 30 फिट चौड़ी सड़क

, हल्द्वानी : अगर यूपी निर्माण कार्य विनियमन अधिनियम (आरबीओ एक्ट) के प्रावधानों का सख्ती से पालन हो गया तो गांवों को अनियंत्रित विकास से रोका जा सकता है। शहरी क्षेत्र में निर्माण को जगह नाममात्र को ही बची है। कागजों पर चल रहे प्रावधान डीएम के आदेश के बाद कार्यरूप में आ गए हैं। इससे निर्माण कार्यो एवं भूमि खरीद फरोख्त में दिक्कतें भी पेश आने लगी हैं। जिलाधिकारी हरिताश गुलशन ने माह भर पूर्व पर आरबीओ एक्ट के कंट्रोलिंग अथारिटी के साथ बैठक की थी। जिसमें अवैध निर्माण से कालोनियों के संकुचित होने, आरबीओ एक्ट का पालन न होने तथा शहर एवं ग्रामों के अनियंत्रित विकास को प्रमुखता से उठाया गया। आरबीओ एक्ट के तहत विनियमित क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए सड़कों की चौड़ाई न्यूनतम तीस फिट होनी जरूरी है। इसमें पांच फिट की छूट उस परिस्थिति में दी जा सकती है जबकि कि संबंधित भूमि के दूसरी ओर खुले पार्क या निर्माण के दायरे से बाहर की भूमि हो। डीएम ने विनियमित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हल्द्वानी व रामनगर में एसडीएम व सब रजिस्ट्रारों को विशेष निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसमें कहा गया है कि भूखंड के एक ओर 30 फिट से कम चौड़ी सड़क होने पर रजिस्ट्री ही न की जाए। जिससे रजिस्ट्री कराने वाले लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। सब रजिस्ट्रार आफिस में बैनामे का विशेष सत्यापन हो रहा है। दो दिन में रजिस्टि्रयों की संख्या भी काफी कम हो गई है। आदेश मिलने के बाद दस्तावेज लेखक व अरायजनवीस खुद ही लोगों को दुरुस्ती के लिए वापस भेज रहे हैं। कैसी चल रही थी व्यवस्था: अब तक रजिस्ट्री के वक्त इस समस्या की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता था। क्रेता-विक्रेता के मध्य जितनी भी भूमि का सौदा हुआ उसी के अनुरूप रजिस्ट्री हो रही थी। बाद में भवन हेतु नक्शा पास करते समय विनियमित अधिकारी इस समस्या से रुबरू कराते थे। लेकिन रजिस्ट्री एवं दाखिल खारिज हो जाने के बाद समस्या पर अंकुश लगाने में दिक्कतें आ रही थी। डीएम के नए आदेश से रजिस्ट्री कराते वक्त ही भूमि के एक ओर 30 फिट चौड़ी सड़क न होने पर प्रपत्र वापस कर दिए जाएंगे। जिलाधिकारी हरिताश गुलशन का कहना है कि आरबीओ एक्ट में यह प्रावधान पहले से हैं लेकिन इन कानूनों का अब तक ठीक से क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा था। इससे हो रहे अनियंत्रित विकास से शहरों एवं गांवों का स्वरूप ही बिगड़ रहा था। फिलहाल विनियमित क्षेत्र में आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

चमकते सितारों में चमकेगी श्रद्धा

हल्द्वानी: जी चैनल के जी जागरण चैनल पर शहर की श्रद्धा भी जलवे बिखेरती नजर आयेगी। श्रद्धा को नृत्यालय की संचालिका सुजाता माहेश्वरी ने कत्थक सिखाया है। 12 वर्षीय श्रद्धा कई स्टेज शो कर चुकी हैं और दूरदर्शन पर भी यह पुरस्कार पा चुकी हैं। अब इनका चयन चमकते सितारे कार्यक्रम में हुआ है। इनके पिता विपिन जोशी का कहना है कि इसे जिताने के लिए मोबाइल पर सीएस-एसडीजे 150 लिखकर 57575333 पर भेज दें।

मैती आंदोलन प्रणेता को सीआईआई ग्रीन अवार्ड

देहरादून: पौधरोपण के जरिये पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान के लिए कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने मैती आंदोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत को सीआईआई एनुअल ग्रीन अवार्ड से सम्मानित किया है। शुक्रवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में श्री रावत को सीआईआई के उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष सलिल सिंघल, उपाध्यक्ष हरपाल सिंह, उत्तराखंड स्टेट काउंसिल के नवनियुक्त अध्यक्ष राकेश ओबराय ने यह पुरस्कार दिया। श्री रावत ने 1995 में ग्वालदम से मैती आंदोलन शुरू किया था। इसमें हर घर में शादी के दौरान वधु, वर को एक पौधा भेंट करती है, जिसे मंत्रोच्चारण के बीच उसके मायके में रोपा जाता है। वधु के माता-पिता अपनी बेटी की स्मृति में इसकी देखभाल करते हैं। यह आंदोलन आज उत्तराखंड व अन्य राज्यों के 6000 गांवों में फैल चुका है। सम्मान समारोह के दौरान सीआईआई पदाधिकारियों ने उत्तराखंड के सुनहरे भविष्य के लिए उत्तराखंड एट सेवंटी फाइव टुवा‌र्ड्स रोबस्ट ग्रोथ ऐंड इनक्लूजिव डेवलपमेंट दस्तावेज का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में सीआईआई (उत्तरी क्षेत्र)अध्यक्ष सलिल सिंघल ने कहा कि सीआईआई केवल औद्योगिक नहीं बल्कि समाज के सभी वर्गो के विकास की अवधारणा का पक्षधर है। इस मौके पर सभी को रोपण के लिए गुलमोहर के बीज बांटे गए। उधर, उद्यमियों के संगठन सीआईआई ने देश में घटते पेड़ों और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए मैती आंदोलन की तर्ज पर पौधरोपण की अनूठी मुहिम नन्ही छांह शुरू की है। इसके तहत बेटी के पैदा होने और वधु के गृह प्रवेश के मौके पर एक पौधा रोपा जाता है, जिसकी जीवनभर देखरेख की जाती है।

मुखिया विहीन हैं 48 महाविद्यालय

, हल्द्वानी राज्य में उच्च शिक्षा मजाक बनकर रह गयी है। महाविद्यालयों में अध्यापन तो दूर वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं हो पा रही है। विभागीय प्रोन्नति नहीं होने से राज्य के 48 कालेज बगैर प्राचार्य के संचालित हो रहे हैं। इनमें से 18 कालेजों में नियमित शिक्षक तक नहीं होने से परीक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। यह स्थिति तब है जब उच्च शिक्षा विभाग स्वयं सीएम के पास है और उन्होंने प्राचार्यो की नियुक्ति के लिए शीघ्र ही डीपीसी कराने के आदेश दे रखे हैं। उत्तराखंड में 65 राजकीय महाविद्यालय हैं। इनमें से स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में प्राचार्यो के 18 में से 14 पद रिक्त हैं तो 48 स्नातक महाविद्यालयों में प्राचार्यो के 34 पद खाली हैं। उच्च शिक्षा की इस अव्यवस्था का प्रभाव करीब 55 हजार छात्र-छात्राओं पर पड़ रहा है। इन महाविद्यालयों में प्राचार्यो की नियुक्ति की मांग सत्र शुरू होने के पहले से की जा रही थी। अब सत्र समाप्ति की ओर है और परीक्षाएं निकट हैं, पर हालात जस के तस हैं। आलम यह है कि राज्य के 18 महाविद्यालयों में नियमित प्राध्यापक ही नहीं हैं। इनमें लिपिकों के सहारे व्यवस्था संचालित हो रही है।

आर्मी कैंप में क्लोरीन रिसाव, डेढ़ सौ बीमार

रुद्रप्रयाग, जागरण कार्यालय: आर्मी कैम्प में शुक्रवार देर शाम क्लोरीन गैस के रिसाव से डेढ़ सौ से अधिक लोग बीमार हो गए। इनमें से 60 को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जबकि सेना के तकरीबन सौ लोग भी पीडि़त बताए जा रहे हैं। इस घटना के बाद से लोगों में दहशत हैं। शासन ने गैस रिसाव के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। शहर के मध्य में स्थित आर्मी कैम्प में शुक्रवार देर शाम लगभग साढे़ सात बजे पानी को साफ करने के लिए प्रयोग होने वाली क्लोरीन गैस के सिलेंडर से रिसाव होने लगा। इससे आर्मी कालोनी व आसपास के इलाके में लोगों को बेचैनी, खांसी व सांस लेने की दिक्कत हो गई। कई को उल्टियां होने लगीं। गैस का रिसाव अधिक होने से आर्मी कैम्प में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों के सहयोग से कई जवानों को शहर से बाहर गुलाबराय मैदान में ले जाया गया। इसी बीच आर्मी कैम्प के आस-पास के क्षेत्र के लोगों को भी दिक्कत होने लगी। देखते ही देखते जिला चिकित्सालय में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी।

राज्य आंदोलनकारियों को मिलेगी एकमुश्त अनुग्रह राशि

21 feb- देहरादूनराज्य निर्माण आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वालों को अब राज्य सरकार की ओर से एकमुश्त अनुग्रह राशि देने की तैयारी है। इसके अलावा शासन ने सभी आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही जिलाधिकारियों से कहा गया है कि नए मानकों के अनुरूप आंदोलनकारियों को चिह्नित करने का काम किसी भी दशा में 28 फरवरी तक पूरा कर लिया जाए। सूत्रों ने बताया कि खंडूड़ी सरकार ने अब आंदोलनकारियों को राज्य की ओर से अनुग्रह राशि देने का मन बनाया है। अभी यह तय किया जाना है कि यह राशि कितनी हो और किस रूप में इसे दिया जाए। खास बात यह भी है कि सरकार की इस नई योजना के दायरे में फिलहाल उन्हीं आंदोलनकारियों को शामिल किया जाएगा, जिनके नाम सीबीआई के मुकदमों में शामिल हैं। इस इस योजना को शीघ्र ही अंजाम तक पहुंचाने की तैयारी है।इधर, शासन के निर्देश पर नए मानकों के अनुसार सभी जिलों में आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण का काम चल रहा है।

Friday, 20 February 2009

जी हां, अवैध खनन से ही गिरा गौला पुल

19 feb- , हल्द्वानी: गौला पुल गिरने की जांच कर रही आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की बहुचर्चित रिपोर्ट भी आ गयी है। इसमें भी पुल गिरने का मूल कारण अवैध खनन ही बताया है। इसके अलावा पानी के बहाव को भी पुल गिरने की वजह बतायी गयी है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट शासन को मिल गयी है। वर्तमान में इसका अध्ययन किया जा रहा है। शहर के बाइपास का गौला पुल 21 जुलाई 2008 की रात अचानक ध्वस्त हो गया था। इसकी जांच के लिए शासन स्तर से सेवानिवृत्त अभियंता के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित की गयी। नेतृत्वकर्ता के विदेश जाने के कारण आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने पुल गिरने की जांच की। उन्होंने लोनिवि, वनविभाग के अधिकारियों के अलावा पुल के आसपास के लोगों से भी जानकारी हासिल की। जांच टीम ने अब रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इसमें साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि पुल की नींव के आपपास खनन किया गया। इससे पिलर कमजोर हो गये। उसमें यह भी है कि लगातार जेसीबी से खनन होने से पानी की धारा सीमित हो गयी थी। इससे पुल ध्वस्त हो गया। रिपोर्ट के आधार पर बहुत जल्द ही शासन स्तर पर बैठक होनी है। जिसमें यह तय किया जाएगा कि पुल गिरने के पीछे दोषी लोगों को विरुद्ध क्या कार्रवाई की जाये। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट पर कार्रवाई होने से वनविभाग के भी कई अफसरों के फंसने के आसार है। इसके अलावा अवैध खनन से जुड़े लोगों पर भी तलवार लटक रही है। लोक निर्माण विभाग के सचिव उत्पल कुमार सिंह ने रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए बताया कि पुल के पास से अधिक खनन निकासी से पुल ध्वस्त हुआ है। उन्होंने बताया कि जल्द ही शासन स्तर पर बैठक होने के बाद ही दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाही होगी।

एरियर : तीन साल तक लाकअप पीरियड में भी रखा जाएगा।

, देहरादून वेतन समिति की अनुशंसा के बाद सरकार ने वेतन व महंगाई भत्ता के एरियर का भुगतान तीन साल की तीन किस्तों में करने का तो फैसला किया है। इसके साथ ही इस रकम को अगले तीन साल तक लाकअप पीरियड में भी रखा जाएगा। छठे वेतनमान पुनर्रीक्षण के कारण एक जनवरी, 06 से देय हो गए वेतन बकाया की 40 फीसदी रकम का भुगतान कर्मचारी के सामान्य भविष्य निधि खाते में मार्च, 09 तक होगा। बाकी रकम का भुगतान वित्तीय वर्ष 09-10 व 10-11 में 30 फीसदी की दो किस्तों में होगा। इस राशि पर तीन साल का लापअप पीरियड प्रभावी होगा। यानि राशि जमा होने के बाद भी अगले तीन साल तक कार्मिक अपने खाते से कोई राशि नहीं निकाल सकेगा। सेवानिवृत्त कार्मिकों को मिलने वाली पेंशन राशि पर तीन साल लाकअप पीरियड की व्यवस्था लागू नहीं होगी पर उन्हें भी एरियर की रकम मार्च, 09 से मार्च, 11 के बीच 40, 30 व 30 फीसदी के अनुपात में ही दी जाएगी। नए शासनादेश में एक जनवरी, 06 से प्रथम वार्षिक वेतन वृद्धि को लेकर कर्मियों में बने संशय को दूर कर दिया गया है। वार्षिक वेतन वृद्धि जनवरी व जुलाई में होगी पर बढ़ोतरी न्यूनतम छह माह का समय पूरा होने पर ही लागू होगी। सरकार ने एक जनवरी-06 या इसके बाद सीधी भर्ती प्रक्रिया से नियुक्ति कार्मिकों के वेतन का निर्धारण भी चार वेतन बैंडों में कर दिया है। पहला वेतन बैंड 5200 से 13350, दूसरा 9300 से 13350, तीसरा 15600 से 21900 व चौथा 37400 से 47100 रुपये का तय किया गया है। पहले, दूसरे, तीसरे व चौथे वेतन बैंड के सापेक्ष ग्रेड वेतन क्रमश: 1800 से 2800, 4200 से 4800, 5400 से 7600 व 8700 से 12000 रुपये तय हुआ है। वेतन बैंड व ग्रेड वेतन का योग ही नया वेतन होगा।

बबली तेरो मोबाइल.,चंदना म्यारा पहाड़

19 feb- देहरादून, : डीएवी पीजी कालेज छात्र संघ सप्ताह के तीसरे दिन गढ़वाली गायक गजेंद्र राणा और संगीता ढौंढियाल के गीतों पर छात्र-छात्राएं जमकर थिरके। उन्होंने बबली तेरो मोबाइल.,चंदना म्यारा पहाड़ ऐई., मेरा द्यूरा मोहना तेरी जेएमयू की गाड़ी..,एक रुमाल छिप्यूं च तेरी साड़ी मा.आदि गीतों की प्रस्तुति दी। वहीं, राजेश जोशी ने अपनी मिमिक्री से छात्र-छात्राओं को लोटपोट कर दिया। बुधवार के कार्यक्रम में गायक गजेंद्र राणा ऐंड गु्रप ने प्रस्तुति दी। गजेंद्र और संगीता के गीतों ने छात्र-छात्राओं को झूमने को विवश कर दिया। छात्र पंडाल में ही खड़े होकर नाचने लगे। छात्र-छात्राओं को नियंत्रित करने के लिए एनसीसी के वॉलंटियर्स को खासी मशक्कत करनी पड़ी। इससे पूर्व पहले मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उत्तराखंड लोक पंचायत संचालक नरेंद्र रावत, जिला पंचायत सदस्य हेमा पुरोहित, प्राचार्य डा. अशोक कुमार, छात्र संघ अध्यक्ष राहुल रावत, महासचिव पराग भट्ट, उपाध्यक्ष प्रदीप बुटोला आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन छात्र संघ के मुख्य सलाहकार अनिल वर्मा ने किया। उधर, मंगलवार को आयोजित निबंध प्रतियोगिता के परिणाम भी घोषित कर दिए गए। इनमें बीएड के हरेंद्र सिंह को पहला, अनिल चंदोला और भारती नौटियाल को दूसरा तथा सुमित कुमार को तीसरा स्थान मिला। आनंद बलोदी, अंजना रावत, प्रीति रानी, इंदु पोखरियाल को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया। बुधवार को छात्र संघ सप्ताह के तहत कार्टून, ड्राइंग एंड पेंटिग प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। वीरवार को समारोह में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को मंगलेश डंगवाल और मीना राणा प्रस्तुति के अलावा कालेज के छात्र-छात्राएं भी प्रस्तुतियां देंगे।

vote for ganga

देहरादून कम ऑन लाइन वोटिंग और ऑफिशियल सपोर्ट ग्रुप के बिना दुनिया के सात नए कुदरती अजूबों की होड़ से भारत के चार अजूबे कहीं बाहर न हो जाएं। यह बात और है कि बुधवार तक दुनियाभर में न्यू सेवन वंडर ऑफ नेचर अभियान के दूसरे राउंड में विभिन्न सात वर्गो में गंगा नदी पहले, सुंदरबन तीसरे, काजीरंगा नेशनल पार्क 18वें और पांगोंग झील 19वें रैंक पर है। बताते चलें कि कम वोटों और ऑफिशियल सपोर्ट ग्रुप के बिना उत्तराखंड की फूलों की घाटी पहले ही राउंड में सात प्राकृतिक अजूबों की होड़ से बाहर हो गई थी। भारत और बांग्लादेश की संयुक्त प्रतिनिधि गंगा नदी के समर्थन के लिए न्यू सेवन वंडर्स के पास एक आवेदन भी आया है, मगर वह आवेदन सपोर्ट ग्रुप बनने की शर्ते पूरी नहींकरता। बहरहाल गंगा इसके बिना भी टॉप रैंक पर है। पर्वतों के वर्ग में पड़ोसी देश नेपाल का माउंट एवरेस्ट भी दुनिया भर के वोट पाकर पहले रैंक पर है। जंगलों के वर्ग में सुंदरबन को ऑफिशियल सपोर्ट ग्रुप का समर्थन हासिल है, बंगाली वोटों से वह तीसरे रैंक पर आ गया है। नदी-झील-प्रपात के वर्ग में जम्मू कश्मीर लद्दाख में भारत-चीन सीमा स्थित लद्दाख की पांगोंग झील पांच किमी चौड़ी झील है। इसका दो तिहाई हिस्सा चीन में और एक तिहाई हिस्सा भारत में पड़ता है। दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों भारत और चीन का संयुक्त प्रतिनिधि होने के बावजूद इसे भी कोई आधिकारिक समर्थन नहीं मिल पाया है। यह 19वें स्थान पर है। बाघों और पक्षियों के लिए मशहूर असम का काजीरंगा नेशनल पार्क इस होड़ में भारत का अकेला प्रतिनिधि है। काजीरंगा को हालांकि ऑफिशियिल सपोर्ट ग्रुप का समर्थन प्राप्त है, मगर कम ऑन लाइन वोटों के कारण यह अभी 18वें रैंक पर ही है। ज्यूरिख स्थित न्यू सेवन वंडर्स फाउंडेशन के मुख्यालय की जनसंपर्क अधिकारी टिया बी. वीइरिंग के मुताबिक दूसरे चरण के लिए 222 देशों के 261 प्राकृतिक स्थानों में होड़ है। जिसमें 7 जुलाई 2009 तक वोटिंग के बाद विश्व के 77 चुनिंदा प्राकृतिक आश्चर्य चुने जाएंगे। यूनेस्को के पूर्व निदेशक प्रोफेसर फ्रेडरिको मेयर की अध्यक्षता वाला न्यू सेवन वंडर्स फाउंडेशन का विशेषज्ञ पैनल 21 जुलाई को 77 प्राकृतिक आश्चर्यो में से 21 आधिकारिक प्राकृतिक आश्चर्यो की घोषणा करेगा। तीसरे और फाइनल राउंड के लिए 2011 तक 1 अरब मतदान हो जाने पर विश्व के सात कुदरती अजूबों की घोषणा की जाएगी।

एलटी के चार हजार रिक्त पदों पर शीध्र भर्ती

१९ feb-देहरादून, : एलटी शिक्षकों के चार हजार रिक्त पदों पर प्रशिक्षित बेरोजगारों को भर्ती का तोहफा मिलेगा। हफ्तेभर में इसकी प्रक्रिया शुरू होगी। अगले सत्र के लिए विशिष्ट बीटीसी की नियुक्ति प्रक्रिया एक-दो दिन में शुरू की जाएगी। इसके लिए सरकार को एनसीटीई से अनुमति मिल गई है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले शिक्षा महकमे में हजारों प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए रोजगार के द्वार खुल जाएंगे। महकमे में रोजगार के अवसरों को खंगालने और कामचलाऊ तौर कार्यरत अथवा कार्य कर चुके शिक्षकों को नियमित करने की हरसंभव रास्ता तलाश किया जा रहा है। मंत्रिमंडल की उप समिति की बुधवार को आयोजित बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। यह तय किया गया है कि आचार संहिता लागू होने से पहले एलटी शिक्षकों के तकरीबन चार हजार रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस संबंध में महकमे के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं, विशिष्ट बीटीसी अगले सत्र में जारी रखने के मामले में भी सरकार के हाथ कामयाबी लगी है। एनसीटीई ने विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को हरी झंडी दिखा दी है। लिहाजा उप समिति ने महकमे से विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण जल्द शुरू करने को कहा है। राज्य के प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत करीब चार हजार शिक्षा मित्रों को स्थायी करने पर सहमति बनी है। एनसीटीई ने इस मामले में भी अनुकूल रुख दिखाया है। उप समिति ने पहले चरण में शिक्षा मित्र के तौर पर कार्यरत प्रशिक्षित स्नातकों को समायोजित करने को हरी झंडी दिखाई है। विश्र्वस्त सूत्रों के मुताबिक शिक्षा मित्रों को स्थायीकरण के लिए जरूरी शैक्षिक योग्यता पूरी करने का मौका दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त शिक्षा आचार्य-अनुदेशकों, पत्राचार बीटीसी, व्यावसायिक शिक्षकों के मामले में भी अनुकूल रवैया अपनाया गया है। महकमे को हफ्तेभर में उक्त शिक्षकों के समायोजन का रास्ता तैयार करने को कहा गया है। बीटीसी की 1625 सीटों पर प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। अगले सत्र की शुरुआत में यह प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। बैठक में उप समिति के अध्यक्ष कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिक्षा मंत्री मदन कौशिक व पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत मौजूद थे। उप समिति के फैसलों के बाद उक्त मामलों में जल्द शासनादेश जारी होने की उम्मीद है।

सरकार ने डाक्टर से लेकर सोल्जर तक, हर तबके को सौगात

19feb- डाक्टर से सोल्जर तक सौगात देहरादून, : सरकार ने डाक्टर से लेकर सोल्जर तक, हर तबके को सौगात दी है। डाक्टरों के एनपीए का मसला हल हो गया है तो द्वितीय विश्व युद्ध के जवानों को घर पर ही जीवन प्रमाण पत्र मिलेगा। शहीद आंदोलकारियों के नाम से स्कूलों, सड़कों व अस्पतालों का नामकरण होगा, जबकि कम आय वाले एससी-एसटी के लिए दस हजार आवास बनेंगे। टिहरी झील विकास प्राधिकरण के गठन करने का निर्णय लिया गया है तो शिल्पकारों को पारंपरिक वाद्य यंत्रों का प्रशिक्षण आईटीआई में मिलेगा। अति विकलांगों के लिए सहायता राशि बढ़ी है और 22 हजार प्रतिवर्ष की आय वालों के लिए पचास वर्ग मीटर नजूल के पट्टे फ्री-होल्ड होंगे। सचिवालय के सभाकक्ष में आयोजित ब्रीफिंग में कैबिनेट में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने बताया कि टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनाया जाएगा। इसके लिए टिहरी झील विकास प्राधिकरण के गठन का निर्णय किया गया है। भगीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण लागू रहेगा। कैबिनेट में नजूल नीति पर भी चर्चा हुई। अब पचास वर्ग मीटर के उन पट्टों को फ्री-होल्ड किया जा सकेगा, जो शर्तो के अनुरूप होंगे। इसमें आय सीमा का भी आंकलन किया जाएगा। एससी व एसटी के लिए अटल बिहारी वाजपेयी आवास योजना के तहत दस हजार आवास बनाए जाएंगे। इसके लिए 36 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। शिल्पकारों को परंपरागत वाद्य यंत्रों का प्रशिक्षण देने की नई व्यवस्था की गई है। छह आईटीआई में वाद्य यंत्रों का प्रशिक्षण पांच सौ प्रशिणार्थियों को दिया जाएगा। इससे जहां एससी-एसटी को रोजगार मिलेगा, वहीं संस्कृति, परंपरा व कला को भी पोषित किया जा सकेगा। देहरादून की शिमला रोड अब शहीद गजेंद्र सिंह के नाम से जानी जाएगी, जबकि उत्तराखंड आंदोलन में शहीद लोगों के नाम से मसूरी व खटीमा में सड़कों, विद्यालयों व अस्पतालों का नामकरण होगा। खटीमा की पुरानी तहसील परिसर में शहीद स्मारक बनाया जाएगा। कैबिनेट ने फोटोग्राफिक पेपर, पैक्ड नमकीन तथा निर्माण में प्रयोग होने वाली मशीनरी पर वैट 12.5 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत कर दिया है। अति विकलांगों(70 प्रतिशत से अधिक) की सहायता राशि को चार सौ रुपये से बढ़ाकर छह सौ रुपये कर दिया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल सैनिकों को अब जीवन प्रमाण पत्र के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। नई व्यवस्था में अधिकारी इन लोगों के निवास पर जाकर ही आवश्यक कार्यवाही पूरी करेंगे। छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप कैबिनेट ने चिकित्सकों को ग्रेड-पे के आधार पर एनपीए देने का निर्णय किया गया

Wednesday, 18 February 2009

बेरोजगारों का गुस्सा फूटा, सड़कों पर उतरे

18 feb- देहरादून: नियुक्ति की एक सूत्रीय मांग को लेकर लंबे समय से जूझ रहे बेरोजगारों का सब्र अब जबाव देने लगा है। मंगलवार को सरकार की बेरुखी से आहत एनटीटी प्रशिक्षित, योग प्रशिक्षित और डिप्लोमा फार्मासिस्ट हाथ मिला सड़क पर उतर आए। यहां उनका गुस्सा निकला सड़क किनारे लगे सरकारी होर्डिग्स पर। बेरोजगारों ने सरकारी होर्डिग्स फाड़ डाले और सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार और गुरुवार को सामूहिक आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। मंगलवार को एनटीटी प्रशिक्षित, योग प्रशिक्षित और डिप्लोमा फार्मासिस्टों ने गांधी पार्क में एकत्र होकर सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया। इसके बाद जुलूस के रूप में तीनों संगठनों के बेरोजगार घंटाघर पहुंचे और सांकेतिक जाम लगाया। यहां पर योग प्रशिक्षितों के साथ पुलिस की बहस भी हुई। घंटाघर पर डिप्लोमा फार्मासिस्टों ने सरकारी बैनर आदि फाड़ डाले। यहां से नारेबाजी करते हुए बेरोजगारों ने सचिवालय की ओर कूच किया। घंटाघर से सचिवालय की ओर जाते हुए प्रदर्शनकारियों का गुस्सा सरकारी होर्डिग्स पर उतरा। प्रदर्शनकारियों ने राजपुर रोड पर लगे होर्डिग्स फाड़ डाले। इस बीच राजपुर रोड, घंटाघर और दिलाराम चौक के पास वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। सचिवालय पहुंचकर तीनों संगठन गेट के सामने बैठ गए और सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। इस बीच बेरोजगारों ने बुधवार तक निर्णय न लिए जाने पर गुरुवार को सामूहिक रूप से आत्मदाह करने की चेतावनी दी। एनटीटी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ की अध्यक्ष योगिता जोशी ने कहा कि अगर 18 फरवरी को सरकार ने सकारात्मक निर्णय न लिए तो परिणाम भयावह होंगे। डिप्लोमा फार्मासिस्ट बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राहुल लखेड़ा ने कहा कि मांग पूरी न होने की स्थिति में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। योग प्रशिक्षित सोसाइटी के अध्यक्ष गणेश भट्ट ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। प्रदर्शन में एनटीटी बेरोजगार उषा भट्ट, सुमन, मधु, रेणु, प्रियंका, हेमलता, जयंती, सुनीता, प्रेमलता, श्वेता, बीना, अमीता, नर्मदा. पिंकी, डिप्लोमा फार्मासिस्ट देवेंद्र प्रसाद, राजेंद्र नयाल, तारा दत्त आदि शामिल थे।

उन्नति पर हमारा पहाड़

विवि कर्मियों की हड़ताल से कामकाज ठप

18 feb-नैनीताल: यूजीसी की सिफारिशें लागू करने व कुमाऊं विवि को केंद्रीय दर्जा प्रदान करने की मांग के समर्थन में कूटा का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान बैठक में शासन के कुमाऊं विवि के प्रति नकारात्मक रवैये की तीखी निंदा की गई। कूटा केंद्रीय विवि को लेकर जनमत तैयार करने में जुटा है। मंगलवार को डीएसबी परिसर प्रांगण में एकत्र प्राध्यापकों ने बैठक कर यूजीसी की सिफारिशों के अनुरूप उन्हें सुविधाएं दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई। वक्ताओं ने राज्य सरकार द्वारा विवि की हर स्तर पर की जा रही उपेक्षा को निंदनीय बताते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कुमाऊं पिछड़ता जा रहा है। वक्ताओं ने केंद्रीय विवि को लेकर राज्य व केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेताया कि यदि इस मसले पर निर्णय नहीं लिया गया तो कूटा लोस चुनाव बहिष्कार के फैसले से पीछे नहीं हटेगा। कूटा अध्यक्ष डा.अजय अरोरा ने बताया कि बुधवार से सभी शिक्षक शिक्षणेतर कर्मियों के साथ मिलकर विवि प्रशासनिक भवन में सभा करेंगे। इस मौके पर प्रो.पीएस आनंद, प्रो.आरसी मिश्रा, प्रो.डीएस कार्की, प्रो.बीआर कौशल, प्रो.बीएस बिष्ट, प्रो.एसएम पाण्डे, प्रो.अनिता परिहार, प्रो.मधुबाला नयाल, प्रो.मुन्नी पलडि़या, प्रो.आरपी सिंह, प्रो.जीएस नेगी, डा.विजय कृष्ण, प्रो.अनिल जोशी, डा.शिरीष मौर्य, डा.चंद्रकला रावत, डा.राजेश्र्वरी पंत समेत अन्य प्राध्यापक मौजूद थे। संचालन डा.पीडी पंत ने किया। कुमाऊं विवि के शिक्षणेतर कर्मियों की बेमियादी हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। हड़ताल के कारण विवि प्रशासनिक भवन तथा डीएसबी परिसर में कामकाज ठप रहा। विवि में तालाबंदी के कारण छात्रों को बैरंग लौटना पड़ा। विवि प्रशासनिक भवन में आयोजित सभा में सरकार के कर्मचारी विरोधी रवैये पर तीव्र रोष जाहिर किया गया। प्रशासनिक भवन प्रांगण में विवि संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक एनडी बिनवाल की अध्यक्षता में हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने राज्य कर्मियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने की घोषणा कर दी है, लेकिन विवि कर्मियों को जानबूझकर इस लाभ से वंचित किया जा रहा है। इस अवसर पर 19 फरवरी को संयुक्त मोर्चा के बैनर तले नगर में रैली निकालने और डीएम के माध्यम से को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने का ऐलान किया गया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार लगातार विकास कार्यो की घोषणाएं कर रही है, लेकिन कर्मचारियों के हितों पर खामोश है। वक्ताओं ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू न करने पर आंदोलन तेज करने की धमकी दी। इस दौरान विवि में कार्यरत संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग भी की गई। इसके अलावा विवि के वित्तीय संकट को दूर करने और डीपीसी कराने पर भी जोर दिया गया। सभा में पहुंचे विवि कार्य परिषद के सदस्य डा.सुरेश डालाकोटी ने भी आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया। इस मौके पर कर्मचारी नेता एनएस रजवार, वीरेन्द्र जोशी, आरसी पंत, एलडी खुल्बे, डीसी हर्बोला, नीरज साह, भूपाल करायत, चंद्रशेखर भट्ट, जगदीश पपनै, एमएम पांडे, इंद्रा पंत, आनंद रावत, हेमंत सनवाल आदि ने विचार रखे। सभा का संचालन कुंवर सिंह जलाल ने किया। इधर कर्मचारी संयुक्त मोर्चे ने विवि कर्मियों के आंदोलन के समर्थन में गुरुवार 19 फरवरी को नैनीताल में विशाल रैली निकालने का ऐलान किया है।